शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विपक्ष की लामबंदी तेज!

संसद में अध्यादेशों को विधेयकों में बदलना बड़ी चुनौती
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
आगामी सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र में छह अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित कराने का प्रयास करने वाली मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों की लामबंदी तेज होती नजर आ रही है। खासकर भूमि अध्यादेश के विरोध में लगभग सभी विपक्षी दल संसद में सरकार पर निशाना साधने की रणनीति पर मुखर हो रहे हैं।
शीतकालीन सत्र में भूमि अधिग्रहण(संशोधन) विधेयक को विपक्ष के विरोध के चलते केंद्र सरकार उसे पारित नहीं करा सकी थी, जिसके कारण सरकार को भूमि अधिग्रहण में संशोधन को लागू कराने के लिए अध्यादेश का सहारा लेना पड़ा था। भूमि अधिग्रहणसमेत केई कानूनों पर अध्यादेश जारी करने से कांग्रेस  समेत ज्यादतर विपक्षी दलों मोदी सरकार पर निशाने साधते हुए अलग-अलग संज्ञा देकर विरोध करना शुरू कर दिया था। खासकर अध्यादेशों को लेकर आये राष्ट्रपति के बयान से केंद्र सरकार ने ऐसे प्रयास शुरू कर दिये थे कि इन अध्यादेशों को बजट सत्र के दौरान विधेयकोें के रूप में संसद में पारित कराया जाए। अब जब संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है तो विपक्षी दलों ने खासकर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ लामबंदी की रणनीति को हवा देना शुरू कर दिया है। संसद में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों के विरोध को सामाजिसक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करके अध्यादेश लाने के खिलाफ आंदोलन के ऐलान ने और मजबूत कर दिया है। हालांकि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कई लंबित विधेयकों को पारित कराने के लिए विपक्ष का साथ लेने का प्रयास कर रही है, जिसमें केंद्र सरकार भी संसद के बजट सत्र में विपक्षी दलों के विरोध का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आएगी।
आम सहमति का प्रयास
संसद का बजट सत्र शुरू होने की पूर्व संध्या पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुलाई जा रही सर्वदलीय बैठक में सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील की जाएगी। सर्वदलीय बैठक में कोयला, खान एवं खनिज, ई रिक्शा, नागरिकता संशोधन अधिनियम, भूमि अधिग्रहण और एक बीमा क्षेत्र में एफडीआई से संबंधित अध्यादेश लाने पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। जबकि इन अध्यादेशों को विधेयकों के रूप में पारित कराने के अलावा केंद्र सरकार व्हीसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम में संशोधन, सेवा एवं शिकायत निपटारा का अधिकार विधेयक, अंतर राज्य जल विवाद अधिनियम में संशोधन, औषधियों के लिए नयी प्रणाली को मान्यता अधिनियम, राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम में संशोधन, आंध्रप्रदेश पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक आदि पर आम सहमति बनाने के प्रयास में है।
भूमि अध्यादेश पर किचकिच
कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के बाद कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहाकार अहमद पटेल के बयान ने भूमि अध्यादेश पर आम सहमति बनाने के प्रयास पर संशय खड़ा कर दिया है, जिसके सुर में सुर सपा, बसपा, वामदल और अन्य राजनीतिक दल भी मिलाते नजर आ रहे हैं। अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ कांग्रेस भी जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में धरना देने का ऐलान कर चुकी है, जिन्हें अन्य दलो का भी समर्थन मिल रहा है। ऐसे में सरकार के सामने अध्यादेशों को विधेयकों खासकर भूमि अधिग्रहण बिल को पारित कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
21Feb-2015

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