गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

हंगामे की भेंट चढ़ी पूरे बजट सत्र की कार्यवाही

संसद का बजट सत्र अनिश्चितकाल स्थगित
दोनों सदनों में निराशाजनक काम, चार विधेयक पारित
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।   
संसद के बजट सत्र में दोनों सदनों में कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़े बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 23 और राज्यसभा में 28 फिसदी ही कामकाज हो सका। संसद बजट सत्र के दौरान आम बजट से जुडे वित्त विधेयक समेत कुल चार विधेयक ही पारित हो सके हैं।
संसद का बजट सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष किसी न किस मुद्दे पर दोनों सदनों में हंगामा करता रहा है। शुक्रवार को बजट सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार व संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने जानकारी दी कि पांच मार्च को शुरू हुए दूसरे चरण में 22 दिनों की कार्यवाही के दौरान तो दोनों सदनों में ही एक भी दिन प्रश्नकाल व शून्यकाल तक नहीं हो सका, जिसके कारण दूसरे चरण में लोकसभा में करीब 4 प्रतिशत और राज्य सभा में करीब 8 प्रतिशत कामकाज हो सका। जबकि 29 जनवरी से नौ मार्च तक बजट सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा में सात बैठकों के दौरान करीब 134 प्रतिशत और राज्य सभा में आठ बैठकों के दौरान करीब 96 प्रतिशत कामकाज हुआ था। यदि पूरे बजट सत्र की बात की जाए तो लोकसभा में लोकसभा में 23 प्रतिशत और राज्य सभा में 28 प्रतिशत कामकाज हुआ है।
संसद में चार विधेयक पारित
संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में आम बजट के अलावा वित्त विधेयक, विनियोग (संख्या 2) विधेयक, विनियोग (संख्या 3) विधेयक, चिट फंड (संशोधन) विधेयक और भगोड़े आर्थिक अपराधी विधेयक जैसे पांच विधेयक पेश किये गये। लोकसभा में वित्त विधेयक, विनियोग (संख्या 2) विधेयक और विनियोग (संख्या 3) विधेयक के अलावा ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक तथा विशिष्ट राहत (संशोधन) विधेयक को बिना चर्चा के ही हंगामें के बीच पारित किया गया। जबकि राज्यसभा में पेश किया गया एक मात्र ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक पर ही मुहर लग सकी है। जबकि वित्त विधेयक, विनियोग (संख्या 2) विधेयक, विनियोग (संख्या 3) विधेयक को धन विधेयक के रूप में पेश करने के कारण संविधान के अनुच्छेद 109 के खंड (5) के अंतर्गत लोकसभा द्वारा पारित करने के बाद इसे राज्य सभा में भेजने और विधेयक प्राप्त होने के 14 दिन के भीतर राज्य सभा द्वारा इसे नहीं लौटाने पर संसद द्वारा इसे पारित मान लिया गया है।
राज्यसभा में 60 सदस्यों ने ली शपथ
राज्यसभा में सभापति नायडू ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने से पूर्व कहा कि दूसरे चरण के दौरान उच्च सदन में 60 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ और उन्हें सदन में विदाई दी गयी। इनमें सचिन तेंदुलकर एवं रेखा सहित चार मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। सत्र के दौरान 17 राज्यों एवं दिल्ली से 60 सदस्य निर्वाचित या पुनर्निर्वाचित होकर आये। इनमें केन्द्रीय मंत्री जेटली, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेन्द्र प्रधान और थावरचंद गहलोत, सपा की जया बच्चन, राकांपा की वंदना चह्वाण सहित कई सदस्य पुनर्निर्वाचित होकर उच्च सदन में आये हैं। आम आदमी पार्टी ने पहली बार उच्च सदन में दस्तक दी तथा दिल्ली से निर्वाचित इसके तीन सदस्यों ने सदन की सदस्यता ग्रहण की।
वाईएसआर के पांच सांसदों का इस्तीफा
वाईएसआर कांग्रेस के जिन सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देने वाले सांसदों में वाई बी सुब्बारेड्डी, एम राजमोहन रेड्डी, वाई एस अविनाश रेड्डी, वी वारा प्रसाद रेड्डी और पीवी मिथुन रेड्डी शामिल हैं। लोकसभा में आंध्र प्रदेश की 18 सीटों में से 10 पर तेदेपा और 6 पर वाईएसआर कांग्रेस का कब्जा है जबकि दो पर बीजेपी के सांसद हैं।
स्पीकर चैंबर में धरने पर बैठे सांसद
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के चैम्बर में शुक्रवार अजीबोगरीब हालात पैदा हो गए, जब आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तेलगु देशम पार्टी के सांसदों ने जमीन पर बैठकर धरना दिया। इनमें से कुछ सांसद तो जमीन पर ही लेट गए। तेदेपा सांसद पिछले कई दिनों से लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते रहे, लेकिन स्पीकर ने इसकी अनुमति नहीं दी। इससे नाराज होकर बजट सत्र के आखिरी दिन इन सांसदों ने स्पीकर के चैम्बर में घुसकर अनोखे तरीके से विरोध किया।
07Apr-2018



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