नियमों
में बदलाव के बाद लागू होगी नई प्रक्रिया
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंसों पर लगाम लगाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा संशोधित
किये गये नियम कल एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। सरकार का दावा है कि अब ड्राइविंग
लाइसेस और उसके नवीनीकरण या अन्य विवरण बदलने की प्रक्रियाओं को पूरा कराना बेहद
आसान हो जाएगा।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नियमों को आसान बनाने
की दिशा में मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन किया है। कल एक अप्रैल से लागू हो
रहे इन बदले नियमों के तहत ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की
सुविधा दी गई है। मसलन अब नए वित्तीय वर्ष यानि एक अप्रैल से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस,
ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीकरण के अलावा जन्मतिथि या पता आदि
बदलवाने के लिए अब एक ही फार्म की व्यवस्था की है। नए नियमों के अनुसार अब किसी भी
प्रक्रिया के लिए लाइसेंस धारकों को अलग-अलग फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खास
बात यह है कि नए नियमों के तहत इन सभी प्रक्रियाओं के लिए नया एकीकृत फार्म ऑनलाइन
ही उपलब्ध हो जाएगा और ऑनलाइन ही इन प्रक्रियाओं के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इन
बदले नियमों को एक अप्रैल से लागू करने के संबन्ध में मंत्रालय के दिशानिर्देश
पहले ही देशभर में जिला स्तरीय संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को जारी किये जा
चुके हैं।
क्या हैं नए
नियम
केंद्र
सरकार ने मोटर अधिनियम में संशोधन करते हुए नए कानून में अधिनियम के नियम 10,14
(1), 17 (1) और 18 को समाप्त कर दिया गया है। संशोधित नियमों की जारी की इसी माह
जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अब डीएल के लिए केवल एक ही नया फार्म-2 आवेदनकर्ता को
भरना होगा, जिसमें सभी प्रक्रियाओं के आठ नए कॉलम भी दिए गए हैं। इन नए नियमों के
तहत नया डीएल या नवीकरण कराने की दिशा में अब आवेदनकर्ता को अपना आधार नंबर, ईमेल और
मोबाइल नंबर भी देना अनिवार्य होगा। इस नए फार्म में नए फॉर्म में आवेदकों को क्रमवार
आठ जानकारी देनी होगी, जिसमें डीएल संबंधी कौन सा कार्य कराने, लर्निंग या स्थायी डीएल
से कौन सा वाहन चलाएंगे एवं व्यक्तिगत विवरण देना जरूरी होगा। वहीं व्यक्तिगत
विवरण के अलावा किस वाहन से डीएल को लिंक करना है और प्रमाण के तौर पर दस्तावेज भी
अपलोड करना जरूरी होगा।
पहचान के दस्तावेज
एक अप्रैल
से लागू नए नियम के तहत आवेदकों की सुविधा को आयु एवं पते के लिए 10 प्रकार के प्रमाण
पत्रों आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, जीवन बीमा पॉलिसी, पासपोर्ट, स्कूल प्रमाण पत्र,
जन्म प्रमाण पत्र, राज्य एवं केंद्र सरकार और स्थानीय निकाय के किसी कार्यालय से जारी
वेतन पर्ची, मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा जारी प्रमाण पत्र, राज्य एवं केंद्र सरकार के
विभागीय परिचय पत्र जैसे दस्तावेजों को मान्यता दी गई हैं।
फर्जी लाइसेंसो पर लगाम
मंत्रालय
के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बनवाने की प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए
मोटर अधिनियम में किये गये संशोधनों के तहत नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार
के नियमों में किये गये बदलाव और ऑनलाइन प्रक्रिया का लागू करने का मकसद देशभर में
लाखों की संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंसों पर लगाम लगाना है। वहीं नियमों में
इन बदलाव के बाद लाइसेंस बनवाने वालों को कई फायदे होंगे और पहले की अपेक्षा अब
डीएल बनवाना आसान हो जाएगा। यह निर्णय के कई नियम बदल गए हैं। इनसे लोगों को एक नहीं
कई फायदे होंगे और कई परेशानियों से निजात मिल जाएगी।
ई-संपर्क केंद्रों की स्थापना
सरकार ने ड्राइविंग
लाइसेंस और आरसी बनाने में सहूलियत के लिए आरएलए के जरिए पहले ही ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट
सिस्टम शुरू कर दिया है। मसलन जिन लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने का ज्ञान नहीं है वह
अपने नजदीकी ई-संपर्क केंद्र पर जाकर डीएल बनवाने या आरसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार इसक अलावा रजिस्ट्रिंग एंड लाइसेंसिंग अथारिटी (आरएलए) अब कम पढ़े-लिखे
या अशिक्षित लोगों या कंप्यूटर की जानकारी न रखने वालों की सुविधा के लिए वायस सिस्टम
भी शुरू किया जा रहा है, जिन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन टेस्ट देने
में सुविधा होगी।
बंद हो सकते हैं
अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट
कई देशों
में प्रारूप पर ऐतराज जताकर किये अमान्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार भारतीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए कई देशों को अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग
लाइसेंस व परमिट को बंद कर सकती है। इसका कारण है इन लाइसेंसों के प्रारूप पर
ऐतराज जताते हुए अमान्य कर रखा है।
दरअसल
यहां आयोजित 'पर्यटन को प्रोत्साहन के लिए सुरक्षित सड़क यातायात' विषय पर आयोजित सेमिनार
में यूएन इकोनामिक कमीशन फॉर यूरोप के इकोनामिक अफेयर्स आफीसर राबर्ट नोवाक ने स्पष्ट
रूप से कहा है कि भारत में कई राज्यों के परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी अंतर्राष्ट्रीय
ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट (आइडीपी) दूसरे देशों में अमान्य कर दिये हैं और कुछ
देश जल्द ही खारिज हो सकते है। इसका मुख्य कारण है कि भारत से जारी अंतर्राष्ट्रीय
ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट का प्रारूप पूरी तरह से सही नहीं है। इस संबन्ध में संयुक्त राष्ट्र से
जुडे नोवाक ने कहा कि जिस तरह का अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट भारत के
कुछ राज्यों में जारी किये जा रहे हैं उनके प्रारूप को कई देशों में कानूनी मान्यता
मिलने का खतरा बरकरार है।
क्या है दिशानिर्देश
इंटरनेशन
रोड सेफ्टी के लिए कार्य करने वाली संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ रोड एजुकेशन के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय
ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट पासपोर्ट की तरह की एक सिलेटी रंग की पुस्तिका होती है,
जिसके जरिए आप अपने देश में जारी राष्ट्रीय फोटो पहचान पत्र के माध्यम से विदेशों में
भी वाहन चला सकते हैं। आइडीपी में कई भाषाओं में विवरण दर्ज होते हैं। वहीं इस पर धारक
का फोटो और आइडीपी जारी करने वाले अधिकारी की मुहर होती है। यह अपनी मर्जी से मोटर
वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं होता है। नोवाक के अनुसार भारत में जारी आइडीपी में संयुक्त
राष्ट्र के प्रारूप को नहीं अपनाया जाता, जिसके तहत आइडीपी के अंतिम दो पेज फ्रेंच
भाषा के अलावा संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त छह भाषाओं में होने चाहिए। आइडीपी
का रंग भी सही नहीं है और इसमें कई देशों का नाम भी सही तरीके से दर्ज नहीं किया गया
है।
01Apr-2018
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