रविवार, 15 मार्च 2015

जल्द लागू होगी वैश्विक परिवहन प्रणाली!

इसी सत्र में आएगा नया सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक
नये मोटर वाहन कानूनों पर सरकार को पूरा भरोसा
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार नये सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक के जरिए देश में वैश्विक परिवहहन प्रणाली को लागू करने की तैयारी में है, जिसके लिए सरकार एक नया सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक-2015 को संसद के बजट सत्र के दौरान ही पारित कराने का प्रयास कर रही है। नए विधेयक के जरिए सरकार देश में एक सुरक्षित परिवहन प्रणाली के तहत सख्त नियमों को लागू करेगी।
मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता संभालते ही मोटर वाहन अधिनियम 1988 के स्थान पर एक नया सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक लाने का मन बनाते हुए उसका मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया था। इस विधेयक को अब सरकार इसी बजट सत्र के दौरान संसद में पारित कराने की कोशिश में है। सरकार का इस विधेयक के जरिए देश की परिवहन प्रणाली को सुरक्षित और वैश्विक स्तर के मानकों की तर्ज पर लागू करना चाहती है। इस नये विधेयक के बारे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी पहले ही राज्य सरकारों की आशंकाओं को दूर करते हुए कह चुकी है कि इस विधेयक में केंद्र सरकार का राज्यों के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने का कोई इरादा नहीं है। सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौतो को रोकने के उपाय इसी विधेयक के जरिए संभव हैं, क्योंकि वैश्विक रिपोर्ट में दुनिया में भारत में सबसे ज्यादा मौते सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है। सरकार का मानना है कि इस विधेयक के जरिए देश में यात्रियों की आवाजाही और माल ढुलाई को सुरक्षित, तीव्र, किफायती और समावेशी बनाने का मकसद है। वहीं इस विधेयक का का उद्देश्य सड़कों से उत्पन्न स्वास्थ्य के खतरे की रोकथाम करना और प्रभावकारी सड़क सुरक्षा समयानुसार सुनिश्चित करना है। सरकार को पूरा भरोसा है कि इस नये विधेयक में निर्माण, डिजाइन, रखरखाव तथा मोटरवाहनों के इस्तेमाल में भी सुरक्षा के प्रावधान को प्राथमिकता दी गई है। मसलन सरकार के नए सड़क परिवहन एवं सुरक्षित विधेयक में नियमों को इतना सख्त किया जा रहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने और उनकी निगरानी जैसे कई ऐसे प्रावधान शामिल किये गये हैं कि सड़कों पर होने वाली घटनाओं और अपराधों पर अंकुश लग सकेगा।
क्या है विधेयक के प्रावधान
नये सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक 2015 में एक राष्ट्रीय सड़क परिवहन एवं मल्टी मॉडल समन्वय प्राधिकरण और राज्य परिवहन प्राधिकरण का गठन करना है। इसका उद्देश्य ऐसी एकीकृत, सुरक्षित एवं स्थाीय परिवहन प्रणाली की योजना बनाना और विकास करना है, जो अध्याय-6 के 109 से 145 खंडों के तहत एक समावेशी, समृद्ध और पर्यावरण के लिहाज से भारत के प्रति उत्तरदायी हो। प्रस्तावित विधेयक की धारा 139 में सड़क परिवहन प्राधिकरण के प्रमुख उद्देश्यों में राष्ट्रीय परिवहन प्राधिकरण, अन्य राज्य परिवहन निकायों एवं सार्वजनिक इकाइयों, शहरी स्थानीय निकायों और भूमिधारक एजेंसियों तथा ट्रैफिक पुलिस के सहयोग के साथ यह भी सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की योजना एवं इसका संचालन एक एकीकृत परिवहन प्रणाली का एक हिस्सा हो, जो राज्य के भीतर सभी परिवहन प्रणाली उपयोगकतार्ओं की जरूरतों की पूर्ति करेगा। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में राज्य स्तर पर एक मल्टी मॉडल एकीकृत समेकित परिहवन के लिए प्रबंधन एवं नियमन करना भी शामिल है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 56 के अंतर्गत वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र को नियमित जांच के जरिये लागू किया जाने का प्रावधान भी किया गया है। यही नहीं नियम-82 में टूरिस्ट परमिट की वैधता के नियम को भी बदलने का प्रावधान है।
महिला सुरक्षा
भारत सरकार ने देश में सार्वजनिक सड़क परिवहन में ‘महिलाओं की सुरक्षा' नामक एक परियोजना की शुरूआत की है। इस योजना का उद्देश्य मुसीबत में पड़ी महिलाओं को न्यूनतम रिस्पोंस समय में तत्काल सहायता मुहैया कराने के लिए सार्वजनिक सड़क परिवहन के स्थानों की निगरानी के द्वारा सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। 'निर्भया फंड' के तहत प्रस्तावित योजना में देश में 10 लाख या उससे अधिक की आबादी वाले 32 शहरों में स्थानों की जीपीएस निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्तर 'राष्ट्रीय वाहन सुरक्षा एवं निगरानी प्रणाली' और राज्य स्तर (सिटी कमांड एवं निगरानी केन्द्र) पर एक समेकित प्रणाली का गठन, सार्वजनिक परिवहन वाहनों में आपातकालीन बटनों तथा घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रावधान है।
क्रैश कोष
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अध्याय-11 में, मोटर वाहन क्रेश कोष के गठन के लिए "सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक, 2015 का प्रस्ताव किया है। इस कोष में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित एवं अनुमोदित उपकर या कर या किसी प्रकार का भुगतान करने, केंद्र सरकार द्वारा इस कोष में दिया गया अनुदान या ऋण और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित किया गया आय का कोई अन्य स्रोत भी शामिल होगा।
राज्यों की परिवहन व्यवस्था
इस विधेयक में राज्य के भीतर सार्वजनिक परिवहन के फेरों और उपयोग को बढ़ावा देने, पर्यावरण को बेहतर बनाने, आजीविका अवसरों की सुविधा मुहैया कराने, सार्वजनिक परिवहन के उपयोगकतार्ओं की कारगर एवं विश्वसनीय आवाजाही के जरिए आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने, के साथ ही पशुधन तथा वस्तुओं की आवाजाही को भी सहायता देना भी शामिल है। केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, राष्ट्रीय परिवहन प्राधिकरण, राज्य सड़क परिवहन निगम, सार्वजनिक तथा निजी परिवहन संचालक, शहरी स्थानीय निकायों, राष्ट्रीय प्राधिकरण, राज्य सुरक्षा प्राधिकरण, राज्य पुलिस एवं ऐसे अन्य निकायों समेत महत्वपूर्ण निकायों के आपसी समन्वय का सुनिश्चित करने का भी प्रावधान इस विधेयक में किया गया है।
15Mar-2015

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