शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

भाजपा देश की सबसे अमीर पार्टी



एक साल में सबसे ज्यादा 266 फीसदी आमदनी बसपा की बढ़ी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
चुनाव आयोग में भले ही प्रमुख दलों ने नियत तिथि के बाद वर्ष 2016-17 का ब्यौरा पेश किया हो, लेकिन सात राष्ट्रीय दलों में पिछले साल के मुकाबले सबसे आमदनी करने और चुनावी खर्च करने में भाजपा सबसे आगे रही है। कांग्रेस ने अपनी आमदनी से ज्यादा खर्च का ब्यौरा पेश किया है। जबकि बसपा की आमदनी में सबसे ज्यादा 266 फीसदी इजाफा हुआ है।
देश में चुनाव सुधार के लिए सक्रिय गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स ने चुनाव आयोग में सात राष्ट्रीय दलों द्वारा चुनाव आयोग में पेश किये गये वर्ष 2016-17 के आय-व्यय ब्यौरे की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद यह खुलासा किया है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी राष्ट्रीय दलों ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1559.17 करोड़ रुपये की आमदनी दर्ज की है, जबकि इन दलों का खर्च 1228.26 करोड़ रुपये दर्शाया गया है। सभी सात राष्ट्रीय दलों में भाजपा ने सर्वाधिक आमदनी 1034.27 करोड़ रुपये दर्शायी है। इसमें भाजपा ने चुनावी खर्च 710.057 करोड़ रुपये किया गया है। जबकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की इस दौरान आमदनी 225.36 करोड़ रुपये घोषित की गई है, जबकि खर्च के रूप में 321.66 करोड़ रुपये का ब्यौरा पेश किया है। इसी प्रकार बसपा ने आमदनी 173.58 करोड़ रुपये और खर्च 51.83 करोड़ रुपये, सीपीएम ने आमदनी 100.26 करोड़ रुपये और खर्च 94.056 करोड़ रुपये, राकांपा ने आमदनी 17.235 करोड़ रुपये और खर्च 24.97 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस ने आमदनी 6.39 करोड़ रुपये और खर्च 24.26 करोड़ रुपये तथा सीपीआई ने आमदनी 2.08 करोड़ रुपये और खर्च 1.43 करोड़ रुपये घोषित किया है। मसलन कांग्रेस, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस ने इस दौरान हुई आमदनी से ज्यादा खर्च किया है। हालांकि कुल आय से सबसे ज्यादा 69 फीसदी खर्च करने वाली पार्टी भी भाजपा ही रही है।
किसने कितनी की कमाई
चुनाव आयोग में दिये गये वर्ष 2016-17 के आय-व्यय के ब्यौरे में सर्वाधिक आमदनी 1034.27 करोड़ रुपये दर्शाने वाली भाजपा ने पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 570.86 करोड़ रुपये दर्शायी थी, जिसमें ताजा रिपोर्ट के अनुसार भाजपा की आमदनी में 81 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि जबकि बसपा ने पिछले साल की आय 47.385 करोड़ में 126.195 करोड़ रुपये का इजाफा करके सर्वाधिक 266.32 फीसदी आमदनी दर्ज की है। राकांपा की आय में 88.63 फीसदी, दर्ज की है। जबकि पिछले साल कांग्रेस की आमदनी 261.56 करोड़ रुपये थी, जिसमें इस बाद 14 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि तृणमूल कांग्रेस की आय में 81.52 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा सीपीएम की कमाई में 6.72 की कमी आई, वीं सीपीआई की आमदनी भी गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की कमाई पिछले एक साल में कम हुई है। उसके बाद भी कांग्रेस ने साल में सबसे अधिक खर्च किया है। खास बात है कि बसपा, सीपीएम व तृणमूल कांग्रेस ने नियत तिथि 30 अक्टूबर 2017 से पहले चुनाव आयोग में अपना आय-व्यय का ब्यौरा पेश किया, जबकि बाकी पार्टियों ने ब्यौरा जमा कराने में 22 से 138 दिन का विलंब किया है।
भाजपा का सर्वाधिक चंदा मिला
राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को दी गई रिपोर्ट के अुनसार इस दौरान भाजपा को करीब 1000 करोड़ रुपये का चंदा मिला है और कांग्रेस को 50 करोड़ का चंदा मिला है। वहीं कूपन के जरिये कांग्रेस को करीब 116 करोड़ का चंदा मिला है। माना जा रहा है कि कि भारतीय जनता पार्टी के फंड में इजाफा होने का कारण है, देश के कई राज्यों में भाजपा की सरकार बनना और कांग्रेस द्वारा भिन्न-भिन्न राज्यों में सत्ता का गंवाने से उसके फंड में कमी आई है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए करीब 606 करोड़ रुपये का खर्चा किया है और प्रशासनिक कार्यों के लिए 70 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। वहीं कांग्रेस ने इस दौरान चुनाव प्रचार के लिए करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किए और प्रशासनिक कार्यों के लिए करीब 115 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यानि कांग्रेस ने इस वर्ष अपनी कमाई से अधिक खर्च करने का कार्य किया है।
11Apr-2018

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