सोमवार, 23 अप्रैल 2018

गन्ना किसानों के भुगतान पर मंत्रिसमूह करेगा फैसला


सोमवार को गडकरी की अध्यक्षता में होगी बैठक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।   
केंद्र सरकार ने किसानों के बकाया गन्ना भुगतान करने के मामले पर सख्त कदम उठाया है, जिसके लिए गठित चार सदस्यीय मंत्रि समूह की सोमवार को होने वाली बैठक में महत्वपूर्ण फैसले किये जाएंगे।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने गन्ना किसानों के भुगतान पर चिंता जताते हुए राज्यों की सरकारों से पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वे चीनी मिलों को किसानों के गन्ने के भुगतान का बकाया करने के लिए सख्त निर्देश जारी करें। वहीं केंद्रीय स्तर पर किसानों के गन्ना बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए फैसले लेने के लिए पीएमओ ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया गया है। इस मंत्रिसमूह में गडकरी के अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राधा मोहन सिंह, धर्मेन्द्र प्रधान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सोमवार 23 अप्रैल को इस मंत्रिसमूह की बैठक होगी जिसमें किसानों के गन्ना बकाया भुगतान का जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिये जाने की संभावना है। इन फैसलों में चीनी मिलों को गन्ना भुगतान की समय सीमा तय करने और भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाही करने पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करने का लक्ष्य तय किया हुआ है ,जिसके लिए केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित कराने और किसानों के बकाया भुगतान के प्रति गंभीर है।
15 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया
केंद्र सरकार के अनुसार चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर लगभग 15,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। देश में इस बार अधिक चीनी उत्पादन हुआ है जिसके कारण बाजारा में चीनी के दामों में भी गिरावट देखी गई। अब तक करीब 300 लाख टन चीनी के उत्पादन होने का अनुमान है। सरकार के अनुसार चीनी के चालू सत्र में 21 मार्च तक किसानों का 13899 करोड़ रुपया बकाया था, जिसमें अधिकतम 5136 करोड़ रुपए देनदारी उत्तर प्रदेश में है। जबकि कर्नाटक राज्य में चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का 2539 करोड़ रुपया बकाया है तो वहीं महाराष्ट्र में किसानों का 2348 करोड़ रुपये बकाया थे। इसके बाद अब तक 15 हजार करोड़ रुपये बकाया हो चुका है। जबकि सरकार के दावों के विपरीत भाकियू आदि किसान संगठनों का दावा है कि चीनी मिलों पर अब तक गन्ना किसानों का 18000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसके इस माह अप्रैल के अंत बढ़ कर 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
रिकार्ड चीनी उत्पादन
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी के दूसरा सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में चीनी उत्पादन, चालू विपणन वर्ष 2017-18 (अक्तूबर-सितंबर) में रिकॉर्ड 2.95 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 2.03 करोड़ टन का हुआ था। भारत में चीनी की वार्षिक घरेलू मांग करीब 2.5 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है। अधिक उत्पादन होने के कारण घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आई है, और इस प्रकार चीनी मिलों के सामने नकदी प्रवाह की समस्या आई है और गन्ना किसानों का भुगतान करने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है।
22Apr-2018


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