मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

सांसद निधि को लेकर एक्शन में दिल्ली के सांसद!

सांसद निधि की अगली किश्त का सांसदों को इंतजार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
दिल्ली की सरकार में आम आदमी पार्टी की सत्ता आते ही अब दिल्ली के सभी भाजपा सांसदों पर सांसद निधि के सहारे मोदी के विकास के एजेंडे की रμतार बढ़ाने का दबाव होगा। वहीं दिल्ली की जनता का विश्वास हासिल करने और दिल्ली की आप सरकार का मुकाबला करने के लिए सभी भाजपा सांसदों को सांसद निधि की पहली किश्त को मौजूदा वित्तीय वर्ष में खर्च करने और दूसरी किश्त हासिल करने का इंतजार है।
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भाजपा के सांसद निर्वाचित होकर आए थे, जिनके साथ राज्यसभा में कांग्रेस के दिल्ली से तीन सांसदों को भी सांसद निधि की पहली किश्त में ढ़ाई-ढ़ाई करोड़ की राशि यानि कुल 25 करोड़ रुपये आबंटित हो चुके है। इसके अलावा दिल्ली के विकास के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में खर्च करने के लिए दिल्ली के संसद सदस्यों के सामने पंद्रहवीं लोकसभा के दिल्ली से लोकसभा के पूर्व कांग्रेसी सांसदों का भी 28.80 करोड़ खर्च हुए बिना बचा हुआ है। ऐसे में दिल्ली में आई आप की सरकार का मुकाबला करने के लिए सबसे ज्यादा दबाव भाजपा के सातों लोकसभा सदस्यों पर होगा, वह भी मौजूदा वर्ष के भीतर यानि 31 मार्च 205 तक। सांसद निधि में दोनों सदनों के सदस्यों को स्थानीय विकास में खर्च करने के लिए हर साल पांच करोड़ रुपये आबंटित किये जाते हैं। इसका मकसद सांसद स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य,सफाई और सड़कों वगैरह पर यह पैसा खर्च कर सकते हैं। दिल्ली में चुनाव के दौरान आरोप लगे थे कि भाजपा के सांसदों ने सांसद निधि का एक पैसा भी खर्च नहीं किया, जबकि भाजपा सूत्रों ने दिल्ली चुनाव को देखते हुए विकास कार्यो पर खर्च करने का दावा किया था। गौरतलब है कि सांसदों को हर साल दो-दो करोड़ रुपये की सांसद निधि आवंटित होती थी, लेकिन लोकसभा में लंबे समय से सभी पार्टियों के सांसद इस कोष को नाकाफी बताते हुए बढ़ाने की मांग करते आ रहे थे तो, वर्ष 2011 में संसद के मॉनसून सत्र से पहले ही केंद्रीय कैबिनेट ने सांसद क्षेत्रीय विकास योजना कोष यानि सांसद निधि कोष की रकम को प्रति वर्ष दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए करने का फैसला किया है।
ताकि लेप्स न हो निधि
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अनुमान के अनुसार देश का कोई भी संसद सदस्य सांसद निधि की पूरी राशि का उपयोग नहीं कर पाता है और नए वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले बची राशि लेप्स हो जाती है। इसलिए राजग सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद निधि की राशि लेप्स न हो, इसके लिए आदर्श सांसद ग्राम योजना को भी लागू कर दिया है। चूंकि एक सांसद को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। जबकि विधायकों को तीन करोड़ रुपये मिलते हैं। मोदी सरकार का प्रयास है कि हर सांसद अपने क्षेत्र में सांसद निधि का शत प्रतिशत या उससे ज्यादा खर्च करके विकास कार्यो को अंजाम दें। सांख्यिकी एवं योजनागत कार्यक्रम मंत्रालय में एमपीलैंड्स निदेशक द्वारा सांसदों की निधि को खर्च करने के संबन्ध में सर्कुलर भी जारी कर दिया है, जिसमें सांसद स्थाानीय क्षेत्र विकास योजना के अलावा अपने क्षेत्र या अन्य राज्य में खर्च एक सांसद अपनी सांसद निधि के अंशदान में 25 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है।
17Feb-2015

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