बुधवार, 26 अप्रैल 2017

मुनाफे में आए देश के प्रमुख बंदरगाह!

निजी क्षेत्र को पीछे छोड़ हासिल की 6.79 फीसदी वृद्धि
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देश में समुद्री कारोबार को प्रोत्साहन देने की दिशा में देश के प्रमुख 12 बंदरगाहों को आधुनिकीकरण और विकसित करने की मुहिम रंग लाती नजर आई। ऐसी ही परियोजनाओं का नतीजा रहा है कि सरकार के अधीन इन बंदरगाहों का मुनाफा लगातार बढ़ने लगा है। बीते वित्तीय वर्ष में बंदरगाहों के मुनाफे में पिछले साल की तुलना में 6.79 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार देश के 12 बड़े बंदरगाहों को वित्त वर्ष 2016-17 में 5 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में हुए चार हजार करोड़ के मुकाबले एक हजार करोड़ रुपये अधिक है। सरकार का समुद्री कारोबार को बढ़ावा देने के लिए जहाजों के टर्नअराउंड टाइम को कम करने और कई नॉन-कोर कमोडिटीज को अपने फ्रेट बास्केट में जोड़ने पर अधिक जोर रहा है। यही नीति इन बंदरगाहों की आर्थिक मुनाफे की दृष्टि से फायदेमंद साबित हो रही है। मंत्रालय के अनुसार सरकार ने 116 पहलों में से 70 का कार्यान्वयन किया जा चुका है, जबकि बाकी को 2019 तक कार्यान्वित किया जाएगा। मंत्रालय का दावा है कि इन एक दर्जन बंदरगाहों के मुनाफे की बढ़ोतरी निजी क्षेत्र के बंदरगाहों से कहीं आगे निकल गई है, जबकि निजी क्षेत्र का मुनाफा चार प्रतिशत ही दर्ज किया गया है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने अब चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में सात हजार करोड़ रुपये के मुनाफे का लक्ष्य तय किया है।
मॉमुर्गाओ पोर्ट अव्वल
मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2016-17 में गोवा के मॉमुर्गाओ पोर्ट का मुनाफा सर्वाधिक 60 फीसदी रहा, जो आजादी के बाद से आज तक देश में किसी भी बंदरगाह की सबसे तेज आर्थिक बढ़ोतरी है। हालांकि मुंबई के जेएनपीटी ने सबसे अधिक 1,303 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया और वर्ष 2014 के बाद से बड़े बंदरगाह का मुनाफा बेहतर रहा है, क्योंकि उस साल की वॉल्यूम ग्रोथ 55.5 करोड़ टन से बढ़कर 2016-17 में 64.8 करोड़ टन हो गई है, जहां समुद्री यातायात में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण कमोडिटी में आयरन ओर की वृद्धि 163 प्रतिशत दर्ज की गई। मुंबई के इस बंदरगाह से 2.5 लाख से अधिक कारों का निर्यात भी किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे शिपिंग कॉरपोरेशंस का प्रॉफिट और अधिक होगा क्योंकि शिपिंग कॉरपोरेशंस आॅफ इंडिया और ड्रेजिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया ने अब तक अपने आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
माल ढुलाई क्षमता का रिकार्ड
मंत्रालय के अनुसार देश के इन 12 प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता एक अरब टन से अधिक हो गई है। हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2016-17 में इन बंदरगाहों में 106.06 करोड़ टन की रिकॉर्ड अतिरिक्त क्षमता जोड़ी गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 96.53 करोड़ टन थी। इन प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाने की पहल के जरिए हमने यह उपलब्धि हासिल की है। मंत्रालय का दावा है कि इन प्रमुख बंदरगाहों के अंतरराष्ट्रीय मानकों का होने के कारण यह उपलब्धि हासिल की जा सकी है। सरकार की नीतियों के तहत माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बाद 12 प्रमुख बंदरगाहों ने पिछले वित्त वर्ष में 64.74 करोड़ टन माल की ढुलाई कर निजी क्षेत्र के बंदरगाहों को पीछे छोड़ दिया है। एक साल पहले 2015-16 के मुकाबले इसमें 6.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
स्मार्ट सिटी बनाने की योजना
जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार पारादीप पोर्ट और कांडला पोर्ट पर दो स्मार्ट सिटीज भी बना रही है। उन्होंने बताया कि शिपिंग मिनिस्ट्री का ध्यान इस वित्त वर्ष में 10.3 करोड़ टन की कैपेसिटी बढ़ाने और मुंबई पोर्ट को देश के क्रूज टूरिज्म का हब बनाने पर रहेगा। मसलन मुंबई के बंदरगाह पर देश का पहला टर्मिनल 800 करोड़ की लागत से बना रहे हैं। एक साल बाद भारत यहां 100 इंटरनेशनल क्रूज शिप्स को हैंडल करने की उम्मीद कर रहा हैं।

मोटर एक्ट से सुधरेगी यातायात व्यवस्था
मोटर व्हीकल्स अमेंडमेंट बिल, 2016 के बारे में उन्होंने कहा कि संसद के अगले सत्र में यह राज्यसभा से पास हो जाएगा। हाल ही में इस विधेयक को लोकसभा ने पास किया है। गडकरी ने कहा कि इससे बिल की राह से पहली बाधा खत्म हो गई है। इस विधेयक में फॉल्टी गाड़ियां बनाने वाली या एमिशन नॉर्म्स को बायपास करने के लिए सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करने वाली कंपनियों पर भारी जुमार्ना लगाने की बात कही गई है। बिल में सड़क हादसे में मारे जाने वाले शख्स के रिश्तेदार को कम से कम 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर देने की बात भी कही गई है।
27Apr-2017

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