गुरुवार, 7 मई 2015

भारत-बांग्लादेश सीमा विधेयक पारित

विपक्षी दलों से सहमति बनाने में सफल रही सरकार
कानून के जएि हो होगा भूमि का आदान-प्रदान
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भारत ने बांग्लादेश के साथ जमीन की अदला-बदली यानि भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा से संबन्धित संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया है। इस विधेयक पर सरकार ने बिल पेश करने से पहले विपक्षी दलों से बातचीत के जरिए
आम सहमति बना ली थी।
राज्यसभा में भारत-बांग्लादेश भूमि समझौते को कैबिनेट की मंजूरी के बाद बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संविधान (100वां संशोधन) विधेयक-2015 पेश किया। बिल को पेश करते हुए उन्होंने दोनों पडोसी देशों के बीच सीमा विवाद के कारण अवैध घुसपैठ जैसी समस्याएं लगातार खड़ी देखी गई हैं। इस समस्या को सुलझाने और कूटनीतिक जरूरतों की वजह से यह बिल बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से असम को लेकर उठ रही आपत्ति को देखते हुए इस बिल से असम को अलग कर दिया था, लेकिन कांग्रेस समेत अन्य दलों से बातचीत के बाद असम को शामिल करते हुए कैबिनेट से मंजूरी ली। सुषमा ने यह भी बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश के दौरे पर इस संबन्ध में एक प्रोटाकॉल पर समझौता किया था, जिस पर यूपीए सरकार ने लोकसभा में इस विधेयक को पारित भी किया था, लेकिन भाजपा, अपग और टीएमसी के विरोध के कारण 18 दिसंबर 2013 को पेश किये गये इस विधेयक को संसदी समिति को भेज दिया गया था। चूंकि 15वीं लोकसभा के साथ ही संसदीय समिति भी भंग हो चुकी थी। इसलिए उनकी राजग सरकार ने यूपीए सरकार वाले विधेयक को शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को भेज दिया, जिसने तीन माह में रिपोर्ट भी दे दी। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के साथ बनी सहमति के बाद असम उनकी सरकार ने इस विधेयक में असम को शामिल करके विधेयक लाने का निर्णय लिया। इसलिए यह वहीं विधेयक है जो मनमोहन सरकार संसद में लेकर आयी थी। सुषमा ने कहा कि पूर्व की सरकार का बांग्लादेश से समझौते को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। सरकार के इस फैसले का सदन में सभी दलों ने मेज थपथपाकर स्वागत भी किया। ढाई घंटे की चर्चा के बाद इस विधेयक को देर शाम ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।
क्या है सीमा समझौता
भारत सरकार बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौता निर्धारण करने के लिए जो संवैधानिक संशोधन (100वां संशोधन) विधेयक राज्यसभा में पारित किया गया है। इस विधेयक के जरिए भूमि के आदान-प्रदान में असम, मेघालय, पश्मि बंगाल और त्रिपुरा की सीमाओं पर प्रभाव पड़ेगा। बांग्लादेश से भारत के पास और भारत से बांग्लादेश के पास कितनी जमीन जाएगी, इसका भी खाका समझौते के आधार पर तैयार हो चुका है।
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भारत के पास आएगी 2,777.038 एकड़ भूमि
पश्चिम बंगाल में कुल 2398.05 एकड़ जमीन आएगी, जिसमें बेरूबाड़ी, सिंगपाडा़, खुदीपाड़ा (पंचागढ़-जलपाईगुड़ी) में 1374.99 एकड़, पकुडिया में 536.36 एकड़, चार महिषकुंडी में 393.33 एकड़ तथा हरीपल-53.37 एकड़ भूमि शामिल है। मेघालय में 240.578 एकड़ तथा त्रिपुरा में 138.41 भूमि आनी है।
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बांग्लादेश के पास जाएगी 2,267.682 एकड़ भूमि
पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के पास कुल 1,957.59 एकड़ भूमि जानी है। इसमें बोशूमढ़ी-मधुगड़ी से 358.25 एकड़, आंध्राकोट से 338.79 एकड़ तथा बेरूबाड़ी (पंचागढ़ -जलपाईगुड़ी) से 260.55 एकड़ भूमि शामिल है। जबकि मेघालय से 41.702 एकड़ तथा असम से 268.39 एकड़ भूमि जानी है। त्रिपुरा से बांग्लादेश को भूमि नहीं जानी है।
07May-2015

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