शनिवार, 28 फ़रवरी 2015

जेटली के पिटारे में होगी अच्छे दिनों की आस!

संसद में आज पेश होगा आम बजट
मेक इन इंडिया के ईर्दगिर्द रहेगा बजट
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की ओर से कल शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश करेंगे, जिस पर पूरे देश खासकर आम लोगों की नजरे इस बात पर टिकी हुई हैं कि इस बार सरकार के आम बजट में अच्छे दिनों की उम्मीदों को सार्वजनिक किया जाएगा। इस बजट में मेक इन इंडिया और डीजिटल इंडिया की झलक निश्चित रूप से देखने को मिलेगी।
संसद के बजट सत्र के दौरान रेल बजट की तरह ही आम बजट को भी आम लोगों की राहत का पिटारा माना जा रहा है, जिसमें देश के हर वर्ग को वित्तमंत्री अरुण जेटली के आम बजट पर है। मसलन जहां देशभर के आम से लेकर खास लोगों को मोदी सरकार से बेहद उम्मीदों के साथ निगाहें टिकी हुई हैं, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के लिए लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती भी होगी। हालांकि सरकार इस बजट को संतुलित बनाने के लिए आम आदमी से खास आदमी के बीच का रास्ता तय करने का प्रयास करेगी। उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरूण जेटली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "सबका साथ सबका विकास" नारे को बजट में अमलीजामा पहना कर देश को आर्थिक विकास के मार्ग पर अग्रसर करते हुए चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से खाद्य और ईधन सब्सिडी में भारी कटौती कर सकते हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही हैं कि आम बजट में जहां आम लोगों के घर के सपने को साकार करने की दिशा में होम लोन पर ब्याज की छूट 2 लाख रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये की जा सकती है। यदि ऐसा ऐलान होता है तो उससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा। वहीं सरकारी कर्मचारियों, सीनियर सिटीजन और महिलाओं की आयकर की छूट का दायरा बढ़ाया जाना भी तय माना जा रहा है। वित्त मंत्री अपने बजट में जीएसटी का रोडमैप पेश करने के साथ ही सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी का एलान कर सकते हैं। सरकार के वायदें के मद्देनजर कुछ लोक लुभावन वादे जैसे "सबको बीमा सबको घर" उपलब्ध कराने के अतिरिक्त आर्थिक विकास को गति देने एवं युवाओं को लुभाने के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया के तहत विनिर्माण को बढ़ावा देने के पुख्ता प्रावधान किए जाने की संभावना जताई जा रही है। सब्सिडी बिलों में कटौती कर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जैसे रेलवे, सड़क , सौर ऊर्जा और निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा सकता है। इसके लिए सरकार को निवेशकों की अपेक्षाओं को भी पूरा करना पड़ सकता है। मोदी सरकार का इस साल का बजट खास है। इंडस्ट्री के साथ साथ, हर खास और आम इंसान को इससे कई उम्मीदें हैं। इकोनॉमी की ग्रोथ और रोजगार के साथ, सरकार से टैक्स और निवेश को तवज्जो देने पर भी जोर दिया जा रहा है। बजट 2015 में एक आम निवेशक के लिहाज से क्या अहम एलान हो सकते हैं,
उद्योग जगत की उम्मीदें
जाहिर सी बात है कि आम बजट में इंफ्रा, पावर, बैंक्स, डिफेंस, स्टील, आॅयल एंड गैस के क्षेत्र के अलावा आम आदमी के लिए राहत की योजनाओं का एलान हो सकता है। इसके अलावा मैट की दरों में कटौती मुमकिन है। इस बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए सस्ती दर पर लोन, टैक्स छूट और ज्यादा एफएसआई के ऐलान की उम्मीद पर लोगों की नजरे टिकी हुई हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को ऐसी उम्म्ीद है कि एसईजेड डेवलपर्स के लिए मैट, डीडीटी में कटौती होगी यानि इंफ्रा सेक्टर में मैट हटाते हुए 10 साल की टैक्स छूट को 2017 से आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं सड़क क्षेत्र के लिए ज्यादा पूंजी का आवंटन होना तय माना जा रहा है। इस बजट में रिन्युएबल एनर्जी कंपनियों को टैक्स छूट मिलने की संभावना भी है, तो विदेश से पूंजी जुटाने के लिए नए तरीकों का ऐलान किया जा सकता है। ऐसा होने होने से ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। ऊर्जा के क्षेत्र में इस बजट में सोलर पावर के लिए विंड पावर की तरह जेनरेशन बेस्ड छूट का ऐलान होना तय है, ताकि इक्विपमेंट के लिए इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की कमियां दूर हो सकें। आर्थिक विशेषज्ञों की माने तो इस बजट में कच्चे तेल पर दोबारा पांच प्रतिशत तक की कस्टम ड्यूटी लगाई जा सकती है। इस आम बजट में तेल उत्पादन पर लगने वाले सेस में कमी की संभावना भी है।
कर्जदारों पर सख्ती संभव
जैसा कि लंबे समय से बैंकिग सेक्टर की मांग रही है कि विलफुल डिफॉल्टर के लिए सख्त नियमों का ऐलान किया जाना चाहिए, ताकि डूबे कर्ज को वसूला जा सके। इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार नए कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल का ऐलान भी कर सकती है। वित्त मंत्री मेक इन इंडिया से जुड़े मैन्युफैक्चरिंग पर बड़े एलान कर सकते हैं और सरकार के डिफेंस बजट में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसी घोषणा से रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को फायदा किया जा सकता है।
28Feb-2015


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें