सोमवार, 5 मई 2014

लोकसभा : सियासी जंग में नहीं थमा दागियों का दांव !

1279 हुई दागी उम्मीदवारों की संख्या
आठवे दौर में 177 दागियों का होगा फैसला
आप भो दागियों पर भरोसा जताने में चौथे पायदान पर
भाजपा-कांग्रेस-बसपा के दागियों का शतक पूरा

1101 की किस्मत ईवीएम में हो चुकी है कैद

ओ.पी. पाल
सोलहवीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनावों में राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के चाबुक और चुनाव आयोग की चुनाव सुधार की कवायद को जैसे नेस्तनाबूत करने का ही इरादा कर लिया है। मसलन 543 लोकसभा सीटों के लिए आठवें चरण तक यानि 502 सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे 7624 उम्मीदवारों में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या 1279 तक जा पहुंची है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो राजनीतिक दलो का दागियों पर विश्वास करने के मायने लोकसभा को दागदार बनाने का प्रयास कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दस मार्च को सांसदो एंव विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों में आरोप तय होने के एक साल के भीतर फैसला हो जाने का आदेश दिया था। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दागी जनप्रतिनिधियों पर चाबुक घुमाया और निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव सुधार के लिए सर्वदलीय बैठकों में सभी राजनीतिक दल राजनीति से अपराधिकरण दूर करने के बढ़ चढ़कर दुहाई देते नजर आए। इसके बावजूद बड़े से बड़े राजनीतिक दलों ने इन चुनावों में दागियों पर ही ज्यादा भरोसा जताने की रणनीति अपनाई है। यही कारण है कि सोलहवीं लोकसभा के आठवें चरण तक 502 सीटों के चुनाव तक मैदान में उतरे कुल 7624 उम्मीदवारों में से दागी 1279 प्रत्याशी दागियों की फेहरिसत में शामिल हैं, जिनमें 797 प्रत्याशियों के खिलाफ तो हत्या, अपहरण, बलात्कार, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट और धोखाधड़ी जैसे संगीन अपराध करने के मामले लंबित हैं। इन दागी उम्मीदवारों में सर्वाधिक 290 निर्दलीय और 259 छोटे दलों के शामिल हैं। जहां तक प्रमुख राजनीतिक दलों का सवाल है उसमें सबसे ज्यादा 126 पर भाजपा और 116 दागियों पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है। इसके अलावा बसपा 102 दागियों के साथ शतकीय प्रहार कर चुकी है, जबकि पिछली लोकसभा के दागी उम्मीदवारों पर उंगली उठाने वाली स्वंभू ईमानदार दल के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी 61 दागी उम्मीदवारों पर भरोसा करके चौथे पायदान पर है। सपा ने 52, जद-यू , सीपीआई(एम) व सीपीआई(माले)ने 29-29, शिवसेना ने 23, सीपीआई ने 19, राजद व राकांपा ने 18-18, वाईएसआर कांग्रेस ने 13, तृणमूल कांग्रेस ने 12, तेदेपा व जद(एस) ने दस-दस आपराधिक छवि के उम्मीदवारों पर ज्यादा ही भरोसा जताया है। इसके अलावा डीएमके, जीजीपी, झामुमो, एडीएमके, बीजद, रालोद, मनसे, एजीपी जैसे दलों के दागियों का आंकड़ा अभी दहाई का अंक नहीं लांघ सका है। अभी तक हुए सात चरण के चुनाव में 438 सीटों के लिए संपन्न हो चुके चुनावों में 1101 दागी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है, जबकि 177 ने सात मई को होने वाले आठवें चरण में अपनी किस्मत दांव पर लगा रखी है।
दागियों पर महाराष्ट्र  व यूपी में मुकाबला
लोकसभा चुनाव के आठवें दौर तक 502 सीटों पर चुनाव हो जाएगा, जहां 1279 दागियों में सबसे ज्यादा 175 दागी उम्मीदवार महाराष्ट्र में सामने आए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश 172 दागी उम्मीदवारों के साथ दूसरे पायदान पर है। बिहार में 157, आंध्र प्रदेश में 106, तमिलनाडु में 103, केरला में 74, मध्य प्रदेश व गुजरात में 65-65, झारखंड में 62, कर्नाटक में 55, पश्चिम बंगाल में 44, ओडिसा में 39, पंजाब व दिल्ली में 23-23, राजस्थान में 22, छत्तीसगढ़ में 19, हरियाणा में 15, असम में 14, हिमाचल प्रदेश में नौ, उत्तराखंड में सात, पुडुचेरी व गोवा में 6-6, त्रिपुरा, अंडमान निकोबार व लक्षद्वीप में तीन-तीन, जे एंड के, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली व दमन द्वीव में दो-दो और अरुणाचल प्रदेश में एक दागी उम्मीदवार सामने आया है। जहां तक संगीन मामलों वाले उम्मीदवारों का सवाल है उसमें उत्तर प्रदेश ने 131 उम्मीदवारों को मौका देकर महाराष्टÑ के 110 संगीन अपराध वाले उम्मीदवारों को पछाड़ दिया है। इसके बाद बिहार में ऐसे 109 उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ संगीन मामले लंबित हैं। संगीन अपराध वाले उम्मीदवारों में आंध्र प्रदेश 69 व तमिलनाडु 53 के अलावा अन्य सभी राज्य अर्धशतक तक नहीं पहुंच सके हैं।
आठवे चरण में 177 दागी
लोकसभा के आठवें चरण में सात मई को सात राज्यों की 64 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 897 प्रत्याशियों में से राजद प्रमुख लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबडी देवी, केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा, नित्यानंद राय, हरक सिंह रावत, अकबर अली डंपी, शैलेन्द्र कुमार, प्रभुनाथ सिंह, राकेश पांडे, अतीक अहमद व ब्रजभूषण शरण समेत 177 दागी सियासी जंग में हैं, जिसमें 125 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, बलात्कार, हत्या के प्रयास, सांप्रदायिक अशांति फैलाने, अपहरण जैसे संगीन मामले लंबित हैं। इस चरण में सर्वाधिक बसपा के 21, भाजपा के 14, कांग्रेस के 13,सपा के 11, आप व वाईएसआर कांग्रेस के दस-दस, तेदेपा के सात, जदयू के चार, वामदलों के आठ उम्मीदवार शामिल हैं। इस चरण में भी वैसे तो दागियों में सबसे ज्यादा 26 निर्दलीय व 39 अन्य छोटे दलों के उम्मीदवार शामिल हैं। जिन प्रत्याशियों के खिलाफ संगीन मामले लंबित हैं उनमें श्रीवास्ती सीट से सपा के उम्मीदवार अतीक अहमद का नाम है जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और सांप्रदायिक अशांति जैसे मामले दर्ज हैं। मसलन इस चरण में जिनके खिलाफ हत्या के आरोप हैं उनमें अतीक अहमद, बसपा के सुल्तानपुर प्रत्याशी पवन पांडे, सपा के फैजाबाद से मित्रसैन यादव जैसे नौ प्रत्याशी शामिल हैं। हत्या के प्रयास के मामले घोषित करने वाले 22, सांप्रदायिक अशांति फैलाने के आरोपी पांच और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े लंबित मामलों वाले आठ प्रत्याशी के सात मई को होने वाले चुनाव में फैसला होगा।
05May-2014

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