साढ़े सात
हजार का ही पता लगा सकी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत में
वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद अवैध रूप से रह रहे 25 हजार से भी ज्यादा विदेशी
नागरिकों में से केंद्र सरकार ने अभी तक 7685 को खोज लिया है, जिनमें सबसे ज्यादा
करीब 3100 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे हैं।
गृह
मंत्रालय के जारी ताजा आंकड़ो के अनुसार देश में अवैध प्रवासी दो श्रेणियों में
आते हैं, जिनमें ऐसे विदेशी राष्ट्रिक जिन्होंने वैध यात्रा दस्तावेजों पर भारत
में प्रवेश किया, लेकिन समय सीमा के बाद भी वापस न जाना है। जबकि दूसरी श्रेणी के
अवैध प्रवासियों में ऐसे नागरिक शामिल है जो बिना दस्तावेज के अवैध रूप से आते
हैं, ऐसी श्रेणी के नागरिकों में श्रीलंका, पाकिस्तान, बंग्लादेश, म्यांमार जैसे
पडोसी देशों के नागरिकों की संख्या अधिक है। हालांकि मंत्रालय को भारत में चोरी
छिपे रह रहे अवैध विदेशी प्रवासियों का सहीं आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन वैध
दस्तावेजों पर भारत आए करीब 45 देशों के 25 हजार से भी ज्यादा विदेशी नागरिक वापस
नहीं गये और न ही उन्होंने वीजा की समय सीमा बढ़ाने के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया
है। सरकार की अवैध प्रवासियों को तलाशने में जुटी खुफिया एवं अन्य एजेंसियों ने गत
31 दिसंबर 2016 तक 7685 विदेशी नागरिक निर्धारित समय सीमा के बाद रहते पाया है। हाल ही में संसद के
बजट सत्र में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस मुद्दे पर जानकारी दी थी कि पिछले
तीन साल के दौरान तलाशे गये अवैध प्रवासियों में 330 पाकिस्तानियों और करीब 1770
बंग्लादेशियों को वापस भेजा गया है।
दिल्ली में सर्वाधिक अवैध प्रवासी
मंत्रालय
के अनुसार जिन अवैध प्रवासियों का पता लगाया गया है, उनमें सर्वाधिक 3083
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अलग-अलग ठिकानों पर डेरा डाले हुए हैं। तलाशे गये
विदेशी प्रवासियों को वापस भेजने के लिए संबन्धित देशों के साथ करार करने की
प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके अलावा तलाशे गये अवैध विदेशी प्रवासियों में कर्नाटक
में 1182, महाराष्ट्र में 910, तमिलनाडु में 492, तेलंगाना में 357, हरियाणा में
284, उत्तर प्रदेश में 212, पंजाब में 194, आंध्र प्रदेश में 178, राजस्थान में
159, पश्चिम बंगाल में 156, गुजरात में 146, केरल में 71, गोवा में 60, पुडूचेरी में 47,मध्य प्रदेश में 26, चंडीगढ़
में 23, जम्मू-कश्मीर में 18, उत्तराखंड में 15,
बिहार में 14, छत्तीसगढ़ में 13 और हिमाचल प्रदेश में 10 अवैध विदेशी प्रवासियों
का पता लगाया जा चुका है। अन्य राज्यों में ऐसे विदेशी नागरिकों की संख्या दस से
कम पाई गई है।
बंग्लादेशियों पर लगा अंकुश
गृह मंत्रालय
ने स्वीकार किया है कि देश में बिना वैध दस्तावेज के सीमापार करके आने वाले बांग्लादेशियों
की संख्या ज्यादा होती थी, लेकिन भारत और बंग्लादेश बीच सीमा-समझौते के बाद अंकुश लगा
है। खुफिया एजेंसियों की सूचना के अनुसार देश में चार हजार से ज्यादा नागरिक पाकिस्तानी
बताए गये हैं, जो देश की सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि देश
में अवैध विदेशी प्रवासियों को तलाशने के लिए हालांकि राज्य और जिला स्तरों पर
स्थानीय अभिसूचना ऐंजेंसियां सक्रिय हैं, जो विदेशी विषयक अधिनियम-1946 के
प्रावधानों का अनुपालन कराने का प्रयास करती हैं। अवैध रूप से रह रहे विदेशी
नागरिकों में पडोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका के अलावा खाड़ी देशों
के नागरिक भी भारत में अपने पैर जमाए हुए हैं।
एनआरसी से लगेगी लगाम
केंद्र सरकार
ने नागरिकों राष्ट्रीय रजिस्ट्रर यानि एनआरसी को नागरिकता नियमावली-2003 के अनुसार
संचालित किया जा रहा है, जिसमें गत 31 दिसंबर 2017 तक प्रकाशित एनआरसी में 3.29
करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 1.90 करोड़ आवेदकों को शामिल किया गया है। इसमें उन
आवेदनकर्ताओं के नाम शामिल हैं जिनकी सत्यापन की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी हो चुकी
है। सरकार ने उम्मीद लगाई है कि एनआरसी से अवैध विदेशी प्रवासियों पर लगाम लग
सकेगी। एनआरसी के तहत राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किया जाता है।
12Apr-2018
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