बुधवार, 2 सितंबर 2015

ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से डरी सरकार!

12 में से नौ मांगों पर सरकार का सकारात्मक रूख
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
सरकार द्वारा किये जा रहे प्रस्तावित श्रम कानूनों में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में कल बुधवार को 12 में से दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन के 15 हजार कर्मचारियों की हड़ताल से बेचैन सरकार ने यूनियनों की 12 में से नौ मांगों को मान लिया है। हालांकि इस प्रस्तावित हड़ताल को वापस लेने का अभी तक ट्रेड यूनियनों की ओर से कोई ऐलान नहीं किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन करने की हो रही कवायद के विरोध में देश में 12 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दो सितंबर यानि बुधवार का देश व्यापी हड़ताल का ऐलान कर रखा है, जिसमें बैंक और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों समेत 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के हिस्सा लेने की संभावना है। इस हड़ताल में भाजपा समर्थिक भारतीय मजदूर संघ और नेशनल फ्रंट और इंडियन ट्रेड यूनियन ने हड़ताल से अलग रहने का ऐलान किया है। इस प्रस्तावित हड़ताल से बेचैन केंद्र सरकार ने यूनियनों की 12 में से नौ मांगों को मान लेने का दावा किया है और यूनियनों से हड़ताल वापस लेने की मांग की है।
श्रम और रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने आनन फानन में मंगलवार को एक संवादाता सम्मेलन बुलाकर यह दावा किया है कि यूनियनो की 12 में से नौ मांगों पर सरकार ने सकारात्मक कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए ट्रेड यूनियन के मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी हैं। इसी के तहत ट्रेड यूनियन की मांग के आधार पर सरकार ने कम से कम नौ मांगों पर सकारात्मक रूप से काम करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार श्रम कानून सुधार के रूप में कार्य कर रही है और आश्वासन दिया कि इस बदलाव में ट्रेड यूनियन सलाह ली जाएगी।
02Sep-2015

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