सोमवार, 19 मई 2014

लोकसभा में दिखेगा दागियों का वर्चस्व !

संसद के इतिहास में पहली बार बढ़ा दागियों का आंकड़ा
1398 ने आजमाई थी किस्मत, 186 का बुलंद हुआ सितारा
ओ.पी.पाल

देश की राजनीति पर आपराधीकरण किस तरह हावी है यह सोलहवीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से भी सामने आ गया। मसलन इस बार लोकसभा में दागियों की संख्या संसदीय इतिहास में अपने चरम पर है। इस बार लोकसभा में निर्वाचित होकर आए 186 यानि 34 प्रतिशत सांसदों का आंकड़ा एक रिकार्ड बनता नजर आया, जिसमें सर्वाधिक 98 भाजपा के सांसद शामिल हैं।
सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में 543 सीटों के लिए हुए चुनाव में 8230 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें 1398 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले लंबित थे। चुनाव आयोग की कवायद में सहयोग करती आ रही गैर सरकारी संस्थाएं नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने हर चरण में प्रत्याशियों के शपथपत्रों को खंगालकर उनके बारे में तथ्य उजागर किये। इस बार चुनाव मैदान में उतरे 1398 दागियों में से 543 सीटों में से 186 दागी लोकसभा में दाखिल हो चुके हैं, जबकि 15वीं लोकसभा में यह संख्या 158 थी, जिनमें 77 सांसद ऐसे थे, जिनके खिलाफ हत्या,हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण, बलात्कार और सांप्रदायिक अशांति जैसे संगीन मामले लंबित थे। इस बार निर्वाचित 186 दागियों में ऐसे संगीन मामलों में संलिप्त आरोपियों की संख्या भी बढ़कर 112 हो गई है। इन चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से आगे 282 सीटें जीती हैं, जिनमें से 98 यानि 35 फिसदी नवनिर्वाचित सांसदों पर आपराधिक दाग है, इनमें भी सर्वाधिक 63 के खिलाफ संगीन मामले लंबित हैं। दूसरे पायदान पर दागी सांसदों में राजग घटक के ही शिवसेना के हैं जिनके 18 सांसदों में 15 यानि 83 फिसदी दागी है और उनमें भी आठ के खिलाफ संगीन मामले लंबित हैं। उसके बाद कांग्रेस तीसरे पायदान पर है भले ही वह विपक्षी होने का भी आंकड़ा पूरा न कर पाई हो, लेकिन कांग्रेस के 44 में से दागी सांसद लोकसभा में पहुंचे हैं, जिनमें तीन के खिलाफ संगीन मामले लंबित हैं। तृणमूल कांग्रेस के 34 सांसदों में से सात पर आपराधिक दाग है, जिनमें चार के खिलाफ संगीन धाराओं के मामले लंबित चल रहे हैं। अन्नाद्रमुक के 37 में से छह दागी हैं और उनमें तीन के खिलाफ संगीन अपराध करने का आरोप है।
नौ हत्यारोपी भी पहुंचे लोकसभा
सोलहवीं लोकसभा में निर्वाचित होकर पहुंÞचे 186 दागियों में 112 के खिलाफ संगीन अपराध करने के मामले लंबित हैं। इनमें नौ के खिलाफ हत्या के मामले लंबित हैं, जिसमें चार भाजपा और एक-एक कांग्रेस, लोजपा, राजद, स्वाभिमान पक्ष व निर्दलीय सांसद शामिल है। हत्या का प्रयास करने वाले 17 सांसद भी लोकसभा में दाखिल हुए हैं, जिसमें दस भाजपा, दो तृणमूल कांग्रेस के अलावा एक-एक कांग्रेस, राकांपा, राजद, शिवसेना व स्वाभिमान पक्ष का जनप्रतिनिधि शामिल है। महिलाओं के खिलाफ मामलों में आरोपित केरला से निर्दलीय रूप से निर्वाचित जॉएस जार्ज तथा महाराष्ष्टÑ की चन्द्रपुर सीट से भाजपा के अहीर हंसराज गंगाराम भी लोकसभा में नजर आएंगे। लूट व डकैती के मामलों में आरोपी दस सांसद भी संसद में दाखिल हुए हैं, जिसमें सात भाजपा, एक-एक राजद, निर्दलीय व स्वाभिमान पक्ष का सांसद शामिल है। सात नवनिर्वाचित सांसद अपहरण करने के आरोपी हैं जिनमें तीन भाजपा तथा एक-एक तृणमूल कांग्रेस, लोजपा, राजद व निर्दलीय शामिल है। सांप्रदायिकता अशांति फैलाने के आरोप में जिन निर्वाचित सांसदों के खिलाफ अदालतों में मामले लंबित है उनकी संख्या 16 है जिसमें 12 भाजपा तथा एक-एक टीआरएस, पीएमके, एआईयूडीएफ व आल इंडिया मजलिस-एक मुस्लिम का सांसद सदन में नजर आएगा।
कुबेरो से चहकेगी लोकसभा
लोकसभा में इस बार करोड़पति सांसदों की भरमार है। मसलन 543 में 442 सांसद करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल है। जबकि सोलहवीं लोकसभा में 2208 धनकुबेरों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। 15वीं लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या 300 थी। धनकुबेर सांसदों में भी भाजपा ने ही बाजी मारी है, जिसके 282 में से 237 करोड़पति सांसद निर्वाचित होकर आए हैं। जबकि कांग्रेस के 44 में 35, अन्नाद्रमुक के 37 में 29 तथा तृणमूल के 34 में 21 सांसद कुबरों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
75 फीसदी स्नातक
सोलहवीं लोकसभा में चुने गए लगभग 75 फीसदी सांसदों के पास कम से कम स्नातक की डिग्री है जबकि 10 फीसदी सांसद सिर्फ दसवीं पास हैं। यह संख्या 15वीं लोकसभा से कुछ कम है क्योंकि उसमें 79 फीसदी सांसदों के पास स्नातक की डिग्री थी। हालांकि दसवीं तक पढ़े हुए सांसदों की संख्या 17 से घटकर महज 10 फीसदी रह गई है। डॉक्टरेट डिग्री वाले सांसदों की संख्या इस दोगुना यानि 6 फीसदी हो गई है। दिलचस्प बात यह है कि जो 10वीं पास नहीं हैं, उनकी संख्या में भी इस बार तीन फिसदी से बढ़कर 13 फीसदी पहुंच गई है।
ग्लैमर का रूतबा भी बढ़ा
लोकसभा चुनाव इस बार लोकसभा में रूपहले पर्दे व संगीत जगत की कई हस्तियां भी दिखाई देंगी, जिनमें ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी, मुन मुन सेन, किरण खेर, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, मनोज तिवारी, परेश रावल, बाबुल सुप्रियो प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनके अलावा बांग्ला फिल्मों के अभिनेता-अभिनेत्रियों ने भी संसद में उपस्थिति दर्ज कराई है, जिनमें दीपक अधिकारी ऊर्फ देव, शताब्दी रॉय, संध्या रॉय और तापस पाल के साथ ही मलयालम फिल्मों के सितारे इन्नोसेंट ने वाम मोर्चे के समर्थन से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चालाकुडी से चुनाव जीता है।
19May-2014

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