मंगलवार, 17 अप्रैल 2018

विश्वस्तरीय होगी रेलवे की सिग्नल प्रणाली



पूरा भारतीय रेलवे को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के ‘न्यू इंडिया’ के संकल्प में भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने का भी लक्ष्य है, जिसमें रेलवे ने अत्याधुनिक परिचालन प्रणाली को लागू करने की योजना तैयार की है। इसके तहत रेल सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए विश्वस्तरीय सिग्नल प्रणली और रेल विद्युतीकरण की परियोजनाओं को शुरू कर दिया गया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार रेलमंत्री पीयूष गोयल ने 2020 तक पूर्ण रूप से रेलवे का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य तय किया है, वहीं 2022 तक भारतीय रेलवे की पूरी सिग्नल प्रणाली को बदलकर आधुनिक व तकनीकी प्रणली में परिवर्तित करने की योजना को शुरू कर दिया है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने रेलवे की इन सभी परियोजनाओं को तेजी से करने के दिशानिर्देश जारी किये हैं। रेलवे के अनुसार आधुनिक सिग्नल प्रणाली के लिए रेलवे ने 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए विश्व के अन्य देशों की नवीनतम प्रणालियों का अध्ययन भी किया जा रहा है, जिनकी तकनीक के जरिए भारतीय रेलवे ट्रैक, सिग्नल प्रणाली और परिचालन को दुरस्त करने की योजना है। रेलवे की योजनाओं के तहत भारत में 1.18 लाख किमी के रेल नेटवर्क को यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। रेलवे के अनुसार लुधियाना-दानकुनी और दादरी-जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक दोनों डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर में ऐसी ही आधुनिकतम सिगनल एवं परिचालन प्रणाली लगायी जा रही है, जिसके बाद इंजन में लोकोपायलट को केबिन में कंप्यूटर स्क्रीन पर सिगनल मिलेगी और उसे बाहर खंभों पर लाल, पीला, हरा आदि सिग्नल की व्यवस्था नहीं रहेगी। फिलहाल इंजनों में लोकोपायलट को 'फॉग सेफ' उपकरण दिया गया है जिससे उन्हें यह पता चल जाता है कि अगला सिगनल कितनी दूर है। इसके अलावा लोकोपायलट को गाड़ी की गति को अपने विवेक से तय करने का अधिकार दिया गया है।  
विद्युतीकरण में तेज हुआ काम
रेलवे के अनुसार जहां तक रेलवे विद्युतीकरण के लक्ष्य को साधने का सवाल है उसके जारी काम में तेजी लाई जा रही है, जिसके साथ रेलवे ट्रेक को दुरस्त और नवीनीकरण करने के लिए भी अत्याधुनिक मशीनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। रेल हादसों को रोकने की दिशा में रेलवे की सभी परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों को लागू करके रेल संरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। रेलवे के परिचालन में आ रही बाधाओं को दूर करने की दिशा में सघन बस्तियों वाले क्षेत्रों में रेलवे लाइनों को चार दीवारी से घेरने और अन्य स्थानों पर भी लोगों की पहुंच को खत्म करने के उपायों को लागू किया जा रहा है। 
17Apr-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें