शनिवार, 26 सितंबर 2015

सड़क हादसों पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती!

रिपोर्ट: तेरह राज्यों में ज्यादा बेकाबू रहे सड़क हादसे
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दुनियाभर में भारत उन देशों में शुमार है,जहां लोगों की सबसे ज्यादा जीवन लीला सड़क हादसों में दफन हो जाती है। केंद्र सरकार लगातार सड़क हादसों में हो रही मौतों पर अंकुश लगाने के लिए सड़क और वाहनों के लिए बेहतर से बेहतर परियोजनाएं लागू कर रही है, लेकिन सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में सड़क हादसों और उनमें मौत की संख्या को लेकर चिंताजनक और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में वर्ष 2014 तक के सड़क हादसों के आंकड़े पेश किये गये हैं, लेकिन इन आंकड़ों को देखते हुए भारत दुनिया के विकासशील देशों में इस मामले में दो दशक से भी ज्यादा पीछे खड़ा नजर आ रहा है। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में हर घंटे औसतन 56 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिनमें औसतन डेढ़ दर्जन लोगों को अपनी जान गंवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस साल हुए करीब 4.90 लाख सड़क हादसों में देश में करीब 1.40 लाख लोग मौत के शिकार हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार किये गये अध्ययन 50 शहर देश के ऐसे हैं जहां पर 22.7 प्रतिशत सड़क हादसे होते हैं और हादसों के शिकार 11.9 प्रतिशत लोग अपनी जान गंवाने को मजबूर हैं। जबकि 16.8 प्रतिशत लोगों को गंभीर घायल होते देखे गये हैं। केंद्र सरकार ने भारत में कॉमर्शियल वाहनों के लिए एक अप्रैल 2015 से एबीएस जरूरी कर दिया गया है। वहीं वाहन निर्माण कंपनियों के लिए भी अंतर्राष्‍ट्रीय मानको का अनिवार्य किया गया है। वहीं सड़क सुरक्षा कानून लाने की तैयारी भी की जा रही है। मोटरसाइकिलों और कारों के लिए भी यह जरूरी करने जा रही है। हादसों का दूसरा बड़ा कारण भारतीय ड्राइवरों की अनुशासनहीनता है। कार चलाते समय सीट बेल्ट न पहनना, हेलमेट न पहनना आदि भी हादसों के कारण हैं।
नौजवानों की गई ज्यादा जानें
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों में 1.40 लाख लोगों की मौतों में 75,048 यानि 53.8 प्रतिशत 15 से 34 साल के युवा वर्ग शामिल है, वहीं 49,480 यानि 35.7 प्रतिशत मरने वालों की उम्र 35 से 64 साल आंकी गई है। रिपोर्ट में 55 फीसदी दुर्घटनाएं केवल वाहन के चालकों की लापरवाही के कारण पाई गई, जिसके कारण 56.2 प्रतिशत लोगों की जानें गई। अध्ययन रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आए हैं कि पांच प्रतिशत दुर्घटनाएं और 6.8 प्रतिशत मौते सड़क पर चालक के शराब और ड्रग्स का सेवन करके वाहन चलाने के कारण हुई हैं। दुर्घटना वाले वाहन दो पहिया वाहन सड़क पर होने वाली दुर्घटनाएं 27.3 प्रतिशत, कार, जीप, टैक्सी के 22.3 हादसे होना भी पाया गया है, जबकि ट्रक टैम्पो, ट्रैक्टर और दूसरे कॉमर्शियल व्हीकल्स का दुर्घटनाओं में हिस्सा 19.7 प्रतिशत हैं तो अन्य वाहनों से 9 प्रतिशत के अलावा 8.4 प्रतिशत बसों और 6.4 प्रतिशत आॅटो रिक्शा के कारण दुर्घटना सामने आई
हैं।
इन 13 राज्यों में हुए ज्यादा हादसे
मंत्रालय की रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डाले तो देश में वर्ष 2014 के दौरान हुए सड़क हादसों में 86.3 प्रतिशत देश के 13 राज्यों में में ही हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 67250, महाराष्ट्र में 61627, मध्यप्रदेश में 53472, कर्नाटक में 43713, केरल में 36282, उत्तर प्रदेश में 31034, राजस्थान में 24628, आंध्र प्रदेश में 24440, गुजरात में 23712, तेलंगाना में 20078, छत्तीसगढ़ में 13812, प.बंगाल में 12875 तथा हरियाणा में 10676 सड़क हादसे हुए।
26Sep-2015



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