रविवार, 22 फ़रवरी 2015

छह अध्यादेशों को विधेयकों में बदलने की होगी चुनौती!

सोमवार से शुरू होगा संसद का बजट सत्र
एजेंडे में शामिल होंगे 44 विधायी कार्य
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में सरकार सात नए विधेयकों के साथ 44 विधायी कार्यो को सूचीब करके आ रही है, जिसमें खासकर उच्च सदन में केंद्र सरकार को अध्यादेशों के स्थान पर छह विधेयकों को पारित कराने में मुश्किलें आ सकती है।
मोदी सरकार को घेरने में विपक्षी दलों की लामबंदी से साफ संकेत हैं कि संसद के बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संसद के बजट सत्र में सरकार ने 44 सूत्रीय विधायी कार्यो का एजेंडा तैयार किया है,
जिसमें संसद में दस नए विधेयक पेश करके उन्हें पारित कराने का इरादा होगा। इस दस नए विधेयकों में में वित्त विधेयक 2015 के अलावा छह विधेयक अध्यादेश का स्थान लेंगे, जिनमें खासकर भूमि अधिग्रहण संशोधनों को लेकर सरकार विपक्ष की लामबंदी के निशाने पर है। इसके अलावा लोकसभा में लंबित तीन बिल यानि वस्तु एवं सेवा कर लागू करने से संबंधित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014, लोकपाल और लोकायुक्त और अन्य संबंधित कानून (संशोधन) विधेयक 2014 तथा निरस्त करना और
संशोधन करना विधेयक 2014 तीन और राज्यसभा में लंबित सात विधेयकों पर विचार करना और उन्हें पारित कराकर उन्हें उच्च सदन में पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने होगी। जबकि राज्यसभा में लंबित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक 2013 और संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2014 को भी पारित कराना होगा। हालांकि राज्यसभा में लंबित कंपनी (संशोधन) विधेयक 2014, सार्वजनिक भवन (अनधिकृत रूप से रह रहे लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2014, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (संशोधन) विधेयक 2014, निरस्त करना और संशोधन (दूसरा) करना विधेयक 2014 तथा भुगतान और निपटान प्रणालियां (संशोधन) विधेयक 2014 लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं। संसद में जहां तक नए विधेयकों को पेश करने का सवाल है उनमें राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भंडारण निगम, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन, मध्यस्थता और सुलह-सफाई, विनियोजन अधिनियमों के निरस्त करने, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, व्हिसल ब्लोअर संरक्षण, भारतीय प्रबंधन संस्थानों, राष्ट्रीय शैक्षणिक कोष और अनुसूचित जातियों की पहचान से संबंधित हैं। संसद में इसके अलावा गैर विधायी कार्यो में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और रेलवे संविद समिति के गठन पर चर्चा शामिल है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 24 व 25 फरवरी को चर्चा होगी और उसे स्वीकृति दी जाएगी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक चलेगा।
विपक्षी मुद्दों पर नरम सरकार
सरकार संसद के बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में विचार किए जाने वाले वित्तीय, विधायी और अन्य कामकाज पर विभिन्न दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेगी। विपक्ष के मुद्दों पर नरम केंद्र सरकार ने कुछ मुद्दों पर विपक्षी दलों के साथ आम सहमति बनाने के लिए 22 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू बजट सत्र से इन दलों से परामर्श करेंगे, वहीं रविवार को ही रात्रि भोज पर संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इन बैठकों का मकसद विवादित मुद्दों पर आम सहमति बनाने और विपक्ष का सहयोग लेना है।
रेल एवं आम बजट
संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 23 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होने वाला संसद का बजट सत्र आठ मई तक चलेगा, जिसके दो चरण होंगे। पहले चरण में 23 फरवरी से 20 मार्च तक 20 बैठकें होंगी और इस दौरान सरकार का 26 फरवरी को रेल बजट, 27 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण और 28 फरवरी 2015 को आम बजट पेश करने का प्रस्ताव है। जबकि दूसरा चरण 20 अप्रैल से आठ मई तक 13 बैठकों को आयोजित करने के लिए चलाया जाएगा। दोनों चरणों के बीच में बजट सत्र के प्रस्तावित 44 विषयों की सरकारी कार्यसूची में वित्तीय, विधायी और गैर-विधायी विषय शामिल हैं। जिसके 11 विषयों में वर्ष 2015-16 के आम और रेल बजट पेश करने व उन पर चर्चा, 2015-16 के रेल और आम बजट दोनों के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा और मत विभाजन, 2014-15 के लिए पूरक अनुदान मांगों और यदि 2013-14 के लिए कोई अतिरिक्त मांग हो तो संबंधित विषय शामिल हैं।
22Feb-2015

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