मंगलवार, 3 फ़रवरी 2015

मंत्रियों व नौकरशाहों की पाठशाला में पढाया पाठ!

जनता से कैसे हो सरकार का संवाद
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन, प्रशासन और जनता के बीच संवाद को सिरे चढ़ाने के लिए सरकार ने अपने मंत्रियों और नौकरशाहों की पाठशाला लगाई, जिसमें में मीडिया के जरिए सरकार संदेश को जनता तक पहुंचाने की कला का पाठ पठाया।
सरकार और जनता के बीच सीधे संवाद के संकल्प को गति देने के लिए मोदी सरकार ने अपने मंत्रियों को मीडिया को माध्यम बनाने की शिक्षा देने पर जोर दिया। इसके लिए यहां राष्टÑीय मीडिया सेंटर मे सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों की कार्याशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में संयुक्त सचिव और इससे ऊंचे स्तर के अधिकारी, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से मंत्रियों के निजी सचिव भाग ले रहे हैं। मीडिया के साथ संवाद में माहिर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस कार्यशाला में मोदी सरकार के मंत्रियों को मीडिया से संवाद करने की कला का पाठ पठाया। मीडिया के जरिये जनता के साथ सरकार के सम्पर्क स्थापित करने की के लिए केंद्रीय मंत्रियों के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसे मंत्री जो मीडिया से संवाद करने की कला से परिचित नहीं है, उन्हें भी नौकरशाहों के साथ पहल करनी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके, कि लोगों तक प्रमाणिक सूचना या संदेश पहुंच सके। जेटली ने यह भी कहा कि मंत्रियों की टीम में प्रत्येक का मीडिया से संवाद स्थापित करने की कला में समान स्तर नहीं हो सकता है, लेकिन उसे धीरे धीरे आगे बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि सरकार मीडिया के जरिये संवाद करती है। सरकारी सूचना के पैकेजिंग के बारे में जेटली ने जोर दिया कि सरकारी विभागों को सही और विश्वसनीय जानकारी देने के लिए उनकी वेबसाइटों का अधिक से अधिक उपयोग करने की आवश्यकता है। सरकार की नीतियों और कदमों से संबंधित जानकारी लेने वाले हितधारकों की शंकाओं को दूर करने के लिए वेबसाइट एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
सरकारी संवाद में तालमेल जरूरी
इस कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव अजीत सेठ ने संवाद की प्रक्रिया, प्रकृति और विषय सामग्री में बदलाव को ध्यान में रखते हुए कहा कि संवाद के नए वातावरण में सरकारी प्रयासों को समन्वित करने और उनके बीच एक व्यावसायिक तरीके से तालमेल कायम करने की जरूरत है। सेवाओं के वितरण और सूचना तक पहुंच कायम करने के लिए तौर-तरीके का निर्धारण करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। इसके बल पर सरकार लोगों की भागीदारी और उनका मूल्यांकन प्राप्त करने में सक्षम होगी। मंत्रालयों और विभागों की ओर से सूचना फैलाने, विशेषकर सामाजिक मीडिया से जुड़ी चुनौतियों के समाधान पर जोर देने की आवश्यकता है। सेठ ने कहा कि हाल में आपदा और आकस्मिक स्थितियों के समाधान में संवाद को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए गए हैं क्योंकि ऐसी स्थितियों में सूचना का अभाव होता है। मंत्रिमंडल सचिव ने यह भी बताया कि 'डिजीटल इंडिया' जैसा सरकार का ताजा प्रयास जनसमूह तक पहुंचने का माध्यम बना है।
सोशल मीडिया का दृष्टिकोण
सूचना और प्रसारण सचिव बिमल जुल्का ने सरकारी संचार के तरीकों के बारे में किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा देते हुए कहा कि सोशल मीडिया में 360 डिग्री के दृष्टिकोण को अपनाने, एकीकृत मीडिया योजना और पहलों के बारे में मिल रही नई चुनौतियों को दूर करने का भी पाठ पठाया।
03Feb-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें