शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

बंदरगाहों की आर्थिक सेहत सुधारने की कवायद!

तटीय व अंतदेर्शीय जलमार्ग को प्रोत्साहित करेगी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख बंदरगाहों के बढ़ते घाटे को पाटने के लिए उनकी क्षमताओं में सुधार के लिए उनका आधुनिक विकास करने की योजना तैयार की है। सरकार की इस योजना में तटीय और अंतर्देशीय जलमार्गो को प्रोत्साहित करने का फैसला भी शामिल है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार देश में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता में सुधार करने की योजना के तहत उनके अधिकार का दायरा बढ़ाने के अलावा बंदरगाहों के अंतिम छोर तक संपर्क के मकसद से सरकार ने नई योजना तैयार की है। इस योजना के तहत देश में एक नई कंपनी इंडियन पोर्ट रेल कॉरपोरेशन और बाहर की परियोजनाएं के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल नामक नई कंपनी की स्थापना की गई है। बंदरगाहों के आधुनिक सुधार की दिशा में उनके विकास को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला परियोजना के साथ ही उपकरण और तकनीकी उन्नयन, मशीनीकरण तथा बड़े जहाजों के लिए मेगा योजना तैयार की गई है। इस योजना में बंदगाहों पर तटीय बर्थ, यात्री जेट्टी स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार सरकार की इस नई योजना के तहत प्रमुख बंदरगाहों पर 200 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा, जिनमें 150 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 50 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल होगी। सरकार की प्राथमिकताओं में बंदरगाहों पर अपशिष्ट जल शोधन, वायु प्रदूषण में कमी के लिए जैव डीजल उपयोग तथा बंदरगाहों पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा चिकित्सा सुविधाएं प्रारंभ करना भी शामिल है। मंत्रालय के अनुसार इस योजना को लागू करने का मकसद तटीय तथा अंतदेर्शीय जलमार्ग को प्रोत्साहित करना है, ताकि पोत परिवहन लागत पर बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाया जा सके।
यूपीए सरकार पर फोड़ा ठींकरा
केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के प्रमुख बंदरगाहों के घाटे को लेकर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर ठींकरा फोड़ा है। गडकरी का कहना है कि प्रमुख बंदरगाहों के कार्य प्रदर्शन में 2008 से 2014 तक गिरावट के बाद वर्ष 2015 में सुधार दिख रहा है। गडकरी का दावा है कि 2008 से 2014 के दौरान प्रमुख बंदरगाहों का लाभ मार्जिन 43 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गया, जिसके परिणाम स्वरूप प्रमुख बंदरगाहों का बाजार हिस्सा इस अवधि में 72 प्रतिशत से गिरकर 57 प्रतिशत हो गया। केंद्र में उनके मंत्रालय में इस स्थिति की समीक्षा करने के बाद सुधारात्मक कदम उठाए और वर्ष 2015 में कार्य में सुधार के लिए उठाए कदमों के कारण कार्गो 4.6 और राजस्व 8.7 प्रतिशत बढ़ाया जा सका है। अब सरकार ने इन प्रमुख बंदरगाहों को आधुनिक बनाने तथा उनकी संचालन क्षमता बढ़ाने के लिए नई योजना बनाई गई है।
25Sep-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें