सोमवार, 10 अप्रैल 2017

...जब केंद्रीय मंत्री को झेलनी पड़ी शर्मिंदगी!

राज्यसभा: सभापति की फटकार के बाद सदन से मांगी माफी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
राज्यसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान ऐसी स्थिति आई कि जब पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से संबन्धित सवालों का जवाब देने के लिए इस मंत्रालय का कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था। ऐसे में संबन्धित विभाग के मंत्री अनिल दवे की गैरहाजिर में पूर्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को जवाब देना था, लेकिन वह भी देरी से सदन में पहुंचे, जिन्हें सभापति हामिद अंसारी की नसीहत के साथ मिली फटकार शर्मिंदगी जाहिर की ओर सदन में खड़े होकर माफी मांगने के बाद स्थिति को संभाला।
प्रश्न काल में सवाल उठा कि दिल्ली में ध्वनि और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है क्योंकि स्थिति खतरनाक हद तक आगे बढ़ चुकी है। कांग्रेस के नेता महेंद्र सिंह माहारा ने जब यह सवाल पूछा तो जवाब देने के लिए कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था। इसको मुद्दा बनाकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया और कांग्रेस सांसद ‘शर्म करो शर्म करो’ के नारे लगाने लगे।दरअसल कांग्रेस के सदस्य महेंद्र सिंह महरा ने प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से दिल्ली-एनसीआर में हवा और ध्वनि प्रदूषण को लेकर सवाल उठाया था। यह सवाल पहले से सूचीबद्ध भी था।
एक दशक में नहीं ऐसी नौबत
राज्यसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान संबन्धित विभाग के मंत्री की गैरहाजिर के कारण शर्मिंदगी की शिकार हुई केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री और पूर्व वन व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के सदन में आने पर सभापति अंसारी ने कहा कि ‘प्रकाश जी' आपका सवाल पूछा जा चुका है और आप सदन में उपस्थित नहीं थे। यह एक असामान्य स्थिति है और उन्होंने पिछले 10 साल और इससे पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी, कि प्रश्नकाल के दौरान संबंधित मंत्रालय का केंद्रीय या राज्य मंत्री किसी सवाल का जवाब देने को सदन में मौजूद न रहा हो। मसलन इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जो पहले पर्यावरण मंत्री थे ने पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की ओर से सवाल का जवाब देना था, लेकिन वह भी सदन में देरी से पहुंचे और सभापति की फटकार सुननी पड़ी। हालांकि इस पर खुद जावड़ेकर ने सदन में देरी से पहुंचने के लिए माफी मांगी और स्थिति को संभालते हुए कहा कि वह भविष्य में ऐसा न हो इसका पूरा ख्याल रखेंगे। हालांकि जावडेकर ने सदन में देरी से आने का कारण बताते हुए कहा कि वह लोकसभा में एक बिल पेश कर रहे थे।
विपक्ष को मिला मुद्दा
सदन में जब इस सवाल का जवाब देने के लिए इस मंत्रालय के कैबिनेट और राज्यमंत्री तक मौजूद न होने पर विपक्ष को ऐसा मुद्दा मिला कि उसके लिए सवाल उठाने में जरा भी देरी नहीं की। मसलन तभी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सदन में मंत्री की गैरहाजिर पर सवाल उठाया और सदन को बताया कि यह दूसरी बार है जब मंत्री गैरहाजिर हैं। इस पर प्रश्नकाल के दौरान संबंधित मंत्री की सदन में मौजूद न होने पर सभापति हामिद अंसरी को कहना पड़ा कि यह सबसे असामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि यह संबंधित मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह उस वक्त सदन में मौजूद रहे जब उनके मंत्रालय से संबंधित प्रश्न उठाए जाते हैं। उन्होंने ऐसी असाधारण स्थिति की नसीहत के बाद उम्मीद जताई कि संसदीय कार्य मंत्री इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करके जवाब देंगे।
ईवीएम पर विपक्ष ने रखी ये मांग
राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी दलों ने हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है। उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में विपक्षी दल के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल इस मांग के लिए शाम के समय केंद्रीय चुनाव आयोग से भी मिला और दोनों तरीके से चुनाव कराने की मांग की। कांग्रेस की अगुवाई में इससे पहले ईवीएम मुद्दे पर विपक्षी दलों की हुई बैठक में जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दल के नेताओं ने सहमति बनाकर यह मांग उठाई। गौरतलब है कि विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है।
11Apr-2017

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