बुधवार, 7 मई 2014

लोकसभा चुनाव:आठवें दौर में कांग्रेस को सीटें बचाने की चुनौती!

आंध्र में कांग्रेस व बिहार में जद-यू मुश्किल में
64 सीटों में सिर्फ 5 जीत सकी थी भाजपा
ओ.पी. पाल

सोलहवी लोकसभा के गठन हेतु सात राज्यों की 64 सीटों के लिए बुधवार को आठवें दौर का चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों के लिए बेहद प्रतिष्ठा का सवाल होगा। इस दौर में जहां भाजपा को पांच सीटों को बढ़ाकर दो दर्जन तक पहुंचाने की चुनौती है, तो वहीं कांग्रेस को अपनी 33 सीटों को बचाने की जद्दोजहद से जूझना पड़ेगा। कांग्रेस के जूझने का कारण साफ है कि आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में उसके कब्जे वाली 21 सीटों पर तेलांगना के मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस, तेदेपा व टीआरस की झीना-झपटी तय मानी जा रही है, जबकि अन्य राज्यों में कांग्रेस के लिए खोने को कुछ खास नहीं है।
बुधवार को आंध्र प्रदेश की 25, बिहार की सात, हिमाचल की चार, उत्तर प्रदेश की 15, उत्तराखंड की पांच, पश्चिम बंगाल की छह, जम्मू-कश्मीर की दो लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इस इस दौर की 64 संसदीय सीटों के लिए 79 महिलाओं समेत कुल 897 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं,जिनके लिए इन सभी राज्यों में नौ करोड़ 55 लाख 22 हजार 471 मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार होगा। इस दौर की सियासत में खास बात यह है कि इस दौर का चुनाव भाजपा व कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सियासत और विरासत को बचाने की चुनौती के रूप में माना जा रहा है। दरअसल इन 64 सीटों में भाजपा के कब्जे में बिहार की एक, हिमाचल प्रदेश की तीन और उत्तराखंड की एक ही सीट है। लोकसभा चुनाव के लिए मिशन 272 प्लस के अभियान के मद्देनजर भाजपा के सामने इन पांच सीटों को दस गुणा बढ़ाकर पचास करने की कड़ी चुनौती होगी। वहीं इन 64 सीटों में आधे से अधिक 33 पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस पार्टी को इस विरासत को बचाने के लिए बेहद जद्दोजहद की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है। सीमांध्र की 25 में से 21 सीटें पिछले चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में ही आई थी, बाकी चार सीटे तेदेपा के कब्जे में है। इस क्षेत्र में तेलंगाना मुद्दे के कारण आंध्र प्रदेश की सियासत अपनो का भी विरोध झेलती आ रही कांग्रेस के लिए इस बार सियासी वैतरणी पार करना इतना आसान नहीं है, भले ही कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने तेलंगाना को अलग राज्य बनवा दिया हो। यह सीमांध्र क्षेत्र सूबे का वही इलाका है जो लगातार तेलंगना का विरोध करता आ रहा है, इसलिए कांग्रेस के कब्जे वाली इन लोकसभा सीटो पर तेलगू देशम, वाईएसआर कांग्रेस तथा टीआरएस की छीना-झपटी की राजनीति में कांगे्रस कहीं ठहरती नजर नहीं आती। इसलिए कांग्रेस को इस क्षेत्र में सबसे बड़ा राजनीतिक नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के पास अन्य राज्यों की सीटों पर नजर डाली जाए तो इस दौर के चुनाव में यूपी में सात, उत्तराखंड में चार, हिमाचल में एक सीट ही है। इसके अलावा यूपी में बसपा पांच व सपा तीन सीटों पर कायम है। बिहार में सात सीटों के चुनाव में जद-यू के पास पांच और एक भाजपा व एक राजद के पास है, जहां जदयू के सामने अपनी सीटें बचाने की चुनौती होगी। इस दौर में पश्चिम बंगाल की छह सीटों के लिए भी चुनाव होगा, जहां इन सभी सीटों पर वामदलों का कब्जा है,जिन्हे झटकने के लिए तृणमूल कांग्रेस को पूरी जान फंूकनी पड़ रही है।

दिग्गजों की दांव पर लगी है प्रतिष्ठा
सात राज्यों की 64 सीटों पर 897 प्रत्याशियों का होगा फैसला

