मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

अब पूरे स्ट्रेच पर चलेगा नमामि गंगे मिशन!

यूपी में आ रही बाधाएं जल्द दूर होगी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे मिशन’ में पूर्ववर्ती सरकार के कारण आ रही सभी अड़चने दूर होती नजर आने लगी है। इसलिए अब केंद्र सरकार ने नमामि गंगे अभियान को पूरे स्ट्रेच पर आगे बढ़ाने की योजना बनाई है।
नमामि गंगे अभियान के लिए जुटे केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने गंगा किनारे काम को तेज करने के लिए जिस प्रकार से पिछले साल जुलाई में सैकड़ो परियोजनाओं को पटरी पर उतारा था, उसमें केंद्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा गठित की गई विभिन्न विशेषज्ञ समितियों के अध्ययन के बाद गंगा किनारे प्रदूषण फैलाने वाली करीब 764 औद्योगिक ईकाईयों को जल शोधन संयंत्र लगाकर शोधित जल ही नदियों में डालने के कड़े निर्देश दिये थे,जिनका कैमिकलयुक्त और प्रदूषित जल सीधे गंगा व अन्य नदियों में जाता रहा है। इसके लिए गंगा में गंदा पानी और प्रदूषित जल को रोकने के लिए जहां इन औद्योगिक ईकाईयों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया था, वहीं नगर निगम व नगरपालिकाओं और नगर पंचायत के अलावा ग्राम पंचायत की बसावट से निकलने वाले गंदे नालों को भी सूचिबद्ध करके जल शोधन संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। वहीं गंदे नालों की गाद और अन्य पदार्थो को डम्प करने की वैकल्पिक व्यवस्था भी सरकार की परियोजना का हिस्सा रही है।
कानपुर दुनिया का सबसे गंदा स्ट्रेच
मंत्रालय के अनुसार इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार की असहयोग नीति के कारण पिछले दो साल से प्रमुख रूप से कानपुर से गुजर रही गंगा नदी में पड़ने वाली चमड़ा फैक्ट्रियों के गंदे पानी को रोकने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी कारण सबसे बड़ी समस्या कानपुर में प्रदूषित गंगा इस मिशन की बड़ी अड़चन बनी रही है। इस अड़चन को कई बार खुद केंद्रीय मंत्री उमा भारती उजागर करती रही हैं।
योगी के एक फैसले का असर
दरअसल प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार बनने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने मुख्यमंत्रीआदित्यनाथ के साथ एक बैठक करके कई मुद्दो पर चर्चा की, जिसके बारे में उमा भारती ने आज मंगलवार कोमीडिया के साथ रूबरू होकर जानकारी दी कि अब नमामि गंगे मिशन को आगे बढ़ाने में कोई बाधा आए ऐसीसंभावनाएं यूपी सरकार के साथ बनी सहमति के बाद प्रबल हो गई है। उनका कहना है कि योगी सरकार ने कानपुर मेंगंगा को गंदा करने में लगी चमड़ा औद्योगिक ईकाईयों को वहां हटाकर अन्य स्थानों पर हस्तांतरित करने का फैसला लिया, जिसके बाद चमड़ा उद्यमियों में बेचैनी शुरू हो गई और एसटीपी की स्थापना तथा शोधित जल का उपयोग करने को राजी नजर आने लगे। जबकि सितंबर 2014 में ही उमा भारती ने गंगा किनारे चिन्हित सभी 674 उद्योगिक ईकाईयो के स्वामियों की बैठक बुलाकर नमामि गंगे मिशन के तहत आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिये थे।

गंदा पानी नहीं आने दिया जाएगा
केद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती का कहना है कि नदियों में पड़ने वाले चिन्हित नालों के अलावा ऐसे हजारों नाले हैं जिनका गंदा पानी गंगा या अन्य नदियों में आता है। इसलिए अब उनके मंत्रालय ने फैसला किया है कि चिन्हित नालों या औद्योगिक ईकाईयों के अलावा गंगा में पड़ने वाले सभी प्रकार के जल प्रवाह को रोकने के लिए नमामि गंगेअभियान को पूरे स्ट्रेच पर आगे बढ़ाया जाएगा। उनका कहना है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और केंद्रीय प्रदूषण बोर्डभी नदियों के जल को प्रदूषणमुक्त करने की दिशा में सख्त है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही गंगा कानून लेकर आएगी, जिसके बाद गंगा और सहायक नदियों में किसी नालों या अन्य स्रोतों से गंदा पानी नहीं पड़ने दिया जाएगा।
19Apr-2017

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