देश में
सड़क निर्माण की गति में 20 फीसदी वृद्धि
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली में वाहनों का बोझ कम करने की दिशा में केंद्र सरकार की मेगा सड़क
परियोजना में इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे और वेस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि
‘गोल्डन नेकलस’ के निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है और इसी माह के मध्य में
इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
केंद्रीय सड़क
परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि
इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर काम लगभग पूरा हो चुका है, और जल्द ही
इसे जनता के आवागमन हेतु खोल दिया जाएगा, उन्होंने संकेत दिये कि प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन अप्रैल माह के मध्य में करेंगे। इस
एक्सप्रेस-वे की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अभिगम-नियंत्रित
एक्सप्रेसवे में केवल नामित इंटरचेंज के माध्यम से प्रविष्टि और निकास बिंदु हैं,
जहां टोल केवल दूरी की यात्रा के लिए एकत्र की जाएगी। इसके लिए टोल प्लाजा इलेक्ट्रॉनिक
टोल संग्रह प्रणाली से सुसज्जित किये गये हैं। गडकरी ने कहा कि इस परियोजना के लिए
4420 करोड़ रुपये का लक्ष्य 910 दिनों के लक्ष्य के विपरीत 500 दिनों के रिकार्ड समय
में पूरा किया जा रहा है। यह पूरी तरह से सौर शक्ति वाला देश का पहला एक्सप्रेस होगा,
जिस पर चार मेगावाट क्षमता के आठ सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। एक्सप्रेसवे
प्रदूषण को कम कर देगी और राष्ट्रीय राजधानी को घटा देगी, क्योंकि गैर-दिल्ली में बाध्य
वाणिज्यिक वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे
केंद्रीय
मंत्री गडकरी ने यह ऐलान भी किया कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-मेरठ राजमार्ग परियोजना के
अंतर्गत दिल्ली से 14-लेन राजमार्ग का निर्माण करने के लिए दिल्ली से मेरठ राजमार्ग
परियोजना 15 महीने के रिकार्ड समय में लक्षित 30 महीने के मुकाबले समाप्त हो जाएगा।
राजमार्ग के दोनों किनारों पर 2.5 मीटर का एक चक्र ट्रैक एक अनूठी विशेषता है। यमुना
नदी पर स्थित मौजूदा प्रमुख पुल के दोनों किनारों पर दो नए 4-लेन पुलों को इसे 16-लेन
पुल में बदल दिया जाएगा। यह सौर मंडल और ड्रिप सिंचाई के साथ ऊर्ध्वाधर उद्यान रखने
के लिए देश का पहला पुल है।
नए वित्तीय वर्ष में रोज बनेगी 40 किमी
सड़कें
केंद्रीय
सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने बताया कि वर्ष 2014 में 11 किमी लंबी सड़कों का
प्रतिदिन निर्माण हो रहा था, लेकिन उन्होंने सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने के
लिए जो फार्मूला दिया है उससे फिलहाल 20 किमी लंबी सड़कों का निर्माण हो रहा है और
उनका लक्ष्य प्रतिदिन 40 किमी सड़क निर्माण का है, जिसे इस नए वित्तीय वर्ष में
पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी फार्मूले का नतीजा है कि वर्ष 2017-18 में
9829 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। जो पिछले वर्ष हुए 8231 किलोमीटर
निर्माण की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में 17055
किलोमीटर की सड़क की लंबाई को पिछले साल 15948 किलोमीटर की तुलना में सम्मानित किया
गया था। वर्ष 2017-18 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर 1,16,324 करोड़
रुपये खर्च किए गए थे।
04Apr-2018
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