शनिवार, 7 फ़रवरी 2015

पडोसी देशों के बीच निर्बाध होगा आवागमन!

जल्द होगा चार सार्क देशों के बीच मोटर वाहन करार
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की विदेश नीति में पडोसी देशों के साथ बेहतर संबन्धोें को मजबूत बनाने का संकल्प भी शामिल है। यही कारण है कि यूरोपीय संघ की तर्ज पर भारत ने दक्षिण एशियाई देशों में सीमा से लगे बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के बीच सड़क यातायात के आवागमन को निर्बाध बनाने की कवायद तेज कर दी है, जिसके लिए इन चार सार्क देशों के बीच जल्द ही मोटर वाहन करार पूरा कर लिया जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार ने पडोसी देशों के संबन्धों को मजबूत करने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों में सार्क देशों के प्रतिनिधियों ने भी व्यापार एवं वाणिज्य में नई जान फूंकने के लिए अपनी-अपनी सीमाओं पर वस्तुओं और यात्रियों की आवाजाही को तत्काल सुगम बनाने पर सहमति बनाई है। इस दिशा में सार्क में शामिल भारत, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के संबन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मोटर वाहन समझौते को अंतिम रूप देने के लिए हाल ही में एक बैठक करके गहन विचार विमर्श किया। यह भी बताया गया है कि इस संबन्ध में चारों देशों के बीच सहमति भी बन गई है और जल्द ही भारत व उसकी सीमा से लगे इन देशों के बीच ऐसा निर्बाध आवागमन शुरू हो जाएगा, जिसमें इन चार सार्क देशों के लोग यात्रि वाहन एवं व्यक्तिगत वाहन के अलावा माल वाहक वाहनों को लेकर निर्धारित किये जाने वाले मार्गो पर आ जा सकेंगे। सूत्रों के अनुसार निर्बाध यातायात का मतलब इन चारों देशों के लोगों को सीमा क्रॉसिंग पर वस्तु एवं यात्रियों की ट्रांस-शिपमेंट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इन चारों देशों के सड़क एवं परिवहन मंत्रियों की बैठक तय की जाएगी, जिसमें मोटर वाहन करार पर हस्ताक्षर करके इस समझौते को पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव विजय छिब्बर की अध्यक्षता में बांग्लादेश के सड़क परिवहन एवं पुल मंत्रालय के अपर सचिव मोहम्मद फारूक जलील, भूटान के सूचना एवं संचार मंत्रालय में सचिव किन्ले दोरजी, भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय बंदोपाध्याय और नेपाल के बाह्य बुनियादी ढांचा एवं परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव देवेन्द्र कारकी के बीच एक दिन पहले ही बैठक में ऐसे समझौते के लिए सहमति बन चुकी है।
प्रोटोकॉल से लागू होगा करार
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन चारों सार्क देशों के बीच मोटर वाहन के समझौते पर अमल की व्यवस्था प्रोटोकॉल के जरिए की जाएगी। इस प्रोटोकॉल में इस बात को स्पष्ट किया जाएगा कि चारों पड़ोसी देश इस समझौते की रूपरेखा के तहत अलग-अलग एक दूसरे से बातचीत करेंगे। इसके लिए चारों देशों के सड़क परिवहन अधिकारियों ने भू-मार्गों पर आसान आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्रीय समितियां एवं एक उप-क्षेत्रीय संयुक्त समिति गठित करने पर सहमति बना ली है। सूत्रों के अनुसार इस कवायद का मकसद इस समझौते पर अमल में सामंजस्य बैठाए रखना और उस पर निगरानी व नियंत्रण भी रखना होगा। अधिकारियों के सात अभी तक बनी सहमति के तहत यह बात भी रेखांकित की गई है कि उप-क्षेत्रीय समझौता दरअसल प्रस्तावित सार्क परिवहन समझौते के समानांतर होगा। इसके लिए पहले से ही शुरू किये जा चुके प्रयास जारी रहेंगे, ताकि जल्द ही इसका समाधान निकल सके। चारों देशों ने उप-क्षेत्रीय समझौते की सदस्यता का विकल्प अन्य सार्क यानि पड़ोसी देशों के लिए भी खुला रखा है।
कम लागत पर बढ़ेगा व्यापार
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सार्क देशों के बीच इस समझौते पर अमल होते ही सीमा क्रॉसिंग पर लोगों की आवाजाही शुरू हो जाएगी और वहीं माल को चढ़ाने एवं उतारने की लागत में भी कमी आएगी। मसलन इससे सीमा पार व्यापार में और ज्यादा आसानी सुनिश्चित होने के साथ इन चारों देशों को आपस में जोड़ने वाले परिवहन कॉरिडोर को आर्थिक कॉरिडोर में तब्दील करने में मदद भी मिलेगी। उम्मीद है कि प्रस्तावित सार्क मोटर वाहन समझौता लागू होने के बाद आपस में अनुबंध करने वाले देशों के बीच सभी तरह के वाहनों का आना-जाना उतना ही सुगम बनाने की तैयारी शुरू की जाएगी।
07Feb-2015

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