रविवार, 20 अप्रैल 2014

सियासत:- दागियों से दलों को नहीं चुनावी परहेज !

लोकसभा को दागी बनाने में जुटे  दल
छठे चरण में 321 दागियों पर खेला दांव
557 की किस्मत ईवीएम में हुई कैद
ओ.पी.पाल

15वीं लोकसभा में दागी सांसदों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का डंडा चला और दो सांसदों को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। इस शिकंजे और चुनाव आयोग के चुनाव सुधार की जारी कवायद से ऐसा लग रहा था कि 16वीं लोकसभा के चुनाव में राजनीतिक दल दागियों से परहेज करेंगे, लेकिन ऐसा कतई नहीं हुआ और उससे भी ज्यादा दागियों को राजनीतिक दल लोकसभा में भेजने की तैयारी में जुटे हुए हैं। मसलन छठे चरण के चुनाव तक मात्र 349 लोकसभा सीटों पर ही 879 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों पर सभी दलों ने दांव आजमाया है। इनमें से 557 प्रत्याशियों के भाग्य तो ईवीएम में कैद भी हो चुके हैं।
लोकसभा चुनाव का छठे चरण में 12 राज्यों की 117 सीटों पर चुनाव होना है, जहां 2077 प्रत्याशियों में 321 प्रत्याशियों पर आपराधिक दाग है। इससे पहले संपन्न हुए पांच चरणों के चुनाव में 557 की किस्मत को ईवीएम में कैद किया जा चुका है। चुनाव सुधार के लिए देशभर में काम कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) और इलेक्शन वाच ने अभी तक के प्रत्याशियों के शपथपत्रों को खंगाला है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने स्वयं को आपराधिक, आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि के मामलों में दागी स्वीकार किया है। जहां तक 24 अप्रैल को छठे चरण की 117 सीटों पर होने वाले चुनाव का सवाल हैं उसमें ऐसे दागी प्रत्याशियों की संख्या 321 है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें 204 के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, बलात्कार, धोखाधड़ी जैसे संगीन मामले लंबित चल रहे हैं। इनमें तमिलनाडु की कन्याकुमारी सीट से आप के प्रत्याशी उदय कुमार एसपी के खिलाफ सर्वाधिक 382 मामले दर्ज है, जबकि दूसरे पायदान पर थूथूकूडी सीट से आप के ही प्रत्याशी एम. पुष्पपारायण हैं,जिनके खिलाफ 380 मामले लंबित चल रहे हैं। छठे चरण के चुनाव में हालांकि सर्वाधिक 30 दागी प्रत्याशियों को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जबकि बसपा के 27, भाजपा के बीस, आप व सपा के 13-13, जदयू व सीपीआईएम के आठ-आठ, अन्नाद्रमुक, द्रमुक व सीपीआई-माले के सात-सात प्रत्याशी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। हालांकि इन दागियों में 76 निर्दलीयों समेत छोटे दलों के सर्वाधिक 169 उम्मीदवार इस चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जहां तक संगीन मामलो वाले 204 उम्मीदवारों का सवाल है उसें सर्वाधिक बसपा के 17, कांग्रेस के 15, भाजपा व आप के 12-12, और 99 निर्दलीय व छोटे दलों के प्रत्याशी शामिल हैं।
तमिलनाडु में सर्वाधिक दागियों पर दांव
छठे चरण के चुनाव में तमिलनाडु की 39 सीटों पर खडेÞ 845 प्रत्याशियों में 103 दागी हैं, इसके बाद महाराष्ट्र 68 दागी प्रत्याशियों के साथ दूसरे पायदान पर है। बिहार में 38, उत्तर प्रदेश में 27, मध्य प्रदेश में 21, झारखंड में 19, छत्तीसगढ़ में 12, पश्चिम बंगाल में 11, असम में आठ, राजस्थान में सात, पुडुचेरी में छह व जम्मू-कश्मीर में एक प्रत्याशी दागियों की सूची में शामिल है। पांच या उससे अधिक मामलों वाले सांसदों में भाजपा के वरुण गांधी, कांग्रेस के संजय निरूपम, भाजपा के सीआर पाटिल, तृणमूल कांग्रेस के तपस पाल, कांग्रेस के एन. धरम सिंह और राजकुमारी रत्ना सिंह के नाम हैं। अब देखना यह है कि दागी सांसदों वाले अध्यादेश के खिलाफ बढ़-चढ़कर बोलने वाले राजनीतिक दलों के नेता अपने इन महारथियों के टिकट काटने की हिम्मत जुटा पाएंगे। यूपी में फरुर्खाबाद लोकसभा क्षेत्र में सपा के रामेश्वर सिंह, मथुरा में बसपा के योगेश कुमार पर हत्या का मुकदमा दर्ज है, जबकि पांच प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
रेड अलर्ट सीट
ऐसी लोकसभा सीटों को रेड अलर्ट के रूप में परिभाषित किया गया है, जहां तीन या उससे ज्यादा दागी सियासत की जंग में हैँ। छठे चरण के चुनाव में 117 में से ऐसी 55 सीटें हैं। सबसे ज्यादा सात दागी बिहार की भागलपुर सीट पर हैं, जबकि सात सीटों पर छह-छह, 11 सीटों पर पांच-पांच, 12 सीटों पर चार-चार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, शेष सीटों पर तीन-तीन ऐसे प्रत्याशी सियासत की जंग में हैं।
20Apr-2014

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