मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

सड़क सुरंग: कश्मीर को दिखाया विकास का 'रास्ता'

मोदी ने किया सबसे लंबी सड़क सुरंग का उद्घाटन
उधमपुर से ओ.पी. पाल

जम्मू कश्मीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग का उद्घाटन करके जो सौगात दी है उससे इस सूबे में आर्थिक विकास की लंबी छलांग माना जा रहा हैै। इसलिए मोदी ने कश्मीर के युवाओं को सही रास्ते पर चलने की सलाह दी है।
सड़क सुरंग का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने एशिया की सबसे लंबी सुरंग के रूप में तोहफा देने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सुरंग जम्मू कश्मीर के लिए विकास की लंबी छलांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जो भी लोग उपस्थित हैं वो सबलोग मिलकर इसका उद्घाटन कीजिए। पीएम ने कहा हिमालय की गोद में सुरंग बनाकर हमने पर्यावरण की रक्षा का काम किया है।पीएम ने कहा कि इस सुरंग में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पसीने की महक है। इस सुरंग की चर्चा पूरे विश्व में होगी। 
समझनी होगी  पत्थर की ताकत
मोदी ने कश्मीरी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पत्थर की ताकत क्या होती है। एक तरफ कुछ नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं और कुछ ने पत्थर काट कर यह सुरंग बना दी। ये कश्मीर घाटी की भाग्य रेखा होगी। यह सुरंग कश्मीर के लिए नए रोजगार के मार्ग खोलेगा। पीएम ने कहा कि 40 साल से कश्मीर में आतंकवाद से धरती लहूलुहान हुई है। कश्मीर के युवाओं के पास दो रास्ते हैं एक ओर टूरिज्म है दूसरी तरफ टेररिज्म है। पीएम ने कहा कि नौजवानों को टूरिज्म की ताकत समझनी होगी।
भाषण में पीओके का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि विकास का सपना देखने का अधिकार सभी के पास है। पीओके के लोगों को भी विकास के बारे अपनी राय रखने का अधिकार है। पीएम मोदी सार्वजनिक तौर पर अपने भाषण में दो बार पीओके का जिक्र कर चुके हैं। इससे पहले स्वंतत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्रचारी से पीएम मोदी ने पीओके का जिक्र किया था।
सुरंग का लिया जायजा
मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर यह सुरंग देश को समर्पित की। इसके बाद पीएम ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुμती के साथ एक खुली जीप में सवार होकर सुंरग के अंदर मुआयना किया। कुछ दूर जाने के बाद मोदी जीप से भी उतर गए और पैदल ही सुंरग का निरीक्षण करने लगे। इस दौरान सुरंग बनाने वाली टेक्निकल टीम भी उनके साथ थी।मोदी ने तकनीकी टीम से सुंरग की बारीकियां समझीं। पीएम एसओएस बॉक्स के अंदर भी गए और आपात स्थिति में मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने आपात स्थिति के लिए मुख्य सुरंग के समानांतर बनाई गई दूसरी सुरंग देखी। इस सुरंग का मकसद यह है कि किसी हादसे की सूरत में यात्रियों को एक सुरंग से दूसरी में पहुंचाया जा सके। इस दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मोदी के साथ मौजूद रहे।
सुरंग बनाने में लगें करीब 5 वर्ष
हिंदुस्तान की सबसे लंबी सुरंग को तैयार करने में करीब पांच साल का वक्त लगा, लेकिन दिलचस्प ये है कि इन पांच वर्षों में हिमालय पर एक भी पेड़ नहीं काटे गए। इतना ही नहीं ज्यादातर स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देकर सुरंग के काम में लगाया गया. उम्मीद की जा रही है कि सुरंग की वजह से कश्मीर घाटी में कारोबार बढ़ेगा और सैलानियों की तादाद भी बढ़ेगी। चेनानी नशरी सुरंग धरती की जन्नत के लिए वाकई नायाब तोहफा है। ऐसा तोहफा जिसने घाटी को उम्मीदों की नई रोशनी दी है।
सड़क सुरंग की विशेषताएं
-राजमार्ग पर 286 किलोमीटर लंबी चार लेन वाली परियोजना का हिस्सा 9.2 किलोमीटर लंबी दोहरी ट्यूब सुरंग पर 23 मई 2011 को काम शुरू हुआ।
- 3,720 करोड़ रुपए की लागत वाला यह सुरंग मार्ग निचली हिमालय पर्वत श्रृंखला में बनाया गया है।
-यह सुरंग 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भारत का पहला ऐसा मार्ग होगा जो विश्व स्तरीय ह्यसमेकित सुरंग नियंत्रण प्रणालीह्ण से लैस होगा और जिसमें हवा के आवागमन , अग्निशमन, सिग्नल, संचार और बिजली की व्यवस्था स्वचालित तरीके से काम करेगी।
-इस मार्ग से राज्य की दो राजधानियों जम्मू और श्रीनगर के बीच सफर में ढाई घंटे कम समय लगेगा।
-सड़क मार्ग से चेनानी और नशरी के बीच की दूरी 41 किलोमीटर के बजाए अब 10.9 किलोमीटर रह जाएगी।
-इस सुरंग की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें 120 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिनमें हर कैमरे की दूरी 75 मीटर है।
-आईटीसीआर चिंताजनक हालात में सुरंग के अंदर मौजूद कर्मचारियों से संपर्क करके समस्या का निदान करेगा। सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगें हैं।
-आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हॉट लाइन की तरह कर सकेंगे।
-आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस ह्लहेलोह्व बोलना होगा।
-एसओएस बॉक्स में फर्स्टएड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगे।
03Apr-2017

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