बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

नागर विमानन की अर्थव्यवस्था में पंख लगाने की कवायद

नागर विमानन मंत्री राजू ने ने की उद्यमियों से चर्चा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही भारतीय विमानन कंपनियों के घाटे को पाटने की दिशा में बजट सत्र से पूर्व केंद्र सरकार ने उद्योगों को समस्याओं के समाधान खोजने के लिए पहल करने का आव्हान किया है।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने मंगलवार को यहां बजट पूर्व नागर विमान उद्योग से जुड़े उद्यमियों और प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विमानन कंपनियों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सामने आ रही समस्याओं के समाधान खोजने और हवाई यात्रा अर्थव्यस्था को मजबूत बनाने की अपील की। नागर विमानन उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ नागर विमानन सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी संबंधित मुद्दों चर्चा करते हुए नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए चर्चा के निष्कर्ष और निर्णय विमानन क्षेत्र में अपनी पूरी क्षमता को विकसित करने में सार्थक साबित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने विमानन कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जिनमें विमान सेवा क्षेत्र के पंखों को मजबूत करने के लिए विमानन उद्योग को भी पहल करने की जरूरत है। मसलन सरकार और उद्यमियों को समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का अनेक हिस्सा एक साथ मिलकर नागर विमानन उद्योग की समस्याओं का समाधान ढूढेंगे। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान चचार्ओं और सुझावों से उनके मंत्रालय को नागर विमानन क्षेत्र के विकास से जुड़ी चुनौतियों की पहचान करने में मदद मिलने के साथ ही उन चुनौतियों के समाधान के तरीके भी सामने आएंगे। इस बैठक में फिक्की, एएमसीएचएएम, अमरीका-भारत विमानन सहयोग कार्यक्रम, एफएए और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। नागर विमानन मंत्रालय में सचिव वी. सोमासुन्दरन ने भी विचार व्यक्त किये।
सुरक्षा के मानको से समझौता नही
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने विमानन उद्योग से मंत्रालय के तहत डीजीसीए द्वारा जारी दिशानिर्देशों में सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता करार देते हुए कहा कि हवाई यात्रा में सुरक्षा और संरक्षा के मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। विचारविमर्श के दौरान अन्य विषयों के साथ-साथ सुरक्षा उपकरणों का स्तर बढ़ाने, एमआरओ उपकरण के लिए 'ग्रीन' चैनल स्थापित करने और हवाई खोज सुविधाओं के लिए समुचित धनराशि आवंटित करने के बारे में भी चर्चा की गयी। इस दौरान उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने एमआरओ क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव दिए, जिनमें सेवा कर हटाने, एमआरओ गतिविधियों पर वैट में कमी लाने, दस-वर्षीय कर मुक्ति, एमआरओ घटकों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हटाने के सुझाव शामिल हैं। यह भी कहा गया है यदि ये उपाय किए जाते हैं तो एक अरब डॉलर से भी अधिक धनराशि के बल पर देश में एमआरओ गतिविधियों में लगभग एक लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। चर्चा के दौरान हितधारकों ने यह भी अनुरोध किया कि एटीएफ को 'घोषित जिन्स' माना जाए ताकि एटीएफ पर वैट को 4 प्रतिशत तक घटाया जा सके। इससे एयरलाइन और अधिक व्यवहार्य हो जाएंगे, क्योंकि एटीएफ का लागत में 45 प्रतिशत से अधिक योगदान है।
04Feb-2015

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