सरकार का अगले चार में पूरा करने का लक्ष्य
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में माल ढुलाई के लिए जहां राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण में तेजी लाने
की परियोजनाओं को दिशा दी है, वहीं यूपीए सरकार की अधर में लटकी रेलवे की
महत्वाकांक्षी ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को
अगले चार सालों में पूरा करने के इरादे से कामकाज को गति देने का दावा किया
है।
केंद्र की मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की
दिशा में परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने वाली सड़क, जल और रेल मार्ग को
दुरस्त करने की कई परियोजनाओं को मंजूरी दे चुकी है। इनमें यूपीए सरकार
द्वारा शुरू की गई रेलवे की ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
परियोजना भी एक है। सड़कों पर माल ढुलाई के बोझ को कम करने के लिए इस
महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत मौजूदा केंद्र सरकार ने ईस्टर्न और वेस्टर्न
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के काम को गति देना शुरू कर दिया है।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने गत जून माह में ही परियोजना के
क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए संशोधित लागत अनुमान के रूप में 81,459
करोड़ की मंजूरी देते हुए इस परियोजना को पूरा करने के लिए 2019 तक यानि
अगले चार साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इससे पहले मार्च 2008
में यूपीए सरकार ने 28,181 करोड़ रुपये के खर्च से पूर्वी एवं पश्चिमी
डीएफसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मंजूरी दी थी, जिसमें अभी तक
13,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। परियोजना के लिए भूमि
अधिग्रहण लागत 8,067 करोड़ रुपये तय की गई है। इसमें 534 किलोमीटर
सोननगर-दनकुनी खंड की लागत शामिल नहीं है, जिसे पीपीपी मॉडल से क्रियान्वित
किया जाना प्रस्तावित है। यह परियोजना पूरा होने से रेलमार्ग से होने वाली
माल ढुलाई की रफ़्तार बढ़ जाएगी और रेलवे के मुख्य मार्ग पर माल
गाड़ियों के बजाए यात्री रेलों की संख्या बढ़ जाएगी। रेलवे के अनुसार इस
परियोजना के पूरा होने से इन गलियारों पर मालगाड़ियों की मौजूदा गति 30 किमी
प्रतिघंटा के बजाए 100 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।
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ईस्टर्न कॉरिडोर-इसका
निर्माण लुधियाना(पंजाब) से दनकुनी (कोलकाता) तक 1840 किमी लंबा होगा, जिस
पर 26,674 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। वाले ईस्टर्न कॉरिडोर
परियोजना के लिए विश्व बैंक ने हाल ही में 65 करोड़ डॉलर के रूप में तीसरा
ऋण मंजूर किया है। इससे पहले विश्व बैंक इस परियोजना के लिए 97.5 करोड़ डॉलर
और 1.1 अरब डॉलर का ऋण दे चुका है। इस गलियारे का रास्ता यूपी, बिहार और
पश्चिम बंगाल से होकर जाएगा।
वेस्टर्न कॉरिडोर-वेस्टर्न
कॉरिडोर का निर्माण दादरी(यूपी) से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (नवी मुंबई) तक
1502 कि.मी. के बीच 46,178 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस
गलियारे के निर्माण के लिए पूरा ऋण जापान इंटरनैशनल कॉपरेशन एजेंसी
(जेआईसीए) दे रहा है। यह गलियारा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात से
होकर गुजरेगा।
14Sep-2015
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