गुरुवार, 17 सितंबर 2015

लोकसभा चुनाव के खर्च में हुआ गड़बड़झाला!

पार्टियों व सांसदों के ब्यौरे में मिला भारी अंतर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और निर्वाचित सांसदों के चुनावी खर्च में भारी घपलेबाजी उजागर हुई है। मसलन दलों और उनके सांसदों द्वारा चुनाव आयोग में प्रस्तुत किये गये चुनाव खर्च की एक मुश्त राशि के ब्यौरे में करोड़ो रुपये की धनराशि का अंतर सामने आया।
देश में चुनाव सुधार के लिए निर्वाचन आयोग के साथ काम कर रहे गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स यानि एडीआर ने लोकसभा 2014 में निर्वाचित 543 में से 539 सांसदों और उन्हें उनकी पार्टी द्वारा एक मुश्त राशि के रूप में दिये गये अनुदान की राशि का विश्लेषण करके रोचक तथ्य जारी किये हैं। यदि चार राष्टÑीय दलों द्वारा 175 सांसदों को चुनाव खर्च के लिए दी गई करीब 54.74 करोड़ रुपये के अनुदान देने का दावा किया गया है। जबकि इसके विपरीत इन्ही दलों के 263 सांसदों द्वारा आयोग को सौंपी गई चुनाव खर्च के ब्यौरे में अपनी पार्टियों से करीब 75.59 करोड़ रुपये की सहायता मिलने का दावा किया है। मसलन पार्टी और उनके सांसदों के एकमुश्त मिले अनुदान की इस राशि में 20.85 करोड़ रुपये का गड़बड़झाला सामने आया है। दिलचस्प तथ्य इस विश्लेषण में चुनाव आयोग को सौंपी गई रिर्पोट के मुताबिक लोकसभा में बहुमत हासिल करने वाली भाजपा ने अपने 159 सांसदों को 48.25 करोड़ रुपये, कांग्रेस ने सात सांसदों को 2.70 करोड़ रुपये, राकांपा ने पांच सांसदों को 2.50 करोड़ रुपये, सीपीएम ने चार सांसदों को 1.28 करोड़ रुपये देने का दावा किया है। जबकि भाजपा के 229 सांसदों ने 65.88 करोड़, कांगे्रस के 18 सांसदों ने 4.04 करोड़, राकांपा के सभी छह सांसदों ने 2.80 करोड़, सीपीएम के सभी नौ सांसदों ने 2.65 करोड़ से ज्यादा तथा सीपीआई के मात्र एक सांसद ने 21.83 लाख रुपये पार्टी से चुनाव में सहायता राशि मिलने का अपनी रिपोर्ट में दावा किया है। इसके विपरीत सीपीआई ने अपने सांसद को कोई अनुदान राशि देने से इंकार किया है। इसके अलावा 25 मान्यता प्राप्त दलोें ने अपने-अपने 188 सांसदों को चुनाव खर्च के लिए एकमुश्त राशि का अनुदान देने का दावा किया है। इसमें भाजपा ने अपने 17 सासंदों को दस-दस लाख या उससे कम राशि दी है, तो कांग्रेस, राकांपा और सीपीएम ने अपने सांसदों दस लाख या उससे ज्यादा की धनराशि देने का दावा आयोग के समक्ष किया है।
विरोधाभासी हैं पार्टी और सांसदों के दावे
पार्टियों और सांसदों के अनुदान में मिली राशि के दावे भी विरोधाभासी हैं। चुनाव आयोग को सौंपी गई लोकसभा चुनाव खर्च की इन रिपोर्टो में सभी पार्टियों के कई सांसद ऐसे हैं जिनके नाम उनकी पार्टी ने अनुदान राशि वाली सूची में दिये हैं। जबकि पार्टी की सूची में शामिल ऐसे कई सासंदों की रिपोर्ट में पार्टी से कोई अनुदान राशि मिलने से इंकार किया गया है। इसी अनेक ऐसे सांसद भी हैं जिन्होंने पार्टी से अनुदान राशि हासिल की, लेकिन उनकी पार्टी ने उनके नाम अपनी रिपोर्ट में शामिल नहीं किये। ऐसे भाजपा के 70 सांसद सामने आए हैं जिन्होंने चुनाव आयोग में करीब 14.37 लाख रुपये का अनुदान पार्टी से मिलने का दावा किया है, जबकि पार्टी ने इन सांसदों को अनुदान वाली राशि की सूची से अलग रखा गया है। इसी प्रकार कांग्रेस के 11 सांसदों ने पार्टी से 1.49 लाख रुपये की राशि मिलने का दावा किया है, जबकि कांग्रेस ने लोकसभा में 44 में 37 सांसदों को कोई अनुदान राशि देने से इंकार किया है।
17Sep-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें