रविवार, 27 अप्रैल 2014

लोकसभा चुनाव: दागी उम्मीदवारों ने लांघा हजार का आंकड़ा!

भाजपा के सर्वाधिक 112 प्रत्याशी
102 दागियों के साथ कांग्रेस दूसरे पायदान पर 
ओ.पी. पाल
लोकसभा चुनाव में शायद सभी राजनीतिक दल इस बार आपराधिक दाग वाले उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं, तभी तो लोकसभा के लिए जारी सियासी जंग में सातवें चरण तक दागी उम्मीदवारों की संख्या हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। इन दागी उम्म्मीदवारों में सर्वाधिक भाजपा के 112 प्रत्याशी चुनाव के मैदान में हैं जबकि 102 दागी प्रत्याशियों के साथ कांग्रेस दूसरे पायदान पर है। आगामी 30 अप्रैल को सातवें चरण के चुनाव में नौ राज्यों की 89 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कुल 1295 में से 222 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं, जबकि छह चरण के चुनाव में 879 ऐसे प्रत्याशियों की किस्मत पहले ही ईवीएम में कैद हो चुकी है।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सुधार की दिशा में चुनाव आयोग की कवायद में सभी राजनीतिक दलों ने समर्थन करते हुए भले ही अपराध को राजनीति से अलग रखने की हमेशा दुहाई दी हो, लेकिन यह सच है कि 16वीं लोकसभा के चुनाव में जिस प्रकार राजनीतिक दल दागियों पर सियासी भरोसा जता रहे हैं शायद इससे पहले ऐसा कम ही देखने को मिल रहा था। अभी तक लोकसभा की 349 सीटों के लिए चुनाव हो चुके हैं जिसमें ईवीएम में बंद 5432 प्रत्याशियों की किस्मत में 879 दागियों का भाग्य भी शामिल है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म और इलेक्शन वॉच द्वारा प्रत्याशियों के खंगाले गये शपथपत्रों से सामने आए तथ्यों पर नजर डालें तो आगामी 30 अप्रैल को नौ राज्यों की 89 सीटों पर चुनाव होना है जिसके लिए मैदान में कूदे उम्मीदवारों में 222 पर आपराधिक दाग है। इन 222 में सर्वाधिक 27 कांग्रेस, 24 भाजपा, 16 बसपा, दस सपा, आठ जदयू, सात-सात आप और टीआरएसख् पांच सीपीआई(एम) के उम्मीदवार भी शामिल है। हालांकि पिछले दौर के चुनाव की तरह ऐसे दागियों में इस बार 112 निर्दलीय व छोटे दलों के प्रत्याशी शामिल हैं। इन 222 दागियों में 139 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके खिलाफ हत्या, लूट, बलात्कार और अन्य संगीन मामले लंबित हैं। जहां तक सातवें दौर के चुनाव में राज्यों का सवाल है उनमें गुजरात में सर्वाधिक 65 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि आंध्र प्रदेश की 17 सीटों पर 49, उत्तर प्रदेश की 14 सीटो पर 36, बिहार में सात सीटों पर 31, पंजाब में 23, पश्चिम बंगाल में 13 दागी प्रत्याशियों की फेहरिस्त है। संगीन मामलों से जुड़े उम्मीदवारों की सूची में सर्वाधिक 19 भाजपा, दस बसपा, सात-सात कांग्रेस, सपा व टीआरएस, पांच जदयू के अलावा 72 निर्दलीय व छोटे दलों के सियासी योद्धा शामिल हैं।
सात चरण तक के दागी
लोकसभा चुनाव में सातवें चरण तक 438 सीट बनती है, जिनमें छठे दौर तक 349 सीटों पर मतदान हो चुका है, जिनमें 879 दागियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया और अब 222 का 30 अप्रैल को सातवें दौर के चुनाव में कैद हो जाएगा। इन सातों चरण में 1101 दागियों की फेहरिस्त सामने आ चुकी है। इसमें सर्वाधिक 112 भाजपा, 102 कांग्रेस, 81 बसपा, 51 आम आदमी पार्टी, 41 सपा, 25-25 दागी उम्मीद वार सीपीआई(एम), सीपीआई(माले) व जदयू के शामिल हैं। सीपीआई के 19, तृणमृल के 11, शिवसेना के 21, जद-एस के 10, राकांपा के 16 उम्मीदवार दागियों की सूची में हैँ। जबकि निर्दलीय और छोटे दलों की संख्या सर्वाधिक 408 तक पहुंच गई हैं, जो बाहुबल के जरिए लोकसभा में जाने की जुगत में हैं।
रेड अलर्ट सीट
सातवें दौर के लिए 89 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए 42 सीटें ऐसी चिन्हित की गई हैं, जहां तीन या उससे ज्यादा प्रत्याशी सियासी जंग में हैं। इनमें सर्वाधिक सात प्रत्याशी बिहार की खगडिया सीट पर आप, लोजपा, लोकदल, राजद व आएनडी के उम्मीदवार हैं। जबकि छह-छह उत्तर प्रदेश की कानपुर व लखनऊ, व पंजाब की लुधियाना सीट जंग में हैं। गुजरात की महसाना, अमरेली, जामनगर, वलसाड, आंध्र प्रदेश की सिकंदराबाद व पेड्डापल्ली, पंजाब की खडूर साहिब व बिहार की समस्तीपुर सीट पर पांच-पांच दागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है। इसके अलावा 12 सीटों पर चार-चार तथा शेष पर तीन-तीन प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत दांव पर लगाई है।
27Apr-2014

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