सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

देश में बढ़ी भ्रष्टाचार की शिकायतें !


सीवीसी ने आंकड़े जारी कर किया खुलासा
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें लगतार ठोस कदम उठाने के प्रयासो को शुरू करने का दावा करती आ रही हैं, लेकिन देश में भ्रष्टाचार की शिकायतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सीवीसी को मिल रही रिकार्ड शिकायतों का तात्पर्य यह भी माना जा रहा है कि लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग यानि सीवीसी के जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष 2014 में आयोग को भ्रष्टाचार की 63,288 शिकायते मिली हैं, जो वर्ष 2013 में मिली 35,332 से करीब 79 फिसदी अधिक हैं। सीवीसी के सूत्रों की माने तो वर्ष 2014 में इतनी बड़ी संख्या में मिली शिकायत अभी तक रिकार्ड बनी है यानि इससे पहले इतनी शिकायतें कभी आयोग के समक्ष नहीं पहुंची। आयोग को मिली शिकायतों में अधिकांश शिकायतें केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी थीं, जिन्हें आयोग ने निपटाने के लिए संबन्धित विभागों और कार्यवाही के लिए सिफारिश व सुझाव केंद्र सरकार को दिये हैं। हालांकि इन शिकायतों में से ज्यादातर शिकायतों में ठोस आरोपों के अभाव में कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ी और इन्हें महज सीवीसी की भ्रष्टाचार से निपटने की नीति के अनुसार दर्ज किया गया। जबकि शेष शिकायतें आवश्यक कार्रवाई और रिपोर्ट के लिए संबंधित मंत्रालयों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के पास भेज दी गईं, जहां विभागी कार्यवाही की जा रही है।
एक दशक में 2.25 लाख शिकायतें
सीवीसी के अनुसार पिछले एक दशक यानि वर्ष 2005 से 2014 तक सीवीसी को मिली शिकायतों की संख्या 2,24,376 रही हैं, जिनमें वर्ष 2014 में मिली 63 हजार से ज्यादा शिकायतें एक रिकार्ड हैं। इससे पहले वर्ष 2013 में 35,332, वर्ष 2012 में 37,039, वर्ष 2011 में 16,929 और वर्ष 2010 में 16,260 शिकायतें मिली थीं। इसी तरह वर्ष 2009 में 14,206, वर्ष 2008 10,142, वर्ष 2007 में 11,062, वर्ष 2006 में 10,798 तथा वर्ष 2005 में 9320 भ्रष्टाचार की शिकायतें आयोग को मिली थी। हालांकि इससे पहले वर्ष 2004 में 10,735 और वर्ष 2003 में 11,397 शिकायतें आयोग के पास आई थी। इन वर्षो में सीवीसी को मिली शिकायतों का निपटारा भी करने की प्रक्रिया की जा रही है। आयोग भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवही करने की सलाह देता है और संबंधित मंत्रालय का अनुशासनात्मक अभिकरण इस पर कार्रवाई करता है।
47 हजार मामलों का निपटारा
सूत्रों के अनुसार आयोग ने वर्ष 2014 में मिली शिकायतों में से 5,743 मामलों का निपटारा करने का भी दावा किया है, जिनमें आयोग ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अर्थदंड और कार्रवाई की सिफारिश की है। जबकि वर्ष 2013 में आई शिकायतों में से 4,801 मामले निपटाए हैं। जबकि वर्ष 2012 में 5,720, वर्ष 2011 में 5,341 मामलों में कार्यवाही करने की सिफारिश की। वर्ष 2010 में 5522, वर्ष 2009 में 5317 और वर्ष 2008 में 4,328 मामले निपटाए गए। जबकि वर्ष 2007 में 4672 और वर्ष 2006 में सीवीसी ने 4,683 मामलों में कार्यवाही को अंतिम रूप दिया है।
बिना मुखिया के सक्रिय आयोग
आयोग के सूत्रों के अनुसार देश में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की सिफारिश करने वले केंद्रीय सतर्कता आयोग में पिछले चार माह से आयोग का पद रिक्त है, लेकिन आयुक्त के दो अन्य सतर्ककता आयुक्त अन्य अधिकारियोें के सहयोग से भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाही कर रहा है। हालांकि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार और सतर्कता आयुक्त जेएम गर्ग का पिछले साल सितंबर को कार्यकाल पूरा हो गया था, जिसके बाद से मुखिया का पद रिक्त है। फिलहाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के पूर्व निदेशक इस पारदर्शिता इकाई के अंतरिम प्रमुख के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भी सीवीसी सलाह के लिए अपने पास आने वाले सभी मामलों को जल्द से जल्द निपटाने की प्रक्रिया को जारी रखे हुए है। मसलन आयोग में वर्ष 2013 के मुकाबले वर्ष 2014 में कहीं अधिक मामले निपटाए गए।
16Feb-2015

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