सोमवार, 8 अप्रैल 2024

त्रिपुरा: भाजपा के सामने दोनों लोकसभा सीट बचाने की चुनौती

इंडिया गठबंधन दोनों सीटों पर लड़ेगा वर्चस्व कायम करने की जंग 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। भजापा शासित राज्य त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों पर दो चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव भी दिलचस्प होने की संभावना है। जहां भाजपा को अपनी दोनों सीटों को बचाने के लिए वर्चस्व के लिए चुनावी जंग करने की चुनौती होगी। वहीं इन दोनों सीटों पर भाजपा की चुनावी रणनीति को ध्वस्त करके इंडिया गठबंधन की जनाधार कायम करने के लिए अग्नि परीक्षा होगी। त्रिपुरा में 19 अप्रैल को पहले चरण की त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट के साथ एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी कराया जा रहा है। 
चुनाव आयोग ने त्रिपुरा में चुनाव के लिए एक मजबूत लोकतांत्रिक भावना कायम करने का प्रयास किये हैं। इसलिए राज्य में प्रत्येक नागरिक के लिए सुचारू और समावेशी मतदान अनुभव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से भी आयोग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। वहीं राजनीतिक दलों ने भी चुनाव में अपनी अपनी रणनीति के तहत अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि यहां भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। इसी दृष्टि से पहले चरण में पश्चिम त्रिपुरा सीट पर 150 संवेदनशील मतदान केंद्रों को चिन्हित करके वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती करने की व्यस्था की है। त्रिपुरा में कुल 3350 मतदान केंद्र बनाए गये हैं,जिनमें ब्रू बस्तियों के मतदाताओं को मतदान कराने के लिए 12 सहायक मतदान केंद्र भी शामिल हैं। जहां सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ प्रशान की सुचारु निगरानी रहेगी। त्रिपुरा में सीएपीएफ की कम से कम सत्तर कंपनियों तैनात की जा चुकी हैं। 
मतदाओं का चक्रव्यूह भेजने को बेताब सियासी दल 
पूर्वोत्तर में 60 विधानसभा सीटों वाले त्रिुपरा राज्य की दोनों लोकसभा सीटों में 30-30 विधानसभाएं हैं। दोनों लोकसभा सीटों पर इस बार 28,60,287 मतदाता मतदान करेंगे, जिनमें 14,36,644 पुरुष, 14,23,574 महिला तथा 69 थर्डजेंडर मतदाता भी शामिल हैं। इस 69,782 युवा वर्ग के नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। वहीं राज्य में 85 वर्ष से अधिक आयु के 11,101 महिला समेत 18,538 मतदाता हैं। जबक राज्य में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 7,454 समेत 9,225 है। इसमें से पहले चरण में त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट पर 14,63,526 है, जिनमें 7,34,133 पुरुष, 7,29,337 महिला और 56 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इस चरण में रामनगर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए 23,629 महिलाओं और 22,040 पुरुष समेत कुल 45,669 मतदाता मतदान करेंगे। जबकि दूसरे चरण 26 अप्रैल को त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट पर होने वाले मतदान में 14,61,836 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 7,33,645 पुरुष तथा 7,28,315 महिला, 58 ट्रांसजेंडर, 7,818 दिव्यांग तथा 5,920 सर्विस मतदाता हैं। 
मिजोरम के 17 हजार लोग भी डालेंगे वोट 
मिजोरम के लगभग 17 हजार ब्रू निवासी त्रिपुरा के इन लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों पर मतदान करेंगे। दरअसल साल 2020 में हुए एक चौगुने समझौते के बाद त्रिपुरा के दस स्थानों से पुनर्वासित ब्रू भी शामिल हैं, जो 22 साल से ज्यादा समय से उत्तरी त्रिपुरा के छह शिविरों में रह रहे थे। हालांकि वे मिजोरम के मतदाता हैं। 
दो सीटों पर 18 प्रत्याशी 
त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में भाजपा के बिपल्व कुमार देब समेतत नौ प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे। जबकि कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष असिश कुमार साहा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी शामिल हैं। जबकि त्रिपुरा पूर्वी लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव में दो महिला समेत नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। जहां भाजपा के कृति देवी देबबर्मा और सीपीआई-एम के राजेंद्र रेनग के बीच चुनावी जंग होने की उम्मीद है। भाजपा और इंडिया ब्लॉक सहित 18 उम्मीदवारों में से अधिकांश पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 
पहले चरण में कड़ा इम्तिहान 
पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र में 793 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 150 की पहचान ‘असुरक्षित’ के रूप में की गई है। इस सीट के हरेक विधानसभा क्षेत्र में एक या दो मतदान केंद्र आदर्श मतदान केंद्र, एक या दो महिला आधारित और एक या दो युवा पुरुष आधारित मतदान केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं। सुरक्षा की समीक्षा के बाद आयोग ने इस लोकसभा क्षेत्र में सुरक्षा बलों की 14 कंपनियां तैनात कर दी है, जिन्हें जरुरत पड़ने पर दोगुना करने की व्यवस्था भी की गई है। 
 -------------------- 
मिजोरम: भाजपा के लिए खाता खोलने की चुनौती 
लोकसभा की एक सीट के लिए मिजोरम में 19 अप्रैल को चुनाव होगा। 40 विधानसभा क्षेत्रों वाले मिजोरम की एक मात्र लोकसभा सीट पर इस बार 4.41 लाख महिलाओं समेत कुल 8,61,277 मतदाताओं में से 4,14,777 पुरुष, 4,41,520 महिला,; और 4,980 सेवा मतदाता हैं। वहीं 36,214 युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे, जबकि यहां 4,758 85 वर्ष और अधिक बुजुर्ग और 3,399 दिव्यांग मतदाता भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान में 36214 नए मतदाता पहली बार वोटिंग करेंगे। आयोग ने इस सीट पर 1276 मतदान केंद्र स्थापित किये हैं। इस सीट पर अब तक हुए 11 लोकसभा चुनाव में अब तक भाजपा अपना खाता नहीं खोल पाई है, जहां पांच बार निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना वर्चस्व कायम किया और कांग्रेस भी जीत का स्वाद चख चुकी है। साल 2019 के चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। 
बिना हिंसा के होता है सर्वाधिक मतदान 
पूर्वात्तर का मिजोरम ऐसा राज्य है, जहां चुनावी हिंसा रहित सर्वाधिक मतदान भी होता रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए तीन हजार से अधिक राज्य पुलिसकर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 15 कंपनियों (लगभग 1,000 कर्मी) को तैनात किया जा रहा है। हालांकि मिजोरम उन राज्यों में से एक है जहां चुनाव संबंधी हिंसा और घटनाएं हमेशा लगभग शून्य होती हैं और वोटिंग प्रतिशत देश में सबसे ज्यादा होता है। 
08Apr-2024

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें