सोमवार, 14 सितंबर 2015

ट्रांसपोर्टरों ने बढ़ाई ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर की टेंशन

मांगे न मानी तो एक अक्टूबर को देश में होगा चक्का जाम
 नई दिल्ली

देश में परिवहन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए जहां केंद्र सरकार नया मोटर अधिनियम और सुड़क सुरक्षा कानून को अमलीजामा पहनाने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की चिंताओं को बढ़ाते हुए देश के ट्रांसपोर्टरो ने कुछ फैसलो पर सवाल उठाते हुए आगामी एक अक्टूबर को देशव्यापी हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है।
आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष भीम वाधवा ने रविवार को हरिभूमि से बात करते हुए सरकार के टोल और टीडीएस जैसे निर्णयों को देशभर के ट्रांसपोर्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है। अपने लिए इस चुनौती से निपटने के लिए आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी एक अक्टूबर को देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लेकर सरकार को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। वाधवा का कहना है कि संगठन ने इन दोनों ही मुद्दों पर फैसले के लिए सरकार को 25 अगस्त तक का समय दिया था, लेकिन सरकार ने उनसे बात करने तक का भी प्रयास नहीं किया।
उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि हम सरकार के राजस्व के भी खिलाफ नहीं है, लेकिन टोल प्लाजा और चेक पोस्टों पर बार-बार रुकना कार्गो और यात्री वाहनों के अवरोध-मुक्त चलने की प्रक्रिया में बड़े बाधक हैं। ऐसे में ई-टोलिंग योजना भी इसका पूर्ण समाधान नहीं है। हमने सरकार को सुझाव दिया था कि एकमुश्त टोल, गुड्स वीकल से लिए जाने वाले नेशनल परमिट की भांति ही लिया जाए, लेकिन इसपर कोई फैसला नहीं किया गया। एआईएमटीसी ने ये भी मांग की कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर से टीडीएस को हटाया जाना चाहिए। एआईएमटीसी अध्यक्ष वाधवा का कहना है कि टोल एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जबकि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र, रोड सेस, नेशनल परमिट फीस, डीजल व पेट्रोल सेस, राज्य सरकारों के द्वारा लिए जाने वाली एंट्री फीस आदि के बाद भी ट्रांसपोर्टरों से टोल टैक्स वसूला जाता है।
14Sep-2015

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