बुधवार, 27 मई 2015

नदियों में अगले साल उतरेंगी रिवर बसें!

सरकार ने तैयार किया 101 नदियों को जलमार्ग में बदलने खाका  
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए विकास के एजेंडे पर केंद्र सरकार ने नदियों को जलमार्ग में बदलने के लिए देश की 101 नदियों को चिन्हित कर पूरा खाका तैयार कर लिया है, जिसके लिए सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करने की तैयारी में जुटी हुई है। सड़क यातायात को जल में उतारने के लिए सरकार ने सात राज्यों रिवर बसें चलाने की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरू करने का दावा किया है।
केंद्रीय शिपिंग एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश के सात राज्यों के नदियों, झीलों और नहरों वाले शहरों में जलमार्ग यातायात शुरू करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है और अगले साल जलमार्ग पर रिवर बसें चलाना शुरू करने की उम्मीद है। मसलन पहले चरण में सात राज्यों में 4200 करोड़ रुपये की जलमार्ग विकसित करने की योजना पर काम कर रही इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने सबसे पहले यमुना नदी में दिल्ली से आगरा के बीच रिवर बस चलने की योजना बनाई है। इसके लिए इंग्लैंड की एक कंपनी से 70 होवर क्राμट खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वहीं नदियों, झीलों, समुद्र, नहरों पर बैराज और वाटर टर्मिनल बनाने के लिए नीदरलैंड सरकार तकनीकी सहयोग लेना शुरू कर दिया गया है। इस योजना के तैयार हुए खाके को देखते हुए 101 नदियों, नहरों, झीलों और बैकवाटर को यातायात के रूप में बदलने हेतु अगले तीन महीने में सरकार अधिसूचना जारी करने पर विचार कर रही है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार पहले यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, महाराष्ट्र, केरल व तमिलनाडु में जलमार्ग के यातायात को शुरू करके रिवर बसे चलाएगी। गडकरी का मानना है कि जलमार्ग का यायातात सड़क और रेल परिवहन के मुकाबले सस्ता होगा और दूरस्थ इलाकों को आवागमन का साधन मिल सकेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना में नदियों वाले शहरों की सड़कें नदियों तक संपर्क में होंगी। जहां तक नदियों की सफाई और पानी के प्रवाह का सवाल है उसके लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय नमामि गंगे मिशन के लिए पहले ही कार्य करने में जुटा है।
सस्ता सफर व रोजगार का साधन
केंद्रीय शिपिंग एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सरकार ने सड़क और रेल मार्ग के बोझ को कम करने के लिए देश की नदियों, नहरों और झीलों को जलमार्ग बनाने की वृहद योजना तैयार की है। वहीं नदियों को जलमार्ग में बदलने की योजना से देश के विकास और अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सरकार की देश में छोटे और देश के भीतरी हिस्सों में बंदरगाह बनाने की भी योजना भी है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने देश की नदियों को जलमार्ग में बदलने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक भी लोकसभा में पेश किया है, लेकिन वह अभी सदन में लंबित है। इस विधेयक के मानसून सत्र में पारित होने की उम्मीद है। जलमार्ग को विकसित करने का मकसद रोज रोज के सड़कों पर यातायात बढ़ने और यातायात जाम जैसी समस्याओं से निजात दिलाने के साथ लोगों को सड़क और रेल यातायात से सस्ता और सुलभ सफर की सुविधा देना है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में अभी तक पांच जलमार्ग घोषित किये हैं, जिनका 14500 किमी तक विस्तार करने की परियोजना सरकार के पास तैयार है। नदियों को जलमार्ग में बदलने की योजना को सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से भी सरकार महत्वाकांक्षी कदम मान रही है। इस योजना के तहत नदी, झील, नहर, छोटी नदी, बैकवाटर आदि को जलमार्ग में बदलने की बड़ी योजना का खाका सरकार तैयार कर चुकी है। 
27May-2015

1 टिप्पणी:

  1. बढ़िया जानकारी साझा किया है आपने.
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
    http://iwillrocknow.blogspot.in/

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