गुरुवार, 5 मार्च 2015

अध्यादेशों पर भारी पड़ने लगी सरकार!

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर फतेह
लोस में बीमा व कोयला खान विधेयक को मंजूरी
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा संसद के बजट सत्र में विधायी कार्यो में छह अध्यादेशों पर राज्यसभा में उन्हें विधेयक के रूप में पारित कराने की बड़ी चुनौती है, खासकर भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सरकार को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। जबकि लोकसभा में इन अध्यादेशों पर सरकार पहले से ही विपक्ष के विरोध पर भारी पड़ रही है। यही कारण है कि कई विधेयकों को इस सप्ताह मंजूरी दिलाने में सफल रही।
बजट सत्र के दौरान होली के अवकाश से पहले मोदी सरकार ने लोकसभा में खान एवं खनिज विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक, मोटर यान विधेयक के बाद बीमा विधेयक को भी पारित कराने में सफलता हासिल कर ली है। बुधवार को लोकसभा में बीमा विधि संशोधन विधेयक-2015 और कोयला खान विधेयक 2015 पर मंजूरी लेकर कुछ विपक्षी दलों के विरोध को बेअसर कर दिया है। इन विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्षी दलों ने कुछ संशोधनों पर मत विभाजन भी कराये, लेकिन विपक्ष के संशोधन व प्रस्ताव सदन में गिरते चले गये। हालांकि लोकसभा में भाजपानीत राजग सरकार के पास बहुमत से भी ज्यादा आंकड़ा है इसलिए सरकार को निचले सदन के बजाए उच्च सदन में इन विधायी कार्यो को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मशक् कत करनी पड़ेगी यह तय माना जा रहा है। हालांकि उच्च सदन में सरकार ने बुधवार को अध्यादेश की डगर पर नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करा लिया है। मसलन अध्यादेशों में शामिल इस विधेयक को संसद की मंजूरी लेकर पहला पड़ाव पार कर लिया है। यह विधेयक अध्यादेश का स्थान लेगा, जिसमें सरोर नं नागरिकता कानून में प्रवासी भारतीयों के पंजीकरण को उदार बनाने और उनके जुडे प्रावधानों को लागू करने से संबंधित खामियों को दूर करने का प्रयास किया है। लोकसभा में सरकार भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनसर््थापन में निष्पक्ष मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम-2013 में संशोधन से संबंधित छठे अध्यादेश के स्थान पर विधेयक को पिछले सप्ताह ही लोकसभा में पेश कर चुकी है, जिस पर विचार शुरू कर दिया गया है। संभावना है कि अगले सप्ताह सोमवार या मंगल को लोकसभा में इस विधेयक को भी मंजूरी मिल जाएगी, जिसमें सरकार और स्वयं प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी द्वारा भूमि अधिग्रहण विधेयक में विपक्षी दलों की आपत्ति और संशोधनों को चर्चा के दौरान पारित प्रस्ताव के दौरान स्वीकार करके विपक्ष की लामबंदी को तोड़ सकती है। सरकार की यही नीति भूमि अधिग्रहण बिल पर उच्च सदन में बेड़ा पार कर सकती है।
प्रवासियों की उम्मीदें बरकरार
मोदी सरकार के नागरिकता कानून में प्रवासी भारतीयों के पंजीकरण को उदार बनाने और उनसे संबन्धित अन्य प्रावधानों को लागू करने वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2015 को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका और आस्ट्रेलिया दौरे में वहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों के प्रति जताई गई पीआईओ एवं ओसीआई कार्ड का विलय विलय करने की प्रतिबद्धता को पूरी हो जाएगी। इस विधेयक के जरिये नागरिकता कानून 1955 में संशोधन किया गया गया है। जिसमें पीआईओ और ओसीआई कार्ड को एक साथ मिला देने का प्रावधान है। अब केवल राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी की मुहर लगना बाकी है। वैसे भी इस बाबत नौ जनवरी से पहले इस प्रतिबद्धता को सरकार अध्यादेश के जरिए पूरी कर चुकी है, जिसे अब विधेयक के जरिए कानून के दायरे में लाने का रास्ता साफ हो गया है और यह विधेयक शीतकालीन सत्र के बाद लाये गये अध्यादेश का स्थान ले लेगा।
05Mar-2015

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