गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

राज्यसभा:हंगामें में ही सदन चलाने का प्रयास



नहीं पारित कराया जा सका भ्रष्टाचार निवारण विधेयक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के प्रयास में सदन की कार्यवाही पांच घंटे से भी ज्यादा चलती रही, लेकिन हंगामे के कारण दस बार स्थगित करनी पड़ी। इसके बावजूद उच्च सदन में इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित नहीं कराया जा सका। इससे पहले राज्यसभा में सुबह एक दर्जन नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ भी ग्रहण की।
संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण के बीसवें दिन की कार्यवाही भी दोनों सदनों में हंगामे की गवाह बनी रही। जहां लोकसभा की कार्यवाही पिछले दिनो की भांति एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में बुधवार को ऐसा नहीं हुआ और हंगामे के बावजूद शाम करीब सवा पांच बजे तक चली, लेकिन इस बीच उच्च सदन की कार्यवाही दस बार स्थगित की गई। उच्च सदन में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के प्रयास होते रहे, लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे और इस पर मतविभाजन की मांग के कारण इस विधेयक को पारित नहीं कराया जा सका। जबकि केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस विधेयक को हंगामे के बीच ही दो बजे बाद शुरू हुई कार्यवाही के दौरान ही पेश कर दिया था। इसके बाद हंगामे में बार-बार स्थगित होती रही कार्यवाही के बावजूद विधेयक पर चर्चा या बिना चर्चा के पारित कराने पर सदन की राय मांगी गई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर ने इस विधेयक पर मतविभाजन की मांग की जिनका कुछ अन्य दलों ने भी समर्थन किया, इसके बाद उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े प्रावधानों वाले इस बिल को पास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह से सदन को बंधक बनाना ठीक नहीं हैँ गोयल ने कहा कि बीते 19 दिन से विपक्ष सदन को चलने नहीं दे रहा है. उन्होंने सांसदों से अपने-अपने स्थान पर वापस जाने की अपील की, जिसका विपक्षी दलों पर कोई असर नहीं पड़ा।
एक दर्जन सदस्यों ने ली शपथ
राज्यसभा में हाल ही में हुए चुनाव में निर्वाचित होकर या पुन: निर्वाचित होकर आए 59 सदस्यों में से 41 सांसदों ने मंगलवार को शपथ ली थी, जबकि एक दर्जन सदस्यों को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही शपथ ग्रहण कराई। राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले सांसदों में यूपी से निर्वाचित सपा की जया बच्चन, राजस्थान से निर्वाचित भाजपा के भूपेन्द्र यादव, किरोड़ी लाल मीणा और मदल लाल सैनी के अलावा ओड़िशा से बीजू जनता दल के तीन सदस्य प्रशांत नंदा, अच्युतानंद समांता और सौम्य रंजन पटनाइक, कर्नाटक से चुनकर आए कांग्रेस के दोनों सदस्य जी सी चंद्रशेखर और एल हनुमंथैया, तेलंगाना से चुनकर आए टीआरएस के सदस्य प्रकाश बांदा, जोगीनिपल्ली संतोष कुमार और लिंगय्या यादव शामिल रहे। सभी सदस्यों ने अपनी स्थानीय भाषा में शपथ ग्रहण की। यूपी से निर्वाचित केंद्रीय वित्त मंत्री और पुन: नियुक्त उच्च सदन के नेता अरुण जेटली ने अभी सदस्यता के लिए शपथ ग्रहण नहीं की है। अभी तक 53 सदस्य शपथ ग्रहण कर चुके हैं, जबकि छह सदस्यों को शपथ ग्रहण करना बाकी है।
लोकसभा में बीसवें दिन भी कामकाज ठप                              
लोकसभा में भी विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से अविश्वास प्रस्ताव को नहीं रखा जा सका. सदन की कार्यवाही को शुरू होते ही तुरंत स्थगित कर दिया गया. इसके बाद हंगामे की वजह से 12.10 मिनट पर दिनभर के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में हंगामे के कारण मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पहले की तरह ही धरा रह गया।
विपक्ष ने की सत्र बढ़ाने की मांग
विपक्ष के एक दर्जन से अधिक दलों के नेताओं ने आज राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। नेताओं ने कहा कि संसद के दोनों सदन में 20 दिन से गतिरोध बने रहने के बीच कांग्रेस, बसपा, सपा, द्रमुक, राकांपा एवं वाम दलों के नेताओं ने चर्चा नहीं होने के बारे में आपस में बातचीत की। विपक्षी नेताओं ने नायडू एवं सुमित्रा से मुलाकात की तथा एससी-एसटी कानून, सीबीएसई परीक्षा पत्र लीक तथा पीएनबी घोटाले को जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ा दिया जाए तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं तथा विधेयकों को पारित करना चाहते हैं। सरकार को इस मामले में पहल करनी चाहिए। यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ाया जाता है तो हमें कोई परेशानी नहीं है।
05Apr-2018
 


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