मंगलवार, 5 मई 2015

‘जमीन’ की खातिर जमीनी मुद्दों पर विपक्ष के तेवर तल्ख

भूमि पर डबल मारने को तैयार विपक्ष!
-संसद में रियल एस्टेट बिल पर हंगामे के आसार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद में बजट सत्र के अंतिम चार दिनों में सरकार पर जहां ज्यादा कामकाज का बोझ है, वहीं ज्यादातर विधेयकों को लेकर विपक्षी दलों की अडंगेबाजी भी सरकार की मुश्किलें पैदा कर रही है। भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को सरकार ने शायद संयुक्त सत्र के भरोसे छोड़ दिया है, लेकिन राज्यसभा में मंगलवार को राज्यसभा में पेश होने वाले भू-संपदा(विनियमन और विकास) विधेयक यानि रिएल एस्टेट पर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के हंगामे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण इससे पहले पहले चरण की तुलना में केंद्र सरकार की उम्मीदों पर खरा नहीं रहा है, जिसका कारण विपक्षी दलों का सरकार के खिलाफ कदम-कदम पर विरोध करना है। अब सरकार के सामने केवल चार दिन बचे हैं और इस सियासी खेल में टी-20 क्रिकेट की तर्ज पर विपक्ष की टर्न लेती सियासी गेंदबाजी के सामने छक्के या चौके मारने की उम्मीद कम ही है। ऐसे में सरकार के सामने संसद में शेष बचे सत्र के दिनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को अंजाम तक पहुंचाना मुश्किल लग रहा है। भूमि अधिग्रहण की तरह रियल एस्टेट बिल जैसे जमीन के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोर्चा खोलकर विपक्ष के तल्ख तेवरों का संकेत दे दिया है। मंगलवार को सरकार इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करने जा रही है तो जाहिर सी बात है कि विपक्षी दल इसका विरोध करते नजर आएंगे। सरकार के सामने इन चार दिनों में लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा विधायी कार्य निपटाने की चुनौती है, क्योंकि लोकसभा में पारित होने वाले विधेयक को राज्यसभा में लाने के लिए सरकार को तीन और दिन यानि 13 मई तक का समय मिल जाएगा।
इन विधेयकों पर अडंगा
संसद में केंद्र सरकार के सामने काम की कमी नहीं है, लेकिन बजट सत्र के चार दिन ही बचें हैं और भूमि अधिग्रहण समेत कई विधेयकों पर विपक्षी दल अलग-अलग तर्को से अडंगे लगाकर सरकार के सामने मुश्किलें पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि कुछ मुद्दों पर सरकार को विपक्षी दलों में अन्नाद्रमुक और बीजद का साथ मिल रहा है। इसके बावजूद अन्य दल अपने-अपने मुद्दे पर सरकार को घेरने की जुगत में हैं। केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी करने वाले विधेयकों में भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराना है। संसद में विपक्ष की एकजुटता के सामने इसके पारित होने की संभावनाएं क्षीण होती दिख रही है, तो ऐसे में सरकार को संयुक्त सत्र का ही सहारा लेना पड़ सकता है। जमीन से जुड़े रियल एस्टेट संबन्धी विनियामक विधेयक के खिलाफ भी भूमि अधिग्रहण की तर्ज पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। रियल एस्टेट बिल को भी कुछ दल संसदीय समिति को भेजने के पक्ष में हैं। इसके अलावा कैबिनेट से मंजूरी हासिल करने वाले जिन विधेयकों को सरकार इसी सत्र में पारित कराना चाहती है उनमें भी कहीं न कहीं विपक्ष की अडंगेबाजी सामने है। लोकसभा में चर्चा में उलझे जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस के साथ ही अन्नाद्रमुक व बीजद भी इसे संसदीय स्थायी समिति को भेजने की मांग कर रहे हैं। वहीं कालेधन संबन्धी विधेयक को लेकर भी कुछ संशोधनों की मांग को लेकर विपक्षी दलों में असमंजस की स्थिति नजर आ रही है। इसी प्रकार जुवेनाइल ऐक्ट संशोधन विधेयक पर भी किशोर की उम्र को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तनातनी का माहौल है। सरकार सत्र के इन अंतिम चार दिनों में भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक तथा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर विधेयक भी है, जिन्हें ज्यादातर विपक्षी सरकार पर संसदीय स्थायी समिति को भेजने का दबाव बना रहे
हैं।
संसद में आज
लोकसभा में सरकार जीएसटी बिल पर जारी चर्चा मंगलवार को पूरी कराकर उसे पारित कराने का प्रयास करेगी। वहीं इस दिन लोकसभा में राष्टÑीय जलमार्ग विधेयक के अलावा राज्यसभा में संशोधनों के साथ पारित भुगतान एवं निपटान प्रणाली, प्रोदशिक ग्रामीण बैंक विधेयकों को भी पेश किया जाना है। वहीं राज्यसभा में पिछले सप्ताह से सूचीबद्ध करने के बावजूद भू-संपदा(विनियमन और विकास) विधेयक को फिर पेश करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा दोनों सदनों में मंगलवार को विभिन्न मंत्रालयों व विभागों से संबन्धित रिपोर्ट और आवश्यक दस्तावेज रखने जैसे कार्य सूचीबद्ध किये गये हैं। वहीं दोनों सदनों में संबन्धित विभागों के मुद्दों पर केंद्रीय मंत्रियों द्वारा वक्तव्य भी दिये जाने हैं।
05May-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें