
केंद्रीय
जल आयोग करेगा राज्यों के साथ बैठक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने भले ही छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया हो, लेकिन इससे पहले इस
मुद्दे पर केंद्रीय जल आयोग दोनों राज्यों के साथ महानदी की परियोजनाओं पर विचार
करेगा।
छत्तीसगढ़
और ओडिशा राज्य के बीच करीब साढ़े तीन दशकों से चल रहे महानदी जल विवाद के लिए
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल का गठन करते हुए
उसकी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें यह विवाद सुलझाया जाएगा। अभी ट्रिब्यूनल ने
अपना कार्य शुरू नहीं किया है, जिससे पहले केंद्रीय जल आयोग ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा
समेत कुछ राज्यों को महानदी समेत अन्य नदियों पर चल रही परियोजनाओं को लेकर विचार
विमर्श करने का फैसला किया है, जिसमें महानदी का विवाद फोकस में रहेगा। जल आयोग की
यह बैठक कल गुरुवार 12 अप्रैल को होनी थी, लेकिन आयोग के सूत्रों ने जानकारी दी है
कि किन्ही अपरिहार्य कारणों से इस बैठक को स्थगित कर दिया गया है, जिसके लिए नई
तिथि तय की जाएगी। सूत्रों के अनुसार महानदी जल विवाद का कारण बन रहे दोनों
राज्यों की परियोजनाओं की समीक्षा के साथ उन्हें लेकर विचार किया जाना है। गौरतलब
है कि छत्तीसगढ़ व ओडिशा के बीच महानदी के
जल बंटवारे का विवाद करीब 35 साल पुरना है, जिसे सरकार कई प्रयासों के बावजूद
सुलझाने में कामयाब नहीं हो सकी है। उधर ओडिशा की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र
सरकार को इस विवाद को निपटाने के लिए ट्रिब्यूनल का गठन करने के आदेश दिये थे,
जिसके लिए सरकार ने ट्रिब्यूनल के गठन की अधिसूचना भ जारी कर दी है।
कोलकाता बैठक में भी रहेगा महानदी का मुद्दा
केंद्रीय जल
संसाधन ने राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की अध्यक्षता में जल प्रबंधन और राज्यों
से जुड़े लंबित मुद्दों के लिए 16 अप्रैल को कोलकाता में कुछ राज्यों की बैठक
बुलाई है, जिसमें छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड
जैसे आधा दर्जन राज्यों के मंत्री और जल संबन्धी विभागों के अधिकारी हिस्सा लेंगे।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भी महानदी जल विवाद का मुद्दे पर विचार विमर्श किया
जाएगा। इससे पहले पिछले महीने जल संसाधन और राज्यों से जुड़े लंबित मुद्दों पर विचार-विमर्श
करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय ने हैदराबाद में दक्षिण के छह राज्यों की बैठक
बुलाकर विचार विमर्श किया था, जिसमें कावेरी जल बंटवारे पर उच्चतम न्यायालय के ताजा आदेश लागू करने मुल्लई-पेरियार
बांध, गोदावरी और कावेरी जैसी नदियों को आपस में जोड़ने, कृष्णा और गोदावरी प्रबंधन
बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी अधिसूचना, परम्बीकुलम अलियार परियोजना, पोलावरम
परियोजना समेत अन्य अन्तर्राज्यीय मुद्दो पर चर्चा हुई थी।
12Apr-2018
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