ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के विकास के एजेंडे में सड़कों के निर्माण के साथ टोल प्लाजा के कारण वहानों की आवाजाही में होने वाली समस्याआ का समाधान भी शामिल है। केंद्र सरकार की टोल प्लाजा पर संग्रह की प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक करने की कवायद को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने दावा किया है कि इसी साल के भीतर 300 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह प्रणाली लागू कर दी जाएगी।

वेब पोर्टल से मिलेगी जानकारी
मंत्रालय के अनुसार देशभर में आम सड़क उपयोगकतार्ओं के हित में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों एक वेब पोर्टल http://www.nhtis.org शुरू किया था। इसका मकसद राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थापित टोल प्लाजा के बारे में आने जाने वाले वाहन चालकों को टोल संग्रह और अन्य जानकारी हासिल कराना है। इसके जरिए वाहन चालकों को वसूले जाने वाले टोल शुल्क की दरों की सूचनाएं भी मिल सकेगी, जिसे कोई भी आमजन इस वेब पोर्टल का उपयोग कर मोबाइल फोन और एसएमएस के जरिए सूचनाएं हासिल कर सकता है।
ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली
मंत्रालय के अनुसार टोल को इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली लागू होने से टोल प्लाजा पर मानवीय दखलंदाजी कम करने और ड्राइवरों के परीक्षण की प्रणाली को कठोर एवं पारदर्शी बनाने के लिए पुणे स्थित सीआईआरटी ने कैमरा आधारित स्वचालित ड्राइविंग परीक्ष प्रणाली, जिसे अनोखी ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली (आईडीटीएस) के रूप में भी जाना जाता है को विकसित किया है। इस प्रणाली में ड्राइविंग के परीक्षण की निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था है। इस प्रणाली के तहत महाराष्ट्र सरकार के मोटर वाहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस पाने के इच्छुक लोगों को लाइसेंस देना शुरू कर दिया है। इस प्रणाली के कारगर साबित होने से अब चंडीगढ़ प्रशासन की मांग पर पुणे की एक ईकाई चंडीगढ़ में भी स्थापित की जा रही है। अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। यह प्रणाली गड़बड़ियां रोकने और लाइसेंस पाने की इच्छा रखने वालों को कारगर एवं पारदर्शी सेवाएं मुहैया कराने में उपयोगी साबित होगी।
16May-2015
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