सोमवार, 10 अप्रैल 2017

मोटर यान विधेयक लोकसभा में पारित!

नए कानून में यातायात के सख्त प्रावधान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की परिवहन व्यवस्था को सुरक्षा मानकों पर ई-प्रणाली में बदलने वाले ऐतिहासिक नए मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक को दो दिन की चर्चा के बाद लोकसभा में पारित कर दिया गया है। अब इसे मंजूरी के लिए राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जिस पर मंगलवार को चर्चा शुरू होने की उम्मीद है।
देश में परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने और सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दृष्टि से यातायात नियमों के प्रावधानों को सख्त करते हुए नए विधेयक में 1988 के कानून में व्यापक संशोधन किये गये हैं। मसलन याताया नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुमार्ना लगाने तथा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वालों को कानूनी उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने वाले इस नए कानूनी विधेयक को लोकसभा में पारित कराकर केंद्र सरकार ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है, इस नये विधेयक में यातायात के विभिन्न नियमों के उल्लंघनकतार्ओं पर भारी जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। वहीं संशोधित विधेयक में नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने के दौरान हुई दुर्घटना पर गाड़ी के मालिक को तीन साल जेल की सजा तथा दुर्घटना का शिकार हुए पीड़ित को 10 गुना अधिक मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान है। मोदी सरकार के इस नए मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2016 को केंद्रीय कैनिबेट ने 31 मार्च को ही मंजूरी दी थी। हालांकि इससे पहले यह विधेयक को बीते साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसे अध्ययन के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। समिति के सुझावों का केंद्रीय कैबिनेट ने मानते हुए मंजूरी देकर पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश किया था, जिस पर हुई चर्चा सोमवार को पूरी हुई और इसे निचले सदन में मंजूर कर लिया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, हालांकि मंगलवार की कार्यसूची में इस विधेयक को देर शाम तक शामिल नहीं किया गया था।
क्या हैं कानूनी प्रावधान?
लोकसभा में पारित मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक सड़क सुरक्षा, यात्रियों की सुविधा, सार्वजनिक और ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने तथा देश में परिवहन परिदृश्य में सुधार के साथ ही यातायात नियमों के उल्लंघन में दंड की राशि बढ़ाए जाने संबंधी प्रस्तावित विधेयक है। इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों पर गौर की जाए तो इसके तहत यह विधेयक वर्तमान मोटर वाहन अधिनियम-1988 में संशोधन का प्रावधान करता है। वर्तमान में मोटर वाहन अधिनियम में 223 धाराएं हैं, जिसमें से 68 धाराओं को इस विधेयक द्वारा संशोधित करने का प्रस्ताव है। खासतौर से इस विधेयक में तीसरे पक्ष के बीमा दावों और निपटान की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु मोटर वाहन अधिनियम-1988 से अध्याय-10 को हटाने तथा अध्याय-11 को नए प्रावधानों से बदलने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में लाइसेंस या परमिट जारी करने, फॉर्म या आवेदन भरने, पता बदलने तथा धन की प्राप्ति (जैसे-जुमार्ना) हेतु कंप्यूटरीकरण का प्रावधान है। यही नहीं इस संशोधन विधेयक में ‘राष्ट्रीय परिवहन नीति’ का निर्माण करने का प्रावधान है, जिसे केंद्र सरकार राज्यों से विचार-विमर्श द्वारा विकसित करेगी।
11Apr-2017

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