रविवार, 28 अप्रैल 2024

गुजरात: भाजपा के लिए आसान नहीं ‘क्लीन स्वीप’ की हैट्रिक!

 कांग्रेस व आप ने मिलकर भाजपा के खिलाफ रचा चक्रव्यूह
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में सूरत सीट को छोड़कर गुजरात की 25 सीटों के लिए सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा। पिछले दो लोकसभा चुनाव में सभी सीटे जीतकर क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा तीसरी बार गुजरात को फतेह करने की तैयारी में है और उसी चुनावी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है। लेकिन कांग्रेस और आप ने कुछ सीटो पर ऐसा सियासी दांव खेला है, कि भाजपा का गुजरात में ‘क्लीन स्वीप’ की हैट्रिक बनाने का सपना टूट सकता है? गुजरात के लोकसभा चुनाव में प्रमुख चुनावी मुकाबला कांग्रेस के साथ ही होना तय है, लेकिन इस बार गुजरात में चुनाव मैदान में उतरे अन्य दलों और निर्दलीयों की चुनावी ताल को भी नजरअंदाज करना सहज नहीं होगा, जो भाजपा व कांग्रेस की हार जीत के समीकरण को प्रभावित करने में सक्षम साबित हो सकते हैं। बहरहाल गुजरात के चुनावी नतीजों का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह चुनावी नतीजे  आने के बाद ही तय होगा। 
गुजरात लोकसभा चुनाव में सूरत सीट को छोड़कर बाकी 25 सीटों के साथ ही सात मई को राज्य की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी मतदान कराया जाएगा। पिछले दो लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा एक दशक से सभी सीटों पर काबिज है। 182 सदस्यीय विधानसभा वाले गुजरात की 26 लोकसभा सीटों पर भाजपा अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने और बाकी सभी निर्दलीयों द्वारा अपने नामांकन वापस लेने की वजह से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा सका है। यहां कांग्रेस ने 24 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस के सहयोगी दल ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के खिलाफ नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस पार्टी का फोकस गुजरात की उन 14 लोकसभा सीटो पर होगा, जहां भाजपा ने मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को उतारा है। गौरतलब है कि भाजपा ने अमित शाह, मनसुख मांडविया समेत केवल 12 मौजूदा सांसदों पर ही भरोसा जताया है। भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर अपने मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। इसलिए राजनीतिक विशेषज्ञ भी यह मानकर चल रहे हैं कि कांग्रेस की ठोस चुनावी रणनीति के सामने भाजपा को गुजरात फतेह करने के लिए कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ सकता है। पिछले दिनों राजकोट लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाल की टिप्पणी से इस बार राजपूत समुदाय ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, हालांकि रूपाला ने दो बार चुनावी रैली के बाद इसके लिए माफी भी मांग ली है, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को हवा देकर राजपूतों को साधने में जुट गई है। 
निर्णायक होंगे युवा मतदाता 
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर चुनाव और पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 7 मई को मतदान होगा। गुजरात में 4,94,49,469 मतदाता इस चुनावी समर में मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं, जिनमें 2.54 करोड़ पुरुष और 2.39 करोड़ महिलाओं के अलवा 1503 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इनमें 18-19 आयु वर्ग के 11.32 लाख युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। वहीं राज्य में 100 साल से ज्यादा उम्र के 10,322 शतायु मतदाता भी वोटिंग करने के लिए पात्र होंगे। साल 2019 के चुनाव की तुलना में 43,23,789 बढ़ गई है। मसलन इस बार गुजरात में 49.2 मिलियन मतदाताओं का इजाफा हुआ, जिनमें 1.1 मिलियन पहली बार के मतदाता शामिल हैं। 
हरेक विधानसभा में एक आदर्श मतदान केंद्र 
गुजरात लोकसभा चुनाव में 29,568 मतदान केंद्रों पर 87,042 बैलेट यूनिट ईवीएम की 71,682 कंट्रोल यूनिट होगी, जहां वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों यानी वीवीपैट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से प्रत्येक में एक मॉडल मतदान केंद्र होगा, जिसे इस अवसर के लिए सेल्फी बूथ से सजाया जाएगा। इन बूथों में पार्किंग और बैठने की सुविधा होगी। गुजरात में 1,274 मतदान केंद्र (प्रति विधानसभा सात सीटें) ‘सखी मतदान माथक’ के रूप में स्थापित की जाएंगी, जो पूरी तरह से महिला अधिकारियों द्वारा प्रबंधित की जाएंगी। चुनाव के दिन पूरे गुजरात में लगभग 25,000 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी। 
चुनाव के लिए व्यवस्था 
गुजरात में 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र के मतदाताओं और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग लोगों को घर से मतदान करने की अनुमति दी गई। चुनाव संबंधी कार्यों के लिए राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों सहित कुल 4.5 लाख कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनमें से 1.67 लाख से अधिक मतदान अधिकारी हैं। राज्य में चुनाव के दौरान 1.2 लाख से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जायेंगे। 
क्या है जातीय समीकरण गुजरात में सबसे ज्यादा 52 फीसदी ओबीसी मतदाता है, जिनमें 12 प्रतिशत राजपूत व कोली समेत 146 जातियां शामिल हैं। इसके अलावा पाटीदार(पटेल) 15 फीसदी, आदिवासी 11 फीसदी, मुस्लिम 9 फीसदी, दलित 7 फीसदी के अलावा वैश्य, ब्राह्मण, जैन व कायस्थ जैसे सवर्ण छह फीसदी हैं।
अमित शाह समेत कई दिग्गज 
गुजरात की 26 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा के टिकट पर गांधीनगर सीट से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही राजकोट सीट से केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, पोरबंदर सीट से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं दाहोद सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह भाभोर और भरुच सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख भाई बरुवा भी भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। उधर कांग्रेस ने भी भाजपा के सामने चुनौती पेश करते हुए ज्यादातर सीटो पर केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के सामने मौजूदा विधायकों को चुनावी जंग में उतारा है। 
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पांच विधानसभा सीटो पर उपचुनाव गुजरात लोकसभा की 26 सीटों के साथ पांच विधानसभा सीटों वीजापुर, पोरबंदर, माणावदर, खंभात व वाघोडिया के लिए उप चुनाव के लिए भी सात मई को वोटिंग होगी। इन सीटों पर 2022 के चुनाव में जीते कांग्रेस के चार एक निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन था। हालांकि आप के एक विधायक भी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे,लेकिन उस सीट पर चुनाव नहीं हो रहा है। भाजपा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर उन्हीं पूर्व विधायकों को इन सीटो पर उम्मीदवार बनाया है। इन विधानसभा सीटो कांग्रेस के सामने बागियों को चुनौती देने की परीक्षा होगी। 
28Apr-2024

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