रविवार, 1 मार्च 2015

आम बजट: आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं, सर्विस टैक्स बढ़ा

पीएम मोदी विजन पर रहा आम बजट
गरीबों के फिरेंगे अच्छे दिन, कारपोरेट जगत पर मेहरबानी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए आम बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया की झलक साफ देखने को मिली, जिसमें स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया के समन्वय पर जोर देते हुए उसके तहत गरीबों के हित में योजनाओं का ऐलान किया गया। जबकि बजट में नौकरीपेशा लोगों समेत मध्यम वर्ग को कोई खास राहत मिलती नहीं दिखी। व्यक्तिगत आयकर के स्लैब में कोई बदलाव तक नहीं किया, बल्कि सेवा कर में बढ़ोतरी कर दी गई।
अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए भारत में नए उद्योगों को बढावा देना जरूरी है। यह लक्ष्य हम ‘मेक इन इंडिया’ योजना को बढ़ावा देकर हासिल कर सकते हैं। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश बढ़ाने देने की भी जरूरत है, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि पहले 54 प्रतिशत युवा आबादी के लिए दक्षता बढ़ाने की जरूरत है। हम युवाओं के स्किल डेवलेपमेंट पर भी जोर दे रहे हैं। हम राष्ट्रीय स्किल मिशन योजना शुरू करने जा रहे हैं। यही कारण है कि इस दिशा में स्किल इंडिया और मैक इन इंडिया में तालमेल करने की जरूरत है। बजट में जेटली ने कारपोरेट टैक्स में पांच प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया, जो 30 प्रतिशत से कम होकर 25 प्रतिशत रह जाएगी। बजट में रोजगारों के अवसर बढ़ाने हेतु घरेलू विनिर्माण एवं ‘मेक इन इंडिया‘ को प्रोत्साहन देने के लिए जेटली ने सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में अनेक रियायतों की घोषणा की। कुछ खास कच्चे माल जैसे धातु पुर्जे, इन्सुलेटेड वायर एवं केबल, रेफ्रिजरेटर कम्प्रेशर के कलपुर्जों,वीडियो कैमरा के कंपाउंड्स इत्यादि पर सीमा शुल्क घटा दिया गया है। इसी तरह लेथ मशीनों में इस्तेमाल होने वाले कुछ  खास कच्चे माल पर देय बुनियादी सीमा शुल्क को 7.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी और एलसीडी] एलईडी टीवी पैनलों पर बुनियादी सीमा शुल्क को 10 फीसदी से घटाकर शून्य किया जा रहा है। पेसमेकर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले विशेष कच्चे माल पर सीवीडी और एसएडी से पूरी तरह छूट दी जा रही है। इससे उद्योगों का बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सेनवैट क्रेडिट के जमा होने की समस्या से निपटने के लिए लोहे एवं इस्पात, तांबा और अल्यूमिनियम के मेटल स्क्रैप पर एसएडी को 4 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। मेटलर्जिकल कोक पर बुनियादी सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है। वाणिज्यिक वाहनों पर शुल्क दर 10 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है। बजट में एक प्रस्ताव यह है कि 'सुकन्या समृद्धि योजना' में किए जाने वाले निवेश पर धारा 80सी के तहत रियायत मिलेगी और इस योजना के तहत किए जाने वाले किसी भी भुगतान पर टैक्स नहीं लगेगा। न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी द्वारा किए जाने वाले कॉन्ट्रिब्यूशन के कारण कटौती की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की जाएगी। न्यू पेंशन स्कीम में किए गए कॉन्ट्रिब्यूशन के संबंध में 1.50 लाख रुपये की सीमा के अलावा 50,000 रुपये की कटौती प्रदान करने का भी प्रस्ताव बजट में है।
गरीबों के अच्छे दिन
बजट में गरीबों के अच्छे दिन लाने की कोशिश की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत जनधन योजना के अकाउंट से हर महीने एक रुपया कटेगा। यानी मात्र 12 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम पर दो लाख रुपये का दुर्घटना मृत्यु जोखिम का कवर मिलेगा। अटल पेंशन योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत 50 प्रतिशत प्रीमियम सरकार देगी और 60 साल से अधिक आयु होने पर एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में दी जाएगी। इसके लिए सरकार पांच साल तक एक हजार रुपये के प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की घोषणा करना चाहते हैं। इसमें दो लाख रुपये सहज मृत्यु और दुर्घटना मृत्यु जोखिम का कवर मिलेगा। 18 से 50 आयु वर्ग के लिए इसका प्रीमियम 330 रुपये प्रतिवर्ष या प्रतिदिन एक रुपये से कम होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पीपीएफ में लगभग 3,000 करोड़ रुपये और ईपीएफ ट्रस्ट में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशियां पड़ी हैं। इसका इस्तेमाल इसके लिए किया जाएगा।
आयकर छूट में बदलाव नहीं
मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वित्त मंत्री ने आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं किया। इसका अर्थ यह है कि व्यक्तिगत आयकर में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक छूट जारी रहेगा। वहीं एक करोड़ से ज्यादा की आय वालों को दो फीसद सरचार्ज देना होगा। दूसरी ओर जेटली ने स्वास्थ्य बीमा पर अवश्य टैक्स छूट 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने की घोषणा की, जबकि बुजुर्गों के लिए यह छूट 30 हजार होगी। बजट में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक की गंभीर बीमारी के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60 हजार से बढ़ाकर रुपये 80 कर दी जाए। साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश किए जाने पर 80सी के तहत रियायत मिलेगी और इस योजना के तहत किए जाने वाले किसी भुगतान पर कर नहीं लगेगा।
कारपोरेट को राहत
बजट में कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो अगले चार साल में लागू होगा। साथ ही सेवा कर को 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद करने का प्रस्ताव है। इससे रेस्टोरेंट का खाना, हवाई यात्रा, फोन बिल, घर खरीदना, केबल टीवी, वाई-फाई आदि महंगा हो जाएगा। वहीं केंद्रीय उत्पाद कर को 12.5 फीसद किया गया है।
राजकीय घाटा पाटने की चुनौती
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आर्थिक स्थिति पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि देश का जीडीपी 7.4 फीसद रहने का अनुमान है। उन्होंने राजकोषीय घाटा को 4.1 फीसद पर लाने का लक्ष्य रखा। जेटली ने कहा कि देश के सामने गंभीर चुनौती है। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि मेरे सामने पांच प्रमुख ये चुनौतियां भी है ंजिनमें कृषि से कम आय, सरकारी घाटे को काबू करना, राजकीय अनुशासन को बनाए रखना, मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर का जीडीपी गिरना और गरीबों तक सब्सिडी पहुंचाना शामिल है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर के बावजूद मोदीं सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर अच्छा काम किया है।
उपलब्धियां गिनाई
वित्त मंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य गरीबों तक लाभ पहुंचाने का है। उन्होंने कहा कि सरकार की जन धन योजना, स्वच्छ भारत अभियान और कोयला खदान की पारदर्शी निलामी जैसी तीन बड़ी उपलब्धियों का विशेष तौर पर जिक्र किया। जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में हमने 50 लाख टॉयलेट बनाए। उन्होंने कहा कि अगले चार वर्षों में छह करोड़ टॉयलेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही गांवों को 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल और मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है। सरकार की 2020 तक आॅफ ग्रिड और सौर ऊर्जा सहित शे ष 20 हजारा ग्रामों के विद्युतीकरण योजना है।
घर के सपने दिखाए
अरुण जेटली ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2022 तक सभी के पास अपना घर हो। युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए बड़े पैमाने पर स्किल डेवलपमेंट की योजना शुरू की गई है। उन्होंने मेक इन इंडिया योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बड़े पैमाने में रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नए उद्योग को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।
विभिन्न क्षेत्रों का बजट बढ़ा
बजट में मध्यान्ह भोजन सहित शिक्षा क्षेत्र के लिए 68,968 करोड़, कृषि सिंचाई के लिए एक हजार करोड़, बाल विकास स्कीम के लिए 1500 करोड़, नीति आयोग को एक हजार करोड़, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 33,152 करोड़, मनरेगा सहित ग्रामीण विकास गतिविधियों के लिए 79,526 करोड़, आवास और शहरी विकास के लिए 22,407 करोड़, महिला एवं बाल विकास के लिए 10,351 करोड़ और जल संसाधन तथा नमामि गंगे के लिए 4,173 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्भया फंड में अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई।
ईपीएफ के तहत दो विकल्प
ईपीएफ को लेकर कर्मचारियों को दो विकल्प दिए गए हैं। कर्मचारी या तो ईपीएफ को चुन सकते हैं या नई पेंशन योजना को। दूसरा, निश्चित मासिक आय के नीचे के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में योगदान वैकल्पिक होना चाहिए और यह मालिकों के योगदान को कम किए बिना या प्रभावित किए बिना होना चाहिए। ईएसआई के बारे में वित्त मंत्री कहा कि कर्मचारियों को ईएसआई या बीमा निगमन विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्प होना चाहिए।
नए एम्स और आईआईटी
