शनिवार, 30 मई 2015

अगले तीन सालों में एलईडी से रोशन होगा हरेक घर

सरकार का स्मार्ट मीटर लगाने की योजना
एक साल में बिजली व कोयला उत्पादन वृद्धि के बने नए रिकार्ड
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार देश में बिजली संकट से निपटने के लिए बिजली उत्पादन बढ़ाने के साथ ही हर घर को रोशन करने के लक्ष्य को हासिल करना चाहती है। एक साल के कार्यकाल में सरकार ने बिजली की कमी को भारत के इतिहास में सबसे कम स्तर पर लाने का दावा किया है। वहीं सरकार ने अगले तीन सालों में ऊर्जा बचत की दृष्टि हर घर में एलईडी बल्ब लगाने का लक्ष्य तय किया है।
मोदी सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बुधवार को केंद्रीय विद्युत, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने अपने मंत्रालय की एक वर्ष की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार के सभी को हर दिन 24 घंटे बिजल उपलब्ध कराने के विजान पर अनेक कदम उठाए गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में एक साल में केंद्र सरकार ने पहली बार बिजली के घाटे को न्यूनतम 3.6 प्रतिशत तक लाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि परंपरागत बल्बों की जगह एलईडी बल्ब के इस्तेमाल से ऊर्जा बचत हो रही है और सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन साल में देशभर के हर घर में एलईडी बल्ब लगने के लक्ष्य हो हासिल कर लिया जाएगा और देश में बिजली का संकट नहीं रहेगा। पीयूष गोयल ने कहा कि एक साल में बिजली उत्पादन क्षमता में 22,566 मेगावाट यानि 8.4 की बढ़ोतरी ने पिछले दो दशक का रिकार्ड ध्वस्त किया है। इसके अलावा ट्रांसमिशन लाइन क्षमता में 22,100 सर्किट कि.मी. और सब स्टेशन क्षमता में 65,544 मेगावाट क्षमता को बढ़ाने का काम देश के इतिहास में सर्वाधिक बढ़ोतरी का सबब बना है। केंद्र सरकार के एक साल में पहली बार सौर, पवन, छोटी पनबिजली आदि योजनाओं में अक्षय ऊर्जा में भी अतिरिक्त क्षमता में 42 प्रतिशत का सृजन करके लक्ष्य को पार किया गया है। गोयल ने कोयला उत्पादन की वृद्धि में भी एक साल में रिकार्ड उपलब्धि हासिल करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले देश में विद्युत वितरण कंपनियां 2.50 लाख करोड़ रुपये के घाटे में थी, जिनका सरकार की निवेश की नई योजनाओं के लागू होने से यह घाटा कम होकर 1.09 लाख करोड़ के स्तर पर आया है। उन्होंने कहा कि एक साल में 8.3 प्रतिशत की कोयला उत्पादन में हुई वृद्धि पिछले 23 सालों में सर्वाधिक रिकार्ड पर है। गोयल के अनुसार 66,554 एमवीए तथा कोल इंडिया द्वारा अब तक का सबसे अधिक कोयला उत्पादन 32 मिलियन टन रहा है। जबकि कोयले के भंडार वाले राज्यों को एक साल के भीतर 3.35 लाख करोड़ रुपये का संभावित राजस्व ई-निलामी और आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया के तहत मिलेंगे। 66,554 एमवीए तथा कोल इंडिया द्वारा अब तक का सबसे अधिक कोयला उत्पादन 32 मिलियन टन रहा।
ऊर्जा व कोयला वृद्धि का लक्ष्य
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 तक सरकार बिजली उत्पादन को 50 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य तय करके चल रही है। ऊर्जा बचत को मौजूदा खपत के दस प्रतिशत तक बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रकार वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता में पांच गुना से ज्यादा वृद्धि करके इसे 1.75 लाख मेगावाट तक लाने का लक्ष्य है। सरकार की करीब 100 मेगावाट के 25 सोलर पार्क बनाने की योजना है। इसके लिए नवीनीकरणीय ऊर्जा के संप्रेषण हेतु 38 हजार करोड़ रुपये की लागत पर हरित ऊर्जा गलियारा स्थापित किया जा रहा है। सरकार कोयला उत्पादन को बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रही है और वर्ष 2020 तक कोल इंडिया के उत्पादन को दोगुना करके 100 करोड़ टन प्रतिवर्ष तक लाने का लक्ष्य तय किया गया है।
एलईडी के बाद स्मार्ट मीटर
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने देश को बिजली संकट से मुक्त करने की दिशा में ईएलडी बल्ब के बाद हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ऊर्जा क्षेत्र की नीति में देश को बिजली की कटौती से मुक्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार से उन्हें बिजली क्षेत्र में 28 करोड ऐसे लोग विरासत में मिले, जिन तक बिजली की पहुंच नहीं थी। सरकार ने एक साल में 1500 गांव में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण किया है।
28May-2015

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