गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

हॉट सीट वायनाड: सियासी चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती


राहुल गांधी के खिलाफ उनके गठबंधन की भाकपा ने भी खोला मोर्चा 
भाजपा व बसपा ने कांग्रेस प्रत्याशी की चौतरफा की घेराबंदी 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी जीत का कितना बड़ा महत्व है, लेकिन इस बार की चुनावी जंग में उन्हें कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है। इस हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ने की रणनीति तैयार करके भाजपा ने केरल के कद्दावर नेता एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के. सुरेन्द्रन को राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो कांग्रेसनीत इंडिया गठबंधन में शामिल भाकपा से ही मिलती नजर आ रही है, जहां भाकपा ने पार्टी के महासचिव डी. राजा की पत्नी एनी राजा को प्रत्याशी बनाया है। उसके अलावा इस सीट पर बसपा ने भी राहुल गांधी के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा किया है। मसलन कांग्रेस के खिलाफ चौतरफा घेराबंदी करके एक सियासी चक्रव्यूह तैयार किया गया है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी फंसे हुए हैं।
लोकसभा चुनाव में वैसे तो सभी राजनीतिक दल एक दूसरे के खिलाफ ठोस रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है। केरल की वायनाड लोकसभा इसलिए भी सभी दलों के लिए अहम मानी जा रही है, कि यहां के सांसद राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने दक्षिण भारत में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए जिस प्रकार की चुनाव रणनीति तैयार की है उसमें सबसे बड़ा सियासी जाल वायनाड सीट पर ही बुना गया है। यही नहीं भाजपा के खिलाफ कांग्रेसनीत इंडिया गठबंधन में शामिल भाकपा भी राहुल गांधी के खिलाफ इस सीट पर मजबूती के साथ चुनाव मैदान में है। 
क्या है चुनावी इतिहास 
केरल में 1980 में जिले के रुप में अस्तित्व में आए वायनाड जिले की लोकसभा सीट को परिसीमन के बाद बनाया गया, जहां पहला लोकसभा चुनाव साल 2009 और फिर 2014 मे हुआ, जहां कांग्रेस के एमआई शनावास ने लगातार जीत दर्ज की। शायद यही कारण था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तीन बार सांसद बनाने वाली यूपी के अमेठी सीट को छोड़कर अपने लिए वायनाड सीट सबसे सुरक्षित लगी और साल 2019 का चुनाव वायनाड से जीतकर संसद पहुंचे। राहुल गांधी ने अपने लिए सबसे सुरक्षित सीट वायनाड को चुनकर यहां से चुनाव जीता। इस बार वायनाड सीट पर हो रहे चौथे चुनाव में भी कांग्रेस के राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं। दरअसल तमिलनाडु और कर्नाटक से सटी वायनाड लोकसभा सीट केरल में हुए नए परिसीमन के बाद वायनाड के साथ कोझीकोड और मलाप्पुरम जिलों यानी तीन जिलों के राजनीतिक हिस्से को काटकर बनाई गई थी। वायनाड लोकसभा सीट के दायरे में तीनों ही जिले की कुल सात विधानसभाएं शामिल हैं, जिनमें वायनाड जिले की मनन्थावडी, सुल्तान बाथेरी और कलपेट्टा तथा मलप्पुरम जिले की इरंद, निलाम्बुर व वंडूर के अलावा एक अन्य विधानसभा तिरुवम्बाडी कोझीजिले की शामिल है। 
कौन है भाजपा व भाकपा प्रत्याशी 
वायनाड लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के प्रत्याशी के. सुरेंद्रन के राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी, जिन्हें 2009 में केरल में भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। फिलहाल वे भाजपा केरल के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं। केरल में हिंदुत्व के लिए आंदोलनों में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने में सुरेन्द्रन सबसे आगे रहे हैं। यदि भाकपा प्रत्याशी एनी राजा की बात की जाए तो वह भाकपा के महासचिव डी. राजा की पत्नी और भारतीय राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (एनएफआईडब्ल्यू) की महासचिव हैं। एनी राजा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी हैं। वह भी स्कूल के दिनों से राजनीति में जुड़ गई थी और सीपीआई की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन में रही हैं। वहीं कांग्रेस की घेराबंदी करने के लिए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी वायनाड सीट पर पीआर कृष्णनकुट्टी को प्रत्याशी बनाया है। 
क्या जातिगत समीकरण 
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर र हिंदू 45 प्रतिशत तथा मुस्लिम 41.5 प्रतिशत मतदाता हैं। इसके बाद 14.7 प्रतिाश्त ईसाई मतदाता वोटिंग करेंगे। इन धर्मो में अनुसूचित जाति के 7.1 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के 9.2 प्रतिशत तथा करीब 16 प्रतिशत ओबीसी और आदिवासी मतदाता भी शामिल है। बाकी अन्य जातियों का वोट बैंक भी राजनीतिक दलों के लिए साधा जाता रहा है। 
  25Apr-2024

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