मंगलवार, 22 अप्रैल 2014

स्टेट रिपोर्ट: यूपी ब्रज भूमि में अटकी हैं छह सियासी घरानों की सांसे !


24 अप्रैल को होना है मतदान
ओ.पी.पाल 
सोलहवीं लोकसभा के लिए छठे चरण और उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण की सियासी जंग की पटकथा ब्रजभूमि में ही लिखी जाए, ऐसा ही दिखाई दे रहा है। ब्रज इलाके में एक नहीं, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, चौधरी अजित सिंह, सलमान खुर्शीद, रामबीर उपाध्याय, राजा महेन्द्र अरिमदन जैसे छह सियासी घरानों की सियासी प्रतिष्ठा दांव पर हैं, जहां राजनीति दलों और राजनीति के धुरंधरों, उनके पुत्रों, बहू एवं बेटी के अलावा एक फिल्म अभिनेत्री सियासत की अमर कथा लिखने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव ही केवल एक नेता नहीं, राजनीतिक घराने के मुखिया हैं। राजनीतिक घराने के रूप में उन्हें नंबर एक की संज्ञा दी जा सकती है। ऐसे केई राजनीतिक घरानों की आगामी 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की ब्रजभूमि की 12 लोकसभा सीटों पर मतदान के दौरान प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। सूबे की सत्तारूढ़ सपा के प्रमुख मुलायम सिंह यादव स्वयं मैनपुरी से अग्नि परीक्षा दे रहे हैं तो उनकी बहू और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी श्रीमती डिंपल यादव कन्नौज लोकसभा सीट पर सियासत की दूसरी पारी खेल रही हैं। मुलायम सिंह यादव के परिवार से ही रामगोपाल यादव के शहजादे अक्षय कुमार यादव सियासी जंग में हैं। यूपीए के सहयोगी रालोद प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के सुपुत्र जयंत चौधरी जो गांव और किसान की ताकत को स्थापित करने वाले चौधरी चरण सिंह की विरासत संभालने का दावा कर चुके हैं की भी मथुरा लोकसभा सीट पर इस बार अग्नि परीक्षा है, जिनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी से होना है। पिछड़े वर्ग की सियासत में सत्ता का जुनून भरने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अगली पीढ़ी विरासत को कितना सहेजेगी इस फैसले के लिए भी उनके शहजादे राजबीर सिंह एटा लोकसभा सीट पर सियासी जंग में हैं। एटा संसदीय क्षेत्र से पुत्र व पूर्व मंत्री राजबीर सिंह राजू भैया को चुनावी अखाड़े में उतारकर कल्याण सिंह ने विरासत की सियासत में एक और दांव लगाया है। गत दो विधानसभा चुनावों में डिबाई क्षेत्र से हार चुके राजू भैया इस बार मोदी मैजिक के सहारे सांसद चुने गए तो कल्याण परिवार का रुतबा बना रहेगा। ब्रज क्षेत्र में सियासी घराने के रूप में उपाध्याय परिवार दो दशक के भीतर मजबूत सियासी ताकत बनकर उभरा है। मसलन पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय न केवल अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को सांसद बनाने में सफल रहे, वरन अपने भाइयों को सत्ता के केंद्र बनाए रखा। रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से दूसरी बार लोकसभा में जाने की जुगत में है, जहां उनका मुकाबला रालोद प्रत्याशी अमर सिंह व भाजपा के चौ. बाबूलाल से होना है। ब्रज क्षेत्र में राजा भदावर परिवार का अर्से से राजनीति में बड़ा असर रहा है और इस इलाके में मजबूत सियासी घराना माना जाता है। राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह छह बार विधायक चुने गए, तो महेंद्र अरिमदन सिंह भी कम नहीं रहे हैं। कैबिनेट मंत्री महेंद्र अरिमदन ने अपनी विरासत कायम रखने के लिए पत्नी पक्षालिका सिंह को सपा उम्मीदवार के रूप में फतेहपुर सीकरी से सांसद बनने को चुनावी जंग में उतारा है। फरूखाबाद में केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का भी एक मजबूत सियासी घराना रहा है, जहां उनकी स्वयं अग्नि परीक्षा होनी है। हालांकि इस चरण के चुनाव में हाथरस से सपा के रामजीलाल सुमन, फिरोजाबाद से भाजपा के प्रो. एसपी सिंह बघेल, मथुरा में भाजपा प्रत्याशी और सिने तारिका हेमामालिनी, अकबरपुर में कांग्रेस सांसद राजाराम पाल जैसे नेताओं को भी अग्नि परीक्षा से गुजरना है।
मौजूदा सियासी तस्वीर
ब्रज भूमि इलाके की जिन 12 लोकसभा सीटों पर 24 अप्रैल को चुनाव होना है, उनकी मौजूदा तस्वीर को देखें तो 2009 के चुनाव में सपा चार, कांग्रेस तीन, रालोद दो तथा भाजपा व बसपा एक-एक सीट पर काबिज हुई थी। 16वीं लोकसभा की तस्वीर तो अभी भविष्य के गर्भ में छिपी है, जिसे 16 मई को आने वाले नतीजे ही साफ कर सकेंगे। 24 अप्रैल को जिन 12 सीटों पर चुनाव होना है उनमें आगरा (सु), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस(सु), एटा, हरदोई (सु) फरूर्खाबाद, इटावा (सु), कन्नौज और अकबरपुर शामिल हैं।
22Apr-2014

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