आठवें दौर के लोकसभा चुनाव में सात राज्यों की 64 सीटों के लिए बुधवार सात मई को वोट डाले जाएंगे। इस चरण के चुनाव में जिन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, उनमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के गांधी परिवार के वरूण गांधी, लोजपा के राम विलास पासवान, लालू यादव की धर्मपत्नी राबडी देवी के अलावा यूपीए सरकार के कई मंत्री भी शामिल हैं।
बुधवार को होने वाले चुनाव में यूपीए सरकार के केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा यूपी के गोंडा, एमएम पल्लमराजू आंध्र प्रदेश के काकिंदा, किशोरचंद्र देव अरकू , पानाबका लक्ष्मी बपाटला सीट पर अपनी किस्मत आजमा रही हैं। बिहार में सारण सीट से राबडी देवी, हाजीपुर से लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान, अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की स्मृति ईरानी, कांगडा में भाजपा के बागी राजन सुशांत के खिलाफ भाजपा के शांता कुमार नैनीताल में कांग्रेस के केसी सिंह बाबा के खिलाफ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोशियारी, गढवाल से पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के अलावा फूलपुर में क्रिकेटर मोहम्मद कैफ, इलाहाबाद में सपा के रेवती रमन सिंह व भाजपा के श्यामचरा गुप्त, फैजाबाद में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष निर्मल खत्री, श्रीवास्ती में बाहुबली अतीक अहमद आदिन नेताओं ने प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी है।
34 सीटें रेड अलर्ट
सात राज्यों की 64 सीटों में से आधे से ज्यादा यानि 34 सीटें ऐसी हैं जहां तीन या उससे ज्यादा दागी उम्मीदवार सियासी जंग में हैं। सबसे ज्यादा बिहार की मुजफ्फरपुर सीट पर सात, यूपी की संतकबीरनगर व फूलपुर, बिहार की उजियारपुर व शिवहर तथ पश्चिम बंगाल की पुरलिया सीट पर छह-छह, आंध्र प्रदेश की राजमुंद्री अमलापुरम व काडपा, बिहार की सारण व महाराजगंज तथा उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर व प्रतापगढ़ सीट पर पांच-पांच दागी उम्मीदवार आमने-सामने हैं। उत्तर प्रदेश की बहराइच, श्रीवास्ती, गोंडा, बिहार की हाजीपुर व सीतामढी, उत्तराखंड की हरिद्वार, आंध्र प्रदेश की नंदयाल व काकीनाडा तथा पश्चिम बंगाल की झारग्राम सीट पर चार-चार दागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। जबकि आंध्र प्रदेश की हिंदूपुर, मछलीपट्टम, विजयवाडा, अनकापल्ली, नेल्लूर, नारसापुरम व पारसरोपेट के अलावा यूपी की केसरगंज, इलाहाबाद व फैजाबाद तथा हिमाचल प्रदेश की मंडी व शिमला में तीन-तीन दागी प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
दागी उम्मीदवार
इस चरण में 64 सीटो पर 177 दागी भी चुनाव मैदान में होंगे, जिनमें 125 के खिलाफ संगीन अपराध के मामले भी लंबित चल रहे हैं। सबसे ज्यादा 57 दागी उम्मीदवार आंध्र प्रदेश में हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 52, बिहार में 37, पश्चिम बंगाल में 15, हिमाचल में नौ व उत्तराखंड में सात उम्मीदवार दागियों की फेहरिस्त में शामिल हैं। इनमें बसपा के 21, भाजपा के 14, कांग्रेस के 13, सपा के 11, आप व वाईएसआर कांग्रेस के 10-10 के अलावा 65 निर्दलीय व छोटे दलों के प्रत्याशी भी शामिल हैं।
272 कुबेरो का दांव
आठवें दौर के चुनाव में करोड़पति उम्मीदवारों की फेहरिस्त भी लंबी है, जिसमें सर्वाधिक 112 आंध्र प्रदेश, 72 उत्तर प्रदेश, 36 बिहार, 24 उत्तराखंड, 14 हिमाचल प्रदेश, आठ जेएंडके, छह पश्चिम बंगाल में हैं। दलों के हिसाब से देखें तो भाजपा के 44, कांग्रेस के 28, वाईएसआर कांग्रेस के 25, बसपा के 22, तेदेपा के 20, आप के 19, सपा के 17, जदूयू के छह, राजद के पांच, तृणमूल कांग्रेस के तीन के अलावा 41 निर्दलीय व 39 छोटे दलों के प्रत्याशी शामिल हैं।
आठवें दौर के चुनाव पर एक नजर
राज्य                  सीट  प्रत्याशी/महिला   दागी   करोड़पति  कुल मतदाता
1.आंध्र प्रदेश         25        333    27           57        112            3,67,62,976
2.बिहार               07        118     10          37         36              1,05,79,997
3. हिमाचल प्रदेश 04       38      05           09        14              48,10,071
4. जम्मू-कश्मीर  02       19      00           00        08             13,57,321
5. उत्तर प्रदेश       15        243    21          52        72              2,62,41,592
6..पश्चिम बंगाल   06        72     11          15         06             68,83,379
7. उत्तराखंड          05       74      05          07         24             88,87,135
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कुल योग             64      897    79         177        272          9,55,22,471
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07May-2014

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