शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

यूपी में आगे भी भाजपा को बड़ी चुनौती!

पुरानी सीट बचाने और नई पाने की होड़ में भाजपा-कांग्रेस
ओ.पी.पाल
लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के लिए आगामी 17 अप्रैल को होने वाला चुनाव भी अहम है, जहां राजनीतिक दलों में अपनी मौजूदा सीटों को बचाने और नई जमीन हासिल करने की होड़ लगी हुई है। इन सीटों में पिछले चुनाव में यूपी में सत्तारूढ में पास सर्वाधिक चार सीटें हैं,जहां मोदी मौजिक के सहारे भाजपा के लिए सियासी जंग का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।
यूपी की इन सीटों में रूहेलखंड खंड की बरेली, पीलीभीत, आंवला व खीरी लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है, जहां भाजपा का सियासी जंग का सफर आसान नहीं है। 15वीं लोकसभा के चुनाव में इन 11 संसदीय सीटों में नगीना, रामपुर, बदायूं व शाहजहांपुर लोकसभा सीट समाजवादी ने जीती थी, जबकि मुराबादाबाद, बरेली, और खीरी में कांग्रेस का परचम लहराया था। भाजपा के खाते में आंवला और पीलीभीत ही आ सकी थी, जहां मां मेनका गांधी और बेटा वरूण गांधी लोकसभा पहुंचे थे। जबकि संभल बसपा और अमरोहा पर रालोद के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। यदि वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन सीटों में से कांग्रेस के पास केवल शाहजहांपुर सीट थी। बाकी सीटों पर पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे से लेकर पांचवें पायदान पर रहे थे। ऐसे में कांग्रेस के लिए इस बार यहां पुरानी सीटों को बचाने और नई सीटों पर खाता खोलने की जद्दोजहद होगी। तो कांग्रेस के विरोध में चल रही बदलावा की बयार में भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के मौजिक में भाजपा को इस क्षेत्र में दूसरे चरण के चुनाव में उम्मीदें हैं लेकिन उसके लिए 17 अप्रैल का चुनाव किसी चुनौती से कम भी नहीं होगा। मसलन दूसरे चरण की इन ग्यारह सीटों में कांग्रेस ने आठ सीटों
मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, आंवला, संभल, पीलीभीत, शाहजहांपुर (सुरक्षित) और खीरी से अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं, जबकि बाकी तीन सीटों में नगीना (सुरक्षित), बदायूं पर सहयोगी महान दल और अमरोहा सीट पर राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी मैदान में होंगे। भाजपा ने सभी सीटों पर अपने योद्धा उतारे हैं।
दलों ने अपनाई दांव-पेंच की रणनीति
इस बार के आम चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और सपा ने नई रणनीति अपनाकर कर पुरानी सीटों को बरकरार रखने और नई सीटों पर पकड़ करने के इरादे से प्रत्याशियों को उतारा है। दसवीं लोकसभा में पीलीभीत से जीतकर आई भाजपा की मेनका गांधी ने पिछला चुनाव आंवला से जीता था, लेकिन इस बार अपने बेटे वरूण गांधी के कब्जे वाली पीलीभीत सीट पर वापसी करने पहुंची हैं, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के युवा नेता संजय कपूर से होना है। वरूण गांधी पीलीभीत से सुल्तानपुर सीट पर चले गये हैं। भाजपा ने बरेली से कांग्रेस के प्रवीन ऐरन को पटखनी देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे संतोष गंगवार को उतारा है। जबकि रुहेलखंड से जुड़ी इन सीटों पर अपनी इज्जत बचाने के लिए कांग्रेस ने बिलासपुर के विधायक संजय कूपर को पीलीभीत और स्वार से विधायक नवाब काजिम अली खां को अपनी मां नूरबानों की जगह रामपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया है। नूरबानों कांग्रेस के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ी जयाप्रदा से हार गई थी। अब कांग्रेस ने नूरबानों को अजहरूद्दीन के स्थान पर मैदान में उतारा है। 
11Apr-2014

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