राष्ट्रीय
नीति-कार्य योजना' के सकारात्मक परिणाम: केंद्र
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार को उम्मीद है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार
द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना की गति में और तेजी लाई जाएगी,
जिसके आठ सूत्रीय समाधान के नक्सलवाद को नियंत्रण करने की दिशा में सकारात्मक
परिणाम आ रहे हैं।
केंद्रीय गृह
मंत्रालय ने के अनुसार नक्सलवाद से ग्रस्त राज्यों में वामपंथी उग्रवाद से निपटने के
लिए वर्ष 2015 से लागू 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' नक्सलवाद पर नियंत्रण करने
में कारगार साबित हो रही है, जिसका नतीजा है कि गृह मंत्रालय ने बेहद नक्सलग्रस्त
सूची में शामिल रहे 44 जिलों को हटाना उचित समझा। मोदी सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ
इस नई राष्ट्रीय नीति में सुरक्षा और विकास संबंधी उपायों से जुड़े बहु-आयामी रणनीतियों
को शामिल किया गया है, जिसके तहत नक्सल ग्रस्त राज्यों की सरकारों को इस नीति के
तहत नक्सल समस्या से निपटने के लिए आठ सूत्रीय ‘समाधान’ को ‘लक्ष्य की एकता’ के रूप
में लागू करने को कहा गया था। सरकार की यह नई नीति के जरिए नक्सली हिंसा पर विकासात्मक
गतिविधियां भारी पड़तीन नजर आ रही हैं और विकास का लाभ ऐसे राज्यों के प्रभावित इलाकों
में गरीब और कमजोर वर्ग को मिल रहा है, जिसमें इन इलाकों के लोग सामाजिक विचारधारा
में भी शामिल हो रहे हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि मंत्रालय ने हाल ही में नक्सल
प्रभावित जिलों की समीक्षा करने के लिए राज्यों के साथ परामर्श करके एक व्यापक अध्ययन
किया और सरकार की योजना से बदली परिस्थतियों व संसाधनों के मुहैया कराने से उन 44
जिलों को चिन्हित किया गया, जहां नक्सलवाद नगणय रहा और उन्हें एसआरई की सूची से
अलग करके आठ नए जिलों को शामिल करने का निर्णय लिया, ताकि केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु
के त्रि-जंक्शन पर आदिवासी क्षेत्रों में नक्सलवाद के बढ़ते प्रभाव से निपटा जा
सके। मंत्रालय का कहना है कि ‘बंदूक की नोंक पर विकास को रोकने और लोकतंत्र का गला
घोंटने’ के प्रयासों को विफल करने के लिए एकीकृत कमान का गठन यानि केंद्र और
राज्यों की साझा रणनीति को अपना रही है।
क्या है ‘समाधान’
मंत्रालय
के अनुसार नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की नई नीति के तहत पिछले साल नक्सल प्रभावित दस
राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ खुद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आठ सूत्रीय
‘समाधान’ सुझाते हुए इसे ‘लक्ष्य की एकता’ के रूप में स्वीकार कर लागू करने का अनुरोध
किया था। मसलन ‘समाधान’ सिद्धांत के तहत कुशल नेतृत्व, आक्रामक रणनीति, प्रोत्साहन
एवं प्रशिक्षण, कारगर खुफियातंत्र, कार्य योजना के मानक, कारगर प्रोद्यौगिकी, प्रत्येक
रणनीति की कार्ययोजना और नक्सलियों के वित्तपोषण को विफल करने की रणनीति शामिल है।
यह सिद्धांत सरकार की नई राष्ट्रीय नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहीं नक्सल समस्या
से निपटने के लिए लागू राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना के तहत सुरक्षा बलों की तैनाती,
सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को पूरा करने तक सरकार की आक्रमकता की रणनीति
को बरकरार रखा और इस नई नीति की गतिविधियों में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है।
17Apr-2018
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