शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

दक्षिण कोरिया की तर्ज पर होगी हाइवे की निगरानी



सड़क सुरक्षा सूचना प्रणाली पर भारत जल्द करेगा करार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों में भारत जल्द ही सड़क सुरक्षा सूचना प्रणाली को अपनाने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ समझौता करेगा, ताकि नेशनल हाइवे पर दक्षिण कोरिया की तर्ज पर एकीकृत रूप में निगरानी की जा सके।
सोमवार को यहां नई दिल्ली में विज्ञान भवन में 29वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह संकेत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश में सड़क हादसों को कम करने के लिए तकनीकियों और सुरक्षित सड़कों के निर्माण के लिए सुरक्षा मानकों का अनिवार्यता के साथ पालन करा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजमार्ग सूचना प्रणाली लागू करने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ समझौते की संभावना तलाशी है और जल्द ही  दक्षिण कोरिया के एक्सप्रेस हाईवे इंफोरमेशन कॉरपोरेशन द्वारा चलाई जा रही प्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए समझौता किया जाएगा, जिसमें केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से एकीकृत रूप में राजमार्गों की निगरानी की जा सकेगी। गडकरी ने देश में सड़क का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि मंत्रालय ने 2020 तक देश में सड़क दुर्घटनाओं में हो रही लोगों की मौतों को 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य तय किया है। गडकरी ने इस मौके पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कॉमर्शियल वाहन चालकों को गुणवत्ता सम्पन्न प्रशिक्षण देने, सड़कों की दशा सुधारने तथा पर्यावरण सुरक्षा और सड़कों पर आवाजाही की स्थिति मजबूत बनाने के उद्देश्य से ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए एक योजना लांच की है।
नया कानून बनेगा सबब
समारोह में गडकरी ने लोकसभा द्वारा पारित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक के राज्यसभा द्वारा पारित न होने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस विधेयक के पारित होने से नये कानून व्यापक रूप से सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहित करेंगे, जो विधेयक एक सक्षम, बाधा रहित और एकीकृत मल्टीमोड सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विकास को भी बढ़ावा देगा। नया कानून आते ही देश की परिवहन प्रणाली में सुधार आना तय है। उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 789 संभावित दुर्घटना स्थलों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित कराकर उन्हें सुरक्षित डिजाइन में बदलने की मुहिम चलाई है, जिसमें अभी तक 139 स्थानों को ठीक किया जा चुका और 233 स्थानों को सुधारने का कार्य प्रगति पर है। वहीं सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान (आईआरएसी) द्वारा सड़क सुरक्षा पर तैयार पत्र को भी जारी किया, जो आईआरएसी युवा नेतृत्व वाला राष्ट्रीय मिशन है। इस अभियान का नेतृत्व आईआईटी, दिल्ली के विद्यार्थियों और पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा किया जा रहा है। 
कॉमर्शियल वाहनों पर फोकस
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय सामान्य लोगों में जागरूपकता पैदा करने और सड़क इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा में सुधार के मकसद से ही हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन करता रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार का फोकस खासकर स्कूलों तथा कॉमर्शियल वाहनों चालकों पर किया गया है। उन्होंने देश में वाहन सुरक्षा और संपूर्ण सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जिक्र करते हुए कहा कि 4ई-एजुकेशन (शिक्षा), इन्फोर्समेंट (लागू करना), इंजीनियरिंग तथा इमरजेंसी केयर (आपात देखभाल) के सिद्धातों को अपनाया जा है ताकि सड़क सुरक्षा की समस्या सुलझाई जा सके। वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों के मानकों को बढ़ाया गया, तो वहीं सभी कारों के लिए एयर बैग और गति सीमा सतर्कता उपकरण अनिवार्य किया गया है। इसके आलवा फिसलन से बचने के लिए सभी दो पहिया वाहनों में एबीएस की व्यवस्था की गई है।
स्कूली बच्चों का सम्मान
गड़करी ने विद्यार्थियों से अपने परिवार और समाज के लिए सड़क सुरक्षा का एम्बेसडर बनने का अनुरोध किया। वहीं उन्होंने सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय स्तर की लेखन प्रतियोगिता के 15 विजेता स्कूली बच्चों को पुरस्कार प्रदान किया। शीर्ष तीन विजेताओं को क्रमशः 15 हजार रुपये, 10 हजार रुपये और 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण-पत्र दिया गया। श्रीगड़करी ने इस अवसर पर लोगों की सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई।
24Apr-2018



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें