शनिवार, 22 अप्रैल 2017

जल्द पूरी होगी राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना!


विश्वबैंक से मिली 375 मिलियन डॉलर ऋण की मंजूरी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देश में सड़क और रेल मार्ग के यातायात के बोझ को कम करने की दिशा में शुरू की गई राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना जल्द पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं। परियोजना में जलमार्ग विकास की क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए विश्व बैंक ने 375 मिलियन डॉलर की धनराशि के ऋण को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार विश्व बैंक से मिलने वाले ऋण से राष्ट्रीय जलमार्ग के पहले चरण को विकसित करने के काम में तेजी लाई जा सकेगी और इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। देश की महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना को आगे बढ़ाने और नियत समय में इसे पूरा करने की दिशा में जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 की क्षमता में वृद्धि करने के लिए विश्व बैंक ने 375 मिलियन डॉलर की धनराशि को मंजूरी दी है।
वाराणसी-हल्दिया तक कई योजनाएं
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना के पहले चरण में पश्चिम बंगाल के हल्दिया से लेकर वाराणसी तक 1390 किलोमीटर जलमार्ग विकास परियोजना के तहत 5369 करोड़ रुपये की लागत से गंगा नदी को जलमार्ग के रूप में विकसित कर रही है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए विश्व बैंक से तकनीकी एवं वित्तीय सहायता ली जा रही है। यह परियोजना 1500-2000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाले जहाजों के व्यावसायिक नेविगेशन को सक्षम करेगी। इस जलमार्ग का ट्रायल केंद्र सरकार पिछले साल अगस्त में दो मालवाहक जहाजों को वाराणसी से रवाना करके हल्दिया तक के सफर में पूरा कर चुकी है। राष्टÑीय जलमार्ग परियोजना के इस पहले चरण के तहत उत्तर प्रदेश के वाराणसी, झारखंड के साहिबगंज और पश्चिम बंगाल के हल्दिया में तीन बहुआयामी टर्मिनल स्थापित करेगी। वहीं दूसरी ओर कालुघाट और गाजीपुर में दो अंतर-मॉडल टर्मिनल, पांच रॉल आॅफ रॉल आॅन टर्मिनल (आरओ-आरओ), वाराणसी, पटना, भागलपुर, मुंगेर, कोलकाता और हल्दिया में नौका सेवा का विकास, और पोत मरम्मत और रखरखाव की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
दो मल्टी मॉडल टर्मिनल का काम शुरू
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नीतिन गडकरी ने वाराणसी एवं साहिबगंज में मल्टी-मॉडल टर्मिनल और फरक्का में नवीन नेविगेशन लॉक को निर्मित करने के लिआॅए अनुंबध करने की औपचारिका पहले ही पूरी कर ली है और पिछले दिनों ही छह अप्रैल को साहिबगंज में निर्मित होने वाले मल्टी मॉडल टर्मिनल की आधारशिला पीएम नरेन्द्र मोदी ने रखी है, वहीं पिछले साल अगस्त में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने वाराणसी में बनाए जाने वाले मल्टी मॉडल टर्मिनल की आधारशिला रखी थी। इन दोनों जगह का काम शुरू किया जा चुका है, जबकि हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा।
तकनीकी प्रणाली लागू
मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार की यह परियोजना भारत में पहली बार राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर गंगा सूचना सेवा
प्रणाली को स्थापित करने के लिए आईडब्ल्यूए को सक्षम करेगी। मसलन नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) उपकरण, हार्डवेयर और सॉμटवेयर आधारित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधित सेवाएं हैं, जिसे अंतदेर्शीय नेविगेशन में यातायात और परिवहन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यहां से गुजरेगा जलमार्ग
राष्ट्रीय महत्व की राष्ट्रीय जलमार्ग-1 परियोजना में जलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजर रहा है, जो इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, भागलपुर, पटना, हावड़ा, हल्दिया और कोलकाता के प्रमुख शहरों सेवा में अग्रसर है। इस परियोजना से जहां गंगा से सटे क्षेत्रों की औद्योगिक जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा, वहीं इन क्षेत्रों में सड़क और रेल गलियारों के व्यस्तम यातायात के बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी और सड़क व रेल केबाद इस जलमार्ग का विकास परिवहन व्यवस्था के एक वैकल्पिक, व्यवहार्य, आर्थिक, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल तरीके की सुविधा प्रदान करेगा।
22Apr-2017

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