शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

जल्द तैयार होगा ‘गोल्डन नेकलस’ का निर्माण

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का 60 फीसदी निर्माण पूरा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहनों का बोझ कम करने की दिशा में चल रहे 7558 करोड़ रुपये की लागत वाली इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे और वेस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि ‘गोल्डन नेकलस’ के निर्माण का काम अगले साल पूरा हो जाएगा। इस मेगा सड़क परियोजना से दिल्ली जैसे महानगर में प्रवेश किये बिना अन्य राज्यों के वाहन अन्य राज्यों में जा सकेंगे।
केंद्र सरकार की दिल्ली के चारो ओर पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे की महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के लिए 7558 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है, जिसमें वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण इसी साल अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जबकि 4418 करोड़ रुपये की लागत से देश के पहले एक्सेस कंट्रोल के रूप में 135 किमी लम्बाई वाले ‘ईस्टन पेरीफेरी एक्सप्रेस-वे’ का निर्माण कार्य करीब 60 फीसदी पूरा हो चुका है। शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल मीडिया को इस निर्माण कार्य का हैलीकाप्टर से हवाई अवलोकन कराया है। उन्होंने कहा कि अगले साल के पहले तिमाही तक इसका निर्माण पूरा होने की संभावना है। गत 5 नवंबर 2015 को पीएम ने 400 दिन में पूरा करने का समय दिया था, लेकिन किसानों के विरोध के कारण विलंब हुआ है। किसानों की अधिग्रहीत भूमि के लिए सरकार ने उन्हें भूमिअधिग्रहण का 4,100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त भुगतान बढ़ाकर अब तक 7,700 करोड़ का मुआवजा दिया गया। अब उम्मीद है कि वर्ष 2017 तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान ग रहे।
यहां से गुजरेगा इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे
दिल्ली का ‘गोल्डन नेकलेस’ बनाने वाला 135 किमी लंबा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले के 13.035 किमी व फरीदाबाद-पलवल जिले के 35.513 किमी समेत कुल 48.55 किमी में होगा, जबकि शेष 86.45 किमी राजमार्ग का निर्माण उत्तर प्रदेश के हिस्से में गौतमबुद्धनगर जिले में 41.608 किमी, गाजियाबाद जिले में 24.665 किमी तथा बागपत जिले में 20.158 किमी तक किया जा रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हरिभूमि को बताया कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएच-1 पर सोनीपत के कुंडली गांव के पास से शुरू होगा, जो यमुना नदी को पार करते हुए बागपत जिले के एसएच-57 को पार करते हुए मवीकलां गांव से निकट से गुजरेगा। यहां से एनएच-58 पर दुहाई गांव से होते हुए एनएच-24 पर डासना के निकट से होते हुए एनएच-91 पर अकबरपुर और कासना सिंकंदरा बाद रोड के निकट सिरसा को पार करके ताज एक्सप्रेस-वे पर जगनपुर अफजलपुर गावं तक करीब 92 किमी का नर्माण होगा। यहां फिर यमुना नदी को पार करते हुए मौजपुर गांव के निकट अटाली-छैनसा रोड होते हुए पलवल तक पहुंचेगा। खास बात यह भी है कि पलवल जाने के बाद यह वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ स्वत: ही लिंक हो जाएगा, जो सोनीपत के कुंडली में ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
98 गांवों की बदलेगी तस्वीर
इस 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि ईपीई के दायरे में हरियाणा के 32 गांव आएंगे, जिसमें सोनीपत जिले के आठ व फरीदाबाद-पलवल जिले के 24 गांव शामिल हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के 66 गांव इस राजमार्ग के रूप में बनने वाले एक्सप्रेस-वे के दायरे में होंगे, जिनमें बागपत जिले के 12, गाजियाबाद जिले के 16 तथा गौतमबुद्धनगर के 39 गांव शामिल हैं। इसके निर्माण में जहां हाइवे को पार करना होगा, उसके लिए ऊपरी पुलों का निर्माण किया जाएगा। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के रास्ते में प्रमुख रूप से यमुना नदी, हिंडन नदी और आगरा कैनाल के ब्रिज होंगे। इस दृष्टि से इस परियोजना के तहत 45 छोटे ब्रिज, आठ रेलवे ओवर ब्रिज, चार μलाई ओवर, 77 अंडर पास, 152 पेड्रेस्ट्रियन अंडरपास और 116 कल्वर्ड बनाए जा रहे हैं।
देश में बनेंगे 11 नए एक्सप्रेस-वे 
राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई का होगा विस्तार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने की दिशा में मोदी सरकार की चलाई जा रही ताबड़तोड़ सड़क परियोजनाओं के जरिए देश में 96 हजार किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई बढ़ाकर दो लाख किमी करने का लक्ष्य रखा है। इन्हीं परियोजनाओं के तहत देश में 11 नए एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना को आगे बढ़ाया गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार का ‘ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे’ के जारी निर्माण का हवाई अवलोकन कराने के दौरान नेशनल मीडिया को बताया कि देश में 52 लाख किमी लम्बी सड़क में दो साल पहले 96 हजार किमी राष्ट्रीय राजमार्ग था, जिसकी लंबाई को दो लाख किमी करने का लक्ष्य के तहत सरकार ने अब तक 1.78 लाख किमी हाइवे पर सैद्धांतिक सहमति के बाद निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में 11 नए एक्सप्रेस-वे की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें तीन एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य वर्ष 2017 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
ये बनेंगे नए एक्सप्रेस-वे
-ईस्टन पेरीफेरल 135 किमी
-वेस्टर्न पेरीफेरल 135 किमी
-दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे 90 किमी
-दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे 196 किमी
-दिल्ली-लुधियाना-अमृतसर-कटरा 600 किमी
-मुम्बई-बदोदरा एक्सप्रेस-वे 375 किमी
-बंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेस-वे 350 किमी
-हैदराबाद-विजयबाड़ा-अमरावती
-हैदराबाद- बंगलुरू एक्सप्रेस-वे
-नागपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे
-अमरावती रिंग रोड एक्सप्रेस-वे

दिल्ली को मिलेगी जाम से निजात
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण में एक्सेस कंट्रोल, हाइवे ट्राफिक मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रानिक साइनेजस, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम, वार्निंग डिवाइसेस, ओवर स्पीड चेकिंग सिस्टम, वे-इन मोशन, फाइवर आप्टिक नेटवर्क सहित कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईस्टन पेरीफेरी बनने का दिल्ली के यातायात जाम को सबसे बड़ा फायदा होगा, जहां इस योजना के जरिए दिल्ली की 50 फीसदी ट्राफिक जाम की समस्या हल होगी तथा राजधानी के प्रदूषण में भी कमी आने की संभावना है। वहीं ईस्टन पेरीफेरी बनने से उप्र, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर को जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों दिल्ली नहीं आना पड़ेगा।
29Apr-2017

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