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, हिमाचल और तमिलनाडु में नया एम्स खोलने का एलान किया। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में आइआइएम खोलने की घोषणा की। अरुणाचल प्रदेश में एक फिल्म इंस्टीच्यूट भी खोलने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने 150 देशों के लिए वीजा आॅन अराइवल, देशभर में नेशनल स्किल डेपलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की बात कही। आइएसएम धनबाद को आइआइटी का दर्जा देने की घोषणा की गई। जेटली ने बिहार और पश्चिम बंगाल विशेष सहायता देने की घोषणा की।
महिला, अनुसूचित और अल्पसंख्यक
अनुसूचित जाति के लिए 30,851 करोड़ रुपये और महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए बजट में 79,258 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अल्पसंख्यक युवा, जिनके पास औपचारिक शिक्षा नहीं हैं, उन्हें नौकरी देने के लिए 'नई मंजिल' योजना शुरू की जाएगी। अल्पसंख्यक मंत्रालय को 2015-16 के लिए 3738 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रक्षा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी
रक्षा क्षेत्र को बेहद अहम बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दो लाख 86 हजार 727 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सेना का आधुनिकीरण करना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है।
धर्मार्थ संस्थाओं को प्रोत्साहन
योग के महत्व को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने इसे धर्मार्थ प्रयोजन में शामिल करने का प्रस्ताव किया। धर्मार्थ संस्थाओं के सामने आ रही समस्याओं को कम करने के लिए इनके क्रियाकलापों से होने वाली प्राप्तियों पर अधिततम सीमा संशोधित करके 25 लाख की मौजूदा सीमा से कुल प्राप्तियां 20 फीसद करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए गैर लाभकारी संगठनों का एक नेशनल डेटा भी तैयार करने का प्रस्ताव है।
कालेधन वालों की खैर नहीं
आय और सम्पति छुपाने या विदेशी सम्पति के संबंध में टैक्स चोरी पर 10 वर्ष की कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। इन अपराधों को संगीन अपराध माना जाएगा और ऐसे अपराधों के लिए आय और सम्पति की मौजूदा दर से 300 प्रतिशत जुमार्ना लगाया जाएगा। इनकम टैक्स रिटर्न न दाखिल करने और अधूरी जानकारी के दाखिल करने पर 7 वर्ष की सजा का प्रावधान होगा। वित्त मंत्री ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) और मनी लाउंड्रिंग ऐक्ट-2002 में बदलाव किए जाने का भी प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए बेनामी लेन-देन रोकथाम के लिए भी एक नया कानून इसी सत्र में लाने की भी घोषणा की। नए कानून के तहत एक लाख से अधिक की किसी भी खरीद और बिक्री के लिए पैन नम्बर देना अनिवार्य कर दिया जाएगा और 20 हजार से अधिक का लेन-देन नकद किए जाने पर रोक लगा दी जाएगी।
केंद्रीय योजनाओं में सहायता नहीं इसके आलवा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केंद्रीय सहायता से मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 24 योजनाएं परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ चलाई जाएंगी, जबकि 31 योजनाओं को सरकार से पूरी सहायता दी जाएगी।
वित्तीय कानून में होगा संशोधन
वित्त मंत्री ने वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और सट्टेबाजी कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग को सेबी में विलय करने का प्रस्ताव किया है। वित्त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव है। वित्त विधेयक के जरिए फेमा की धारा-6 में संशोधन का भी प्रस्ताव किया गया है ताकि इक्विटी की तरह ही पूंजी प्रवाहों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श करके सरकार द्वारा नियंत्रण रखा जाए। अरुण जेटली ने स्वर्ण मुद्रीकरण के लिए कई कदमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ताओं में से एक है। प्रतिवर्ष 800-1000 टन स्वर्ण आयात होता है। उन्होंने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना जारी करने की घोषणा की, जो स्वर्ण जमा और स्वर्ण ऋण दोनों का स्थान लेगी। इसके अलावा स्वर्ण सिक्का भी बनाने का का काम शुरू किया जाएगा जिसके पटल पर अशोक चक्र बना होगा।
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम बढ़ा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बचत को बढ़ावा देने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। बुजुर्ग नागरिकों के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में यह भी प्रस्ताव है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक के मामले में बीमारियों के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर दी जाए। इसके अलावा आश्रित विकलांग व्यक्ति के इलाज सहित देखभाल के संबंध में कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने की घोषणा की गई है। गंभीर विकलांगता की दशा में कटौती की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है।
01Mar-2015